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केर्च पुल पर यूक्रेन का भीषण हमला: 1100 किलो के ‘साइलेंट किलर’ बम से उड़ाया,

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कीव, यूक्रेन: बुधवार, 4 जून 2025, सुबह 1:00 बजे।

रूस-यूक्रेन युद्ध में एक और ऐसा भीषण अध्याय जुड़ गया है, जिसने संघर्ष की क्रूरता और यूक्रेन के दृढ़ संकल्प को एक बार फिर दुनिया के सामने ला खड़ा किया है। युद्ध के सबसे रणनीतिक लक्ष्यों में से एक, केर्च पुल (क्रीमियन ब्रिज) पर यूक्रेन ने एक बार फिर हमला किया है, लेकिन इस बार का वार कहीं अधिक सटीक और भयावह बताया जा रहा है। यूक्रेन ने दावा किया है कि उसने 1100 किलोग्राम के एक ऐसे ‘अंडरग्राउंड’ या ‘समुद्र तल पर स्थापित’ विस्फोटक का इस्तेमाल किया, जिसने पुल की नींव को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। इस धमाके के बाद, रूस ने तत्काल क्रीमिया को अपनी मुख्य भूमि से जोड़ने वाले इस विशाल और महत्वपूर्ण पुल पर यातायात रोक दिया है, जिससे रूसी सैन्य अभियानों के लिए एक बड़ी जीवन रेखा बाधित हो गई है।

एसबीयू (यूक्रेनी सुरक्षा सेवा) ने इस ‘ऑपरेशन’ की जिम्मेदारी लेते हुए बताया कि इस हमले को अंजाम देने में महीनों की बारीक योजना और अथक प्रयास शामिल थे। यह पुल पर फरवरी 2022 में रूस के पूर्ण पैमाने पर आक्रमण शुरू होने के बाद से तीसरा यूक्रेनी हमला है, जो दर्शाता है कि यूक्रेन किस तरह रूस के रणनीतिक ठिकानों को लगातार निशाना बनाने में सफल हो रहा है। समंदर की गहराई में छिपा यह ‘साइलेंट किलर’ विस्फोटक उस समय फटा, जब पुतिन की सेना आसमान और ज़मीन पर अपनी पकड़ मजबूत करने में लगी थी, लेकिन समंदर के भीतर से आया यह वार उनके लिए अप्रत्याशित साबित हुआ।

रूस का क्रूर पलटवार और जेलेंस्की की अपील:

केर्च पुल पर हुए इस बड़े हमले के जवाब में, रूस ने मंगलवार को यूक्रेन के पूर्वोत्तर शहर सुमी को निशाना बनाते हुए भीषण हवाई हमला किया। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि इस क्रूर हमले में शहर के केंद्र में स्थित इमारतों और एक अस्पताल को रॉकेटों से निशाना बनाया गया, जिसमें कम से कम तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह इस बात को स्पष्ट रूप से रेखांकित करता है कि मॉस्को का तीन साल से जारी इस युद्ध को रोकने का कोई इरादा नहीं है। जेलेंस्की ने व्यथित होकर कहा कि सुमी पर दागे गए रॉकेटों में से एक इमारत की दीवार में घुस गया, लेकिन सौभाग्य से वह फटा नहीं। उन्होंने टेलीग्राम पर एक पोस्ट में विश्व समुदाय से भावनात्मक अपील करते हुए लिखा, “इस युद्ध को समाप्त करने से जुड़ी रूस की इच्छा के बारे में आपको बस इतना ही जानना चाहिए।” उन्होंने स्पष्ट किया कि “वैश्विक दबाव के बिना, अमेरिका, यूरोप और दुनिया के सभी सत्तारूढ़ लोगों की निर्णायक कार्रवाई के बिना, (रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर) पुतिन युद्धविराम के लिए कभी सहमत नहीं होंगे।” यह एक ऐसी भावनात्मक पुकार थी, जो लगातार खून-खराबे से थक चुके एक राष्ट्र की हताशा को दर्शा रही थी।

भीषण ड्रोन हमले और शांति वार्ता की निरर्थकता:

केर्च पुल पर हमले से दो दिन पहले भी यूक्रेन ने रूस को एक और बड़ा झटका दिया था। यूक्रेन ने ड्रोन के जरिये रूस के अंदरूनी हवाई अड्डों पर भीषण हमला किया था, जिसमें यूक्रेन ने रूस के कम से कम 41 बमवर्षक विमानों को नष्ट करने या गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त करने का दावा किया। हालांकि, रूस ने केवल हवाई अड्डों पर हमले की बात स्वीकारी थी, लेकिन यूक्रेन का दावा अगर सही है, तो यह क्रेमलिन के रणनीतिक शस्त्रागार और उसकी सैन्य प्रतिष्ठा के लिए एक गंभीर और अप्रत्याशित झटका था। इन हमलों ने दिखाया कि यूक्रेन की सैन्य क्षमताएँ लगातार विकसित हो रही हैं और वह रूस के गहरे ठिकानों को भी निशाना बनाने में सक्षम है।

वहीं, इस बढ़ती हिंसा के बीच, तीन साल से जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए प्रत्यक्ष शांति वार्ता में कोई ठोस प्रगति नहीं हो रही है। सोमवार को इस्तांबुल में हुई वार्ता में युद्धरत देशों के प्रतिनिधिमंडल केवल मृत और घायल सैनिकों की अदला-बदली करने पर सहमत हो सके, लेकिन युद्ध समाप्त करने के लिए उनकी शर्तें और मांगें एक-दूसरे से पूरी तरह अलग थीं। यह स्पष्ट गतिरोध दर्शाता है कि कूटनीति के प्रयास अभी भी युद्ध की क्रूर वास्तविकताओं के सामने बेमानी साबित हो रहे हैं।

युद्ध का भयावह मानवीय टोल और वैश्विक अस्थिरता:

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, इस युद्ध में अब तक 12,000 से अधिक यूक्रेनी नागरिक मारे गए हैं, और यह संख्या हर दिन बढ़ रही है। इसके साथ ही, लगभग 1,000 किलोमीटर लंबे अग्रिम मोर्चे पर दोनों पक्षों के हजारों सैनिक भी मारे गए हैं, जिससे दोनों देशों में गहरा मानवीय संकट पैदा हो गया है। रूस के पास यूक्रेन की तुलना में भले ही बड़ी सेना और अधिक आर्थिक संसाधन हैं, लेकिन यूक्रेन की जुझारू क्षमता और रणनीतिक हमलों ने रूस को अपेक्षित सफलता नहीं दिलाई है। अमेरिकी नेतृत्व में जारी शांति समझौते के प्रयासों के बावजूद, युद्ध का यह भीषण सिलसिला अनवरत जारी है। कराची में परमाणु गतिविधियों के पास आए भूकंपों की खबरों के बीच समंदर में हुए इस केर्च पुल धमाके ने दुनिया को एक बार फिर इस अनियंत्रित होते संघर्ष की भयावहता और वैश्विक अस्थिरता के बढ़ते खतरे की याद दिलाई है।

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