Monday, 23 June 2025, 6:50:00 PM. Agra, Uttar Pradesh
आगरा। उत्तर भारत के खाद्य उद्योग में इतिहास रचते हुए “फूड एक्सपो एंड कॉन्क्लेव 2025” का दूसरा दिन तकनीकी सत्रों, नवाचारों और वैश्विक संभावनाओं पर केंद्रित रहा। आगरा के होटल जेपी पैलेस में रावी इवेंट्स के प्रबंधन में चैंबर ऑफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन द्वारा, भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय के सहयोग से आयोजित यह आयोजन उत्तर भारत का सबसे बड़ा खाद्य व्यापार महाकुंभ बन गया है। 4000 से अधिक व्यापारियों और 100+ स्टॉल्स की भागीदारी ने इसे एक ऐतिहासिक पहचान दी।
तकनीकी सत्रों से सजी सुबह: कोल्ड स्टोरेज उद्योग की गूंज
दूसरे दिन का पहला सत्र उत्तर प्रदेश की कोल्ड चैन और वेयरहाउसिंग इंडस्ट्री पर केंद्रित रहा, विशेष रूप से आलू भंडारण से जुड़ी समस्याओं पर। इस सत्र का दीप प्रज्वलन राकेश गर्ग (अध्यक्ष, यूपी लघु उद्योग निगम), मुकेश अग्रवाल (फेडरेशन ऑफ इंडिया कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन), अरविंद अग्रवाल (अध्यक्ष, यूपी कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन), भुवेश अग्रवाल (अध्यक्ष, आगरा कोल्ड स्टोरेज ओनर्स एसोसिएशन), भाजपा महानगर अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता सहित कई विशिष्ट अतिथियों ने किया।
सत्र में पूर्व अध्यक्ष राजेश गोयल और सुदर्शन सिंघल को श्रद्धांजलि भी अर्पित की गई। डिप्टी डायरेक्टर आलू कौशल कुमार नीरज ने बताया कि आगरा के 329 कोल्ड स्टोरेज की कुल क्षमता 6 करोड़ टन है, परंतु केवल 4.75 करोड़ टन की निकासी हो पाई है।
“केवल आलू नहीं, अब मटर-मिर्च भी स्टोर करें” – राकेश गर्ग
राकेश गर्ग ने कोल्ड स्टोरेज स्वामियों से आलू की एकमात्र निर्भरता से आगे बढ़ने का आग्रह किया। उन्होंने गाजर, मटर, मिर्च, और अन्य उत्पादों के भंडारण और प्रोसेसिंग यूनिट्स लगाने की सलाह दी। वहीं एनसीसीडी के सीईओ आशीष फोतेदार ने केंद्र सरकार की योजनाओं की जानकारी दी और सीए आर.के. जैन ने सब्सिडी नियमों पर प्रकाश डाला। ऊर्जा दक्षता और टेक्नोलॉजी पर डीपी यादव ने भी अहम सुझाव रखे।
दूसरा सत्र: नवाचार और एमएसएमई पंजीकरण
एमएसएमई मंत्रालय के सह निदेशक सुशील यादव ने नवाचार करने वाले उद्यमियों को सरल एमएसएमई पंजीकरण प्रक्रिया की जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि कैसे डिजिटल माध्यम से उद्यमी तेजी से पंजीकरण कर सकेंगे और विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकेंगे। इस सत्र का संचालन सीएफपीआईए अध्यक्ष राजकुमार भगत, महासचिव अनुज सिंघल और उपाध्यक्ष नितिन गोयल ने किया।
तीसरा सत्र: वैश्विक बाजार की दिशा में भारत की भागीदारी
भारतीय मसालों, सब्जियों और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय मांग पर चौथे सत्र में फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO) के आलोक श्रीवास्तव ने व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि 200 से अधिक देशों में भारतीय उत्पादों की भारी मांग है, लेकिन भारत की बाजार हिस्सेदारी अब भी 2% से कम है।
उनका सुझाव था कि अफ्रीका, यूरोप और दक्षिण एशिया के विशेष क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर भारत अपने खाद्य निर्यात में क्रांति ला सकता है।
चौथा सत्र: खाद्य तकनीक का भविष्य
इस सत्र में सीएसआईआर–सीएफटीआरआई, मैसूर की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. खुशबू शर्मा और डॉ. विजयलक्ष्मी एस ने खाद्य प्रसंस्करण की नवीनतम तकनीकों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि न्यूनतम प्रसंस्करण द्वारा पोषण, स्वाद और प्राकृतिक संरचना को बरकरार रखते हुए उत्पादों की दीर्घकालीन शेल्फ लाइफ सुनिश्चित की जा सकती है।
उन्होंने रेडी-टू-कुक व ईट प्रोडक्ट्स, मोटे अनाज आधारित उत्पाद, और पर्यावरण-अनुकूल पैकेजिंग जैसे नवाचारों की जानकारी दी। उत्तर भारत के उद्यमी लखनऊ स्थित केंद्र से तकनीकी सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
आईपीओ की ओर बढ़ता एमएसएमई: ब्रांड बनाना अब आसान
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट सुमित सक्सेना ने कहा कि यदि किसी कंपनी का टर्नओवर ₹1 करोड़ से अधिक है और तीन वर्ष पुरानी है, तो वह SME IPO के लिए पात्र हो सकती है। इसके अलावा ब्रांड निर्माण, पंजीकरण और फाइनेंशियल डॉक्युमेंटेशन पर सीएस अनुज अशोक और मनोज शर्मा ने मार्गदर्शन दिया।
महिला उद्यमियों का उत्साह और देसी स्वाद का जादू
ओरा फूड्स की गुरु रत्नम ने सब्जी पाउडर, अर्क और ऑयल जैसे नवाचार प्रस्तुत किए। कल्पना अग्रवाल के “होम ऑफ मील” के चाय प्रीमिक्स और ग्रेवी प्रोडक्ट्स, तथा ऋतु बंसल की “सोल फूड्स” के देसी अचार को खूब सराहना मिली।
हाथरस की हींग और जैविक उत्पादों ने विशेष आकर्षण बटोरा। महिला उद्यमियों को मंच भी मिला और सराहना भी।
समापन सत्र का पूर्वावलोकन: पर्यावरण और उद्योग पर होगा मंथन
चैंबर अध्यक्ष राजकुमार भगत ने जानकारी दी कि एक्सपो के तीसरे और अंतिम दिन, 24 जून को “उद्योग और पर्यावरण” विषय पर विशेष सत्र होगा। इसमें एपीडा, एफआईईओ, डीजीएफटी जैसी संस्थाओं की सहभागिता रहेगी। यूपीएमआईसी द्वारा जेईडी और आरएएमपी पर कार्यशाला का आयोजन होगा।
ईएसजी विषय पर आयुषी भारद्वाज मार्गदर्शन देंगी और समापन सत्र में सभी सरकारी योजनाओं व बैंकिंग सहायता पर विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
संचालन और प्रमुख उपस्थिति
सभी सत्रों का संचालन कुशलता से श्रुति सिन्हा ने किया। प्रमुख रूप से राजकुमार भगत, अनुज सिंघल, नितिन गोयल, मनीष अग्रवाल रावी, मुकेश अग्रवाल, अरविंद अग्रवाल, भुवेश अग्रवाल, अजय गुप्ता, गोविंद कजरिया, हसमुख गांधी, राजकुमार गुप्ता (भाजपा), राजेश गोयल, सुदर्शन सिंघल आदि उपस्थित रहे।
इस आयोजन ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि आगरा अब सिर्फ मसालों की राजधानी नहीं, बल्कि भारत के खाद्य नवाचार और निर्यात के केंद्र के रूप में उभर रहा है।
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