आगरा, उत्तर प्रदेश: गुरुवार, 5 जून 2025, शाम 6:30 बजे।
विश्व पर्यावरण दिवस के पावन अवसर पर, आगरा के सिकंदरा बोदला क्षेत्र के प्रख्यात चिकित्सकों ने स्वास्थ्य और पर्यावरण के बीच के गहरे संबंध को रेखांकित करते हुए एक अनूठी और महत्वपूर्ण पहल की है। सिकंदरा बोदला डॉक्टर एसोसिएशन के तत्वावधान में आज इंडस्ट्रियल एरिया सिकंदरा स्थित परमहंस योगानंद नेत्र चिकित्सालय के प्रांगण में एक वृहद पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहाँ चिकित्सकों ने केवल पौधे नहीं लगाए, बल्कि सिंगल यूज़ प्लास्टिक के खिलाफ एक निर्णायक लड़ाई लड़ने का भी संकल्प लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ वरिष्ठ नेत्र रोग चिकित्सक डॉ. राम बिहारी सक्सेना के हाथों हुआ, जिन्होंने सर्वप्रथम एक पौधा रोपित कर इस पुनीत कार्य का श्रीगणेश किया। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. पंकज नगायच ने इस अवसर पर बताया कि संगठन के लगभग 25 चिकित्सकों ने इस कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस वृहद पौधारोपण अभियान के तहत विभिन्न प्रकार के फलदार और औषधीय वृक्षों के पौधे रोपे गए, जिनमें प्रमुख रूप से जामुन, आम, नींबू, संतरा, नीम और अमरूद के पौधे शामिल थे। यह पहल न केवल हरियाली को बढ़ावा देगी, बल्कि आने वाले समय में पर्यावरण को स्वच्छ रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
माइक्रोप्लास्टिक का विकराल खतरा: क्रेडिट कार्ड जितना प्लास्टिक शरीर में! पौधारोपण के साथ-साथ, चिकित्सकों ने सिंगल यूज़ प्लास्टिक से होने वाले गंभीर पर्यावरणीय और स्वास्थ्य खतरों पर भी गहन चर्चा की। डॉ. पंकज नगायच ने माइक्रोप्लास्टिक के बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ये वह सूक्ष्म कण हैं, जो आज हमारे फल, सब्जियों और अंततः मनुष्य के शरीर के अंदर समा रहे हैं, और ये अत्यंत हानिकारक हैं। उन्होंने एक चौंकाने वाले आंकड़े का हवाला देते हुए बताया कि “एक आंकड़े के हिसाब से क्रेडिट कार्ड की साइज के बराबर का प्लास्टिक माइक्रो कणों के रूप में मनुष्य के शरीर में पाया जाने लगा है।” इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्लास्टिक अब कितना विकराल हत्या का रूप ले चुका है, जो अदृश्य रूप से हमारे स्वास्थ्य को क्षति पहुंचा रहा है।
डॉ. नगायच ने इस मुहिम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक वृक्ष मां के नाम 2.0’ अभियान से भी जोड़ा, यह दर्शाते हुए कि सभी चिकित्सक धरती मां के साथ अपने जुड़ाव को मजबूत कर रहे हैं।
निरंतर प्रयास और आदत बदलने का आह्वान: इस अवसर पर आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के अध्यक्ष डॉ. अनूप दीक्षित ने इस पौधारोपण कार्यक्रम को केवल एक दिन का आयोजन न मानकर, इसे पूरे वर्ष निरंतर चलाने का प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने जोर दिया कि प्लास्टिक के खिलाफ लड़ाई को रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा और आदत बना लेना चाहिए।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. संगीता चतुर्वेदी ने प्लास्टिक से छुटकारा पाने के लिए छोटे-छोटे, लेकिन प्रभावी प्रयासों की आवश्यकता बताई। उन्होंने सलाह दी कि हर व्यक्ति को घर से अपनी पानी की बोतल लेकर निकलना चाहिए और खरीदारी के लिए हमेशा कपड़े का थैला साथ रखना चाहिए। ये छोटे कदम सामूहिक रूप से बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
डॉ. सीमा सिंह ने एक अभिनव विचार प्रस्तुत करते हुए ‘माइक्रो फॉरेस्ट’ के कॉन्सेप्ट को विकसित करने की बात कही। उन्होंने सुझाव दिया कि जहाँ भी खाली जगह मौजूद हो, वहाँ सरकार को बृहद पौधारोपण करना चाहिए और स्थानीय नागरिकों को उन पौधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में डॉ. मुकेश चौधरी, डा. गौरव सिकरवार, डा. विकास, डॉक्टर बी एस बघेल, डॉ योगेश सिंघल, डॉ अरुण जैन, डॉ मनोज सक्सेना, डॉ अनीता शर्मा, डॉ दीप्ति अग्रवाल, डॉक्टर हर्ष सक्सैना सहित बड़ी संख्या में चिकित्सक उपस्थित रहे। चिकित्सकों के बच्चों की उपस्थिति ने भी कार्यक्रम को एक विशेष आयाम दिया, जो नई पीढ़ी में पर्यावरण चेतना विकसित करने का संदेश देता है। यह पहल आगरा के चिकित्सक समुदाय की अपने शहर को स्वच्छ, हरित और स्वस्थ बनाने की प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।



