May 31, 2025 | 05:30 PM. आगरा। सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज (SNMC), आगरा, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की वैश्विक पहल के तहत कल विश्व तंबाकू निषेध दिवस (31 मई 2025) मना रहा है। इस वर्ष का थीम “Unmasking the Appeal: Exposing Industry Tactics on Tobacco and Nicotine Products” है। इसका मुख्य उद्देश्य तंबाकू और निकोटीन उद्योगों द्वारा अपनाई जा रही उन चालाकी भरी रणनीतियों को उजागर करना है, जिनके माध्यम से वे अपने हानिकारक उत्पादों को आकर्षक बनाते हैं, खासकर युवाओं को लक्षित करते हुए।
SNMC के प्रधानाचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने इस अवसर पर कहा, “हमारा संस्थान तंबाकू मुक्त भारत की दिशा में पूरी तरह प्रतिबद्ध है और हम सभी को स्वस्थ जीवन की ओर प्रेरित करते हैं।”
तंबाकू: एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट और भयावह आंकड़े
तंबाकू का उपयोग भारत में अनगिनत बीमारियों और मौतों का एक प्रमुख कारण है। इसके सेवन से मुंह का कैंसर, हृदय रोग, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), फेफड़ों का कैंसर आदि जैसी जानलेवा बीमारियां होती हैं।
भारत में तंबाकू सेवन से लगभग 10 लाख लोगों की प्रति वर्ष मृत्यु होती है, जो देश की कुल मृत्यु दर का 17.8% है। इसमें सबसे अधिक 2.74 लाख मौतें हृदयघात से होती हैं। चौंकाने वाला तथ्य यह है कि 26.7% युवाओं ने कभी न कभी तंबाकू का सेवन किया है, और 33.8% युवाओं ने तंबाकू उत्पादों का उपयोग किया है। प्रति वर्ष लगभग 1,77,341 करोड़ रुपये स्वास्थ्य विभाग द्वारा तंबाकू से होने वाली जानलेवा बीमारियों के इलाज पर खर्च किए जाते हैं, जो किसी देश की प्रगति के लिए उपयोग किए जा सकते थे। युवाओं के लिए तंबाकू विशेष रूप से खतरनाक है, क्योंकि उन्हें इसकी लत जल्दी पड़ जाती है। तंबाकू उद्योग विभिन्न आकर्षक पैकेजिंग, स्वाद और डिज़ाइन के माध्यम से इन उत्पादों को लुभावना बनाता है, जिससे युवाओं को आसानी से आकर्षित किया जा सके।
SNMC का व्यापक जागरूकता और सहायता अभियान
सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज तंबाकू के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और लोगों को इसे छोड़ने के लिए प्रेरित करने हेतु एक व्यापक अभियान चला रहा है:
- IEC (इनफार्मेशन एजुकेशन कम्युनिकेशन) अभियान: जानकारी, शिक्षा और संचार के माध्यम से तंबाकू से होने वाली बीमारियों के प्रति जनता को जागरूक किया जाता है।
- UHTC (अर्बन हेल्थ ट्रेनिंग सेंटर) और RHTC (रूरल हेल्थ ट्रेनिंग सेंटर): इन केंद्रों के माध्यम से काउंसलिंग, रेफरल सेवाएं और तंबाकू छोड़ने के लिए सहायता प्रदान की जाती है।
- जनजागरूकता अभियान: मेडिकल कॉलेज के एसपीएम विभाग द्वारा घर-घर जाकर लोगों को तंबाकू छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाता है।
- आयोजन: हाल ही में, संस्थान ने तंबाकू निषेध रैलियां और नुक्कड़ नाटक आयोजित किए हैं।
- सामुदायिक जागरूकता: कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित किए जाते हैं, जहाँ ENT, साइकेट्री, डेंटल और अन्य विभागों द्वारा तंबाकू के दुष्प्रभावों पर विस्तृत चर्चा की जाती है। संस्थान में मुंह के छालों की स्क्रीनिंग भी की जाती है।
- डिजिटल माध्यम से जागरूकता: मेडिकल कॉलेज के एसपीएम विभाग द्वारा पोस्टर, इन्फोग्राफिक्स, रील्स, स्ट्रीट प्लेज और शॉर्ट फिल्म के माध्यम से भी तंबाकू छोड़ने के लिए जागरूकता फैलाई जा रही है।
- जागरूकता कक्षाएं: OPD और कक्षाओं में छात्रों और मरीजों को तंबाकू के बारे में जागरूक किया जाता है।
- योग और लाइफस्टाइल मॉडिफिकेशन: मेडिकल कॉलेज में छात्रों और सभी सदस्यों के लिए योगा क्लासेस भी आयोजित की जाती हैं। साथ ही मेडिटेशन व लाइफस्टाइल मॉडिफिकेशन पर भी जोर दिया जाता है।
- इलाज सुविधाएं: संस्थान में मुंह के कैंसर की जांच, सांस संबंधी जांचें, सर्जरी एवं रेडियोथेरेपी से इलाज की सुविधा उपलब्ध है।
- शपथ अभियान: छात्र और स्टाफ को तंबाकू मुक्त रहने की शपथ भी दिलवाई जाती है।
‘तंबाकू से नाता तोड़ो, स्वस्थ जीवन से नाता जोड़ो’
SNMC सभी से अपील करता है कि वे तंबाकू मुक्त एंबेसडर के रूप में कार्य करें और इस संदेश को फैलाएं कि “It’s Never too Late to Stop.” संस्थान तंबाकू छोड़ने के लिए डी-एडिक्शन सहायता और सेवाएं भी प्रदान करता है। मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सा विभाग के अंतर्गत एक नशा मुक्ति केंद्र संचालित है, जहाँ नशा मुक्ति के लिए विशेष काउंसलिंग दी जाती है।
मनोचिकित्सा, UHTC और RHTC विभागों के साथ-साथ संस्थान के फैकल्टी, इंटर्न और स्वयंसेवक इस अभियान को मेहनत और प्रतिबद्धता से चला रहे हैं।
प्रधानाचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता का संदेश है: “आइए हम सभी मिलकर एक तंबाकू मुक्त पीढ़ी की ओर कदम बढ़ाएं। स्वस्थ भारत की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।” उन्होंने दोहराया कि तंबाकू, चाहे वह सिगरेट हो, बीड़ी हो, गुटका, खैनी या जर्दा, स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है। “तंबाकू से नाता तोड़ो, स्वस्थ जीवन से नाता जोड़ो।”