आगरा, उत्तर प्रदेश: शनिवार, 7 जून 2025, 6.45 PM।
यूक्रेन ने एक बार फिर रूसी वायुसेना को बड़ा झटका देने का दावा किया है। यूक्रेनी सेना का कहना है कि उसने शनिवार सुबह कुर्स्क क्षेत्र में रूस के अत्याधुनिक और शक्तिशाली सुखोई Su-35 लड़ाकू विमान को मार गिराया है। यह दावा अगर स्वतंत्र रूप से सत्यापित हो जाता है, तो रूस के लिए एक बड़ा सैन्य और कूटनीतिक नुकसान होगा। रूस की ओर से इस दावे पर चुप्पी को अक्सर सहमति के तौर पर देखा जा रहा है, जिससे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए चिंताएँ बढ़ गई हैं, क्योंकि वे इस विमान को निर्यात करने का सपना देख रहे थे।
Su-35 लड़ाकू विमान: रूसी वायुसेना की रीढ़
सुखोई Su-35 एक 4.5-पीढ़ी का मल्टीरोल लड़ाकू विमान है, जिसे रूस के सबसे उन्नत विमानों में से एक माना जाता है। इसे विशेष रूप से हवाई श्रेष्ठता प्राप्त करने और सटीक हमलों को अंजाम देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। Su-27 से विकसित, Su-35 में कई उन्नत विशेषताएँ हैं:
- शक्तिशाली इंजन: इसमें थ्रस्ट-वेक्टरिंग के साथ उन्नत AL-41F1S इंजन लगा है, जो इसे मैक 2.25 (लगभग 2,500 किमी प्रति घंटे) की टॉप स्पीड तक उड़ा सकता है। यह अपनी अधिकतम सीमा को दो वैकल्पिक आउटबोर्ड ईंधन टैंक की सहायता से 3,600 किमी से 4,500 किमी तक बढ़ा सकता है।
- उन्नत एवियोनिक्स: इसमें अत्याधुनिक एवियोनिक्स सिस्टम शामिल हैं।
- इरबिस-ई रडार: इसका शक्तिशाली इरबिस-ई रडार 400 किलोमीटर दूर तक के लक्ष्यों का पता लगा सकता है।
- विशाल शस्त्रागार: इसके शस्त्रागार में हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, गाइडेड बम और एंटी-शिप हथियार शामिल हैं।
- सुपरमैन्युवरेबिलिटी: Su-35 अपनी असाधारण सुपरमैन्युवरेबिलिटी और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताओं के साथ डॉगफाइट्स (हवाई युद्ध) और जटिल मिशनों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करता है।
- सैन्य तैनाती: यह लड़ाकू विमान सीरिया और यूक्रेन जैसे संघर्ष क्षेत्रों में तैनात रह चुका है और रूसी वायुसेना की रीढ़ की हड्डी बना हुआ है। इसे अमेरिकी F-15 और यूरोफाइटर टाइफून जैसे पश्चिमी लड़ाकू विमानों का सबसे बड़ा प्रतिस्पर्धी भी माना जाता है।
पुतिन के लिए झटका: निर्यात के सपनों को ठेस
यह सिर्फ एक लड़ाकू विमान का नुकसान नहीं है, बल्कि रूस के लिए एक बड़ा रणनीतिक और आर्थिक झटका है। Su-35 को बनाने वाली कंपनी सुखोई डिजाइन ब्यूरो ने इस विमान का निर्माण किया है। यह सिंगल-सीट का लड़ाकू विमान है (हालांकि इसके ट्रेनिंग वेरिएंट में दो सीट दिए गए हैं)। Su-35 लड़ाकू विमान पुराने T-10 का आधुनिकीकरण है, जिस प्लेटफॉर्म पर Su-27 भी बनाया गया था। इसने 2008 में अपनी पहली उड़ान भरी और 2014 में रूसी सेना के साथ सेवा में प्रवेश किया था।
रूसी नेतृत्व इस विमान को एंटी-अमेरिकी लॉबी वाले देशों को ऑफर कर रहा है, जिससे रूस अपने सैन्य उद्योग को बढ़ावा दे सके। सुखोई ने भारत को भी इस विमान का ऑफर दिया है, जिसमें ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी के साथ भारत में इसके उत्पादन की भी हामी भरी गई है। ऐसे में, यूक्रेन द्वारा इस अत्याधुनिक विमान को मार गिराने का दावा, Su-35 की कथित अजेयता पर सवाल उठाता है और उन देशों के लिए चिंता पैदा कर सकता है जो इसे खरीदने पर विचार कर रहे हैं। यह घटना रूस के सैन्य निर्यात प्रयासों और उसकी वैश्विक सैन्य छवि को प्रभावित कर सकती है, इसलिए पुतिन के लिए यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है।