देहरादून, उत्तराखंड: शुक्रवार, 6 जून 2025, शाम।
उत्तराखंड में पर्यटन सीजन अपने शबाब पर है, और इसी के साथ अवैध शराब की तस्करी का खतरा भी बढ़ गया है। बाहरी राज्यों से आने वाले यात्री वाहनों की बढ़ती संख्या का फायदा उठाकर तस्कर शराब को राज्य में खपाने की फिराक में हैं। इस गंभीर चुनौती से निपटने के लिए आबकारी विभाग ने कमर कस ली है और राज्य भर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पर्यटकों की आड़ में किसी भी सूरत में अवैध शराब राज्य में प्रवेश नहीं करनी चाहिए।
पर्यटन सीजन: तस्करों के लिए ‘अवसर’ या ‘चुनौती’? उत्तराखंड, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के कारण, हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है। गर्मियों का मौसम और चार धाम यात्रा के चलते इन दिनों बाहरी राज्यों, विशेषकर पड़ोसी राज्यों से आने वाले वाहनों की संख्या में जबरदस्त इजाफा होता है। शराब तस्कर इसी भीड़ और आवाजाही का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं। वे अक्सर निजी और यात्री वाहनों में बड़ी चालाकी से अवैध शराब की खेप छिपाकर राज्य में लाने का प्रयास करते हैं, जिससे राज्य के राजस्व को भारी नुकसान होता है और अवैध शराब के सेवन से स्वास्थ्य संबंधी जोखिम भी बढ़ जाते हैं।
आबकारी आयुक्त अनुराधा पाल के सख्त निर्देश: इस गंभीर स्थिति का संज्ञान लेते हुए, आबकारी आयुक्त अनुराधा पाल ने राज्य के सभी आबकारी अधिकारियों और चेक पोस्टों को कड़े निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि पर्यटन सीजन में अवैध शराब की तस्करी की कोशिशें बढ़ सकती हैं, इसलिए सभी चेक पोस्ट पर सघन जांच अनिवार्य तौर पर की जाए। आबकारी विभाग की टीमें अब बाहर से आने वाले प्रत्येक वाहन की अनिवार्य रूप से जांच करेंगी, ताकि तस्करी के हर प्रयास को विफल किया जा सके।
इन जिलों पर विशेष चौकसी: आबकारी विभाग ने राज्य के उन प्रमुख जिलों पर विशेष चौकसी बरतने के निर्देश दिए हैं, जहाँ से अवैध शराब की तस्करी की आशंका सबसे अधिक है या जो तस्करों के लिए मुख्य प्रवेश द्वार/पारगमन बिंदु हो सकते हैं। इनमें देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, ऊधमसिंह नगर और चंपावत के जिला आबकारी अधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। ये जिले भौगोलिक रूप से ऐसे स्थित हैं कि बाहरी राज्यों से शराब की खेप आसानी से इन रास्तों से राज्य में प्रवेश कर सकती है।
विभाग का लक्ष्य है कि इस पर्यटन सीजन में किसी भी तरह से अवैध शराब राज्य की सीमा में प्रवेश न कर पाए, ताकि राज्य के राजस्व की रक्षा की जा सके और नागरिकों के स्वास्थ्य को भी सुरक्षित रखा जा सके। विभाग की टीमें अब चौबीसों घंटे निगरानी कर रही हैं और संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है।