Tuesday, 24 June 2025, 10:12:00 AM. Agra, Uttar Pradesh
आगरा। ईरान और इजराइल के बीच युद्ध की संभावनाओं ने अब अंतरराष्ट्रीय विमानन को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। बीती रात ईरान द्वारा अमेरिकी एयरबेस पर मिसाइलें दागे जाने के बाद सुरक्षा कारणों से कतर ने अपने एयरस्पेस को पूरी तरह बंद कर दिया है। इस फैसले का प्रभाव उन सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पड़ा है, जिनका ट्रांजिट दोहा एयरपोर्ट के माध्यम से होता है। इससे भारत लौटने वाले सैकड़ों यात्री प्रभावित हुए हैं, जिनमें प्रख्यात हिंदी कवि और गीतकार पद्मभूषण गोपालदास नीरज के बेटे शशांक नीरज का परिवार भी शामिल है।
शशांक नीरज अपने बेटे और बेटी के साथ छुट्टियां मनाने जॉर्जिया गए थे, लेकिन अब वे त्बिलिसी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर फंसे हुए हैं।
वीडियो में छलका दर्द, कहा- यह वैकेशन नर्क बन गया है
शशांक नीरज ने जॉर्जिया एयरपोर्ट से एक वीडियो जारी कर सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा व्यक्त की है। उन्होंने कहा, “मैं तो जॉर्जिया घूमने आया था, लेकिन अब ये वैकेशन मेरे लिए नर्क बन गया है। न वापसी की गारंटी है, न एयरलाइन कोई सहयोग कर रही है।” यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है।
फ्लाइट रद्द, रिफंड नहीं
शशांक ने बताया कि उन्हें 21 जून को एयर अरेबिया की फ्लाइट से भारत लौटना था, लेकिन अचानक फ्लाइट रद्द कर दी गई। जब उन्होंने रिफंड की मांग की, तो एयरलाइन ने इंकार कर दिया। टिकट पर पहले से ही लिखा था कि इस स्थिति में कोई क्षतिपूर्ति नहीं दी जाएगी। उन्होंने ट्रैवल इंश्योरेंस भी ले रखा था, लेकिन ट्रैवल एजेंट ने इस मामले में कोई जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया।
नई टिकट बुक, लेकिन उड़ान पर भरोसा नहीं
स्थिति से मजबूर होकर शशांक ने 25 जून के लिए एयर एमिनेंट्स की एक नई फ्लाइट बुक की, जिसकी कीमत साढ़े तीन लाख रुपये से अधिक है। लेकिन उन्हें अब भी यकीन नहीं है कि यह फ्लाइट उड़ान भर सकेगी या नहीं, क्योंकि स्थिति लगातार अस्थिर बनी हुई है।
फ्लाइट में बैठने के बाद भी उतार दिए गए यात्री
23 जून को उन्हें इंडिगो की एक फ्लाइट में स्थान मिला, जिसमें वे सवार भी हो गए। उनके साथ लगभग 40 अन्य भारतीय यात्री भी मौजूद थे। लेकिन उड़ान से कुछ मिनट पहले सभी यात्रियों को फ्लाइट से उतार दिया गया। कारण बताया गया कि दोहा एयरपोर्ट के समीप हमला हुआ है और अब कतर का एयरस्पेस बंद कर दिया गया है। ऐसे में जब तक एयरस्पेस नहीं खुलता, भारत के लिए कोई भी फ्लाइट संभव नहीं है।
दर्जनों भारतीय परिवार फंसे हुए
शशांक ने बताया कि वह अकेले नहीं हैं, बल्कि दर्जनों भारतीय परिवार जॉर्जिया के एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं। इनमें छोटे बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं भी शामिल हैं। सभी बेहद परेशान हैं और किसी भी स्तर पर उन्हें कोई स्पष्ट जानकारी या मदद नहीं मिल रही है।
भारत सरकार से लगाई मदद की गुहार
शशांक नीरज ने भारत सरकार और विदेश मंत्रालय से मदद की अपील की है। उन्होंने कहा कि भारतीय दूतावास को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए और वहां फंसे सभी भारतीय नागरिकों को सुरक्षित व शीघ्र भारत वापस लाने की व्यवस्था करनी चाहिए।
इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव अब आम नागरिकों को भी बुरी तरह प्रभावित कर रहा है।
कतर एयरस्पेस बंद होने के कारण स्थिति गंभीर
विशेषज्ञों के अनुसार, ईरान-इजराइल तनाव के कारण अमेरिका और अरब देशों की सैन्य गतिविधियों में तेज़ी आई है। कतर ने संभावित खतरे को देखते हुए अपने एयरस्पेस को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। इस वजह से ट्रांजिट के रूप में दोहा का प्रयोग करने वाली फ्लाइट्स – विशेष रूप से एयर अरेबिया, कतर एयरवेज, फ्लाई दुबई आदि – पर सीधा असर पड़ा है।
राहत कब तक, स्पष्ट नहीं
एविएशन एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जब तक कतर एयरस्पेस पुनः नहीं खुलता, तब तक इन उड़ानों का संचालन असंभव रहेगा। दूसरी ओर, वैकल्पिक रूट बहुत महंगे और सीमित हैं, जिससे हवाई किराया भी अचानक कई गुना बढ़ गया है।
भारत लौटने के प्रयास में जुटे यात्री
शशांक समेत तमाम भारतीय परिवार अब वैकल्पिक मार्गों से भारत लौटने की कोशिश कर रहे हैं, जिनमें दुबई, मस्कट या इस्तांबुल के रास्ते भी शामिल हैं। हालांकि इन रूट्स पर भी सीटों की भारी कमी है और टिकट के दाम अत्यधिक बढ़ चुके हैं।
सोशल मीडिया पर समर्थन और चिंता
इस मामले के प्रकाश में आने के बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने शशांक नीरज और अन्य यात्रियों के लिए सहानुभूति जताई है। कुछ यूजर्स ने विदेश मंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय को टैग कर इस मुद्दे पर कार्रवाई की मांग की है।
कवि नीरज का आगरा से गहरा नाता
शशांक नीरज के पिता, पद्मभूषण से सम्मानित प्रसिद्ध गीतकार और कवि गोपालदास नीरज का आगरा से गहरा जुड़ाव रहा है। ऐसे में आगरा के साहित्यिक व सांस्कृतिक जगत में भी इस खबर से चिंता की लहर है।
फिलहाल शशांक नीरज अपने परिवार के साथ जॉर्जिया एयरपोर्ट पर हैं और भारत वापसी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उनकी यह आपबीती उन हजारों यात्रियों की स्थिति को बयां करती है, जो वैश्विक संकट के चलते अनजाने में कठिनाइयों में फंस जाते हैं।