शुक्रवार, 20 जून 2025, 9:49:00 PM. आगरा, उत्तर प्रदेश।
आगरा। “केसरिया बालम आवो जी पधारो म्हारे देस…” – इन मधुर स्वरों से संस्कृति भवन गूँज उठा। इसके साथ ही ओडिसी नृत्य की मनोहारी प्रस्तुति में राधा और कृष्ण की मोहक छवियों और लीलाओं ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कथक नृत्य की मनभावन प्रस्तुति और सितार वादन से भी संस्कृति भवन का सभागार आनंद से खिल उठा।
ललित कला संस्थान का रजत जयंती समारोह और प्रो. चित्रलेखा सिंह का 80वां जन्मदिन
यह अवसर था डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के ललित कला संस्थान के पच्चीसवें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में रजत जयंती समारोह ‘ललितोत्सव’ और संस्थान की संस्थापक निदेशक प्रो.(डॉ.) चित्रलेखा सिंह के 80वें जन्मदिवस के भव्य जश्न का। इस समारोह में कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से कला और संस्कृति के विभिन्न रंगों को बिखेरा, जिससे संस्कृति भवन रचनात्मकता का तीर्थ बन गया।

गणमान्य अतिथियों द्वारा सम्मान
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. आशु रानी थीं। विशिष्ट अतिथियों में मेवाड़ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. अशोक कुमार गदिया और निदेशक डॉ. अलका अग्रवाल, तथा पूर्व सांसद डॉ. महेश चंद्र शर्मा शामिल थे। कुलपति प्रो. आशु रानी और ललित कला संस्थान के निदेशक प्रो. संजय चौधरी ने डॉ. चित्रलेखा सिंह का सम्मान किया। साथ ही, पूर्व सांसद डॉ. महेश शर्मा का भी सम्मान किया गया।
संस्कार भारती आगरा महानगर की ओर से भी प्रो. चित्रलेखा सिंह के 80वें जन्म दिवस पर उन्हें सम्मानित किया गया। उनके साथ ही कुलपति प्रो. आशुरानी और ललित कला संस्थान के निदेशक प्रो. संजय चौधरी का सम्मान डॉ. मनोज कुमार, रश्मि सिंह, सुरेश अग्रवाल, नंद नंदन गर्ग, ओम स्वरूप गर्ग, डॉ. सरोज भार्गव, डॉ. साधना सिंह, डॉ. एकता श्रीवास्तव, डॉ. आभा सिंह गुप्ता, बबीता पाठक, नीतू सिंह, प्रभुदत्त उपाध्याय, प्रो. सुविधा पांडे, डॉ. चेतना आदि ने किया।
‘चित्रांजलि’ प्रदर्शनी और कैटलॉग लॉन्च
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई। ललित कला संस्थान की संस्थापक निदेशिका प्रो. (डॉ.) चित्रलेखा सिंह की जीवन यात्रा पर आधारित एक गुंफित कला माला प्रदर्शनी ‘चित्रांजलि’ का शुभारंभ हुआ, जिससे संबंधित कैटलॉग भी लॉन्च किया गया। इसी अवसर पर एक नई वेबसाइट का भी शुभारंभ किया गया। सांस्कृतिक संध्या में ‘रसोत्सव’ कार्यक्रम के तहत प्रो. (डॉ.) चित्रलेखा सिंह पर कनाडा के मुनीर मानी द्वारा निर्देशित डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म ‘सोल ऑफ़ कलर्स’ की स्क्रीनिंग हुई। ‘मेरे सहयात्री मेरे पथ प्रदर्शक’ नामक पुस्तक का विमोचन भी किया गया, और अभिनंदन ग्रंथ ‘रंगों और रेखाओं की मेघा प्रो.(डॉ.) चित्रलेखा’ के प्रकाशन की घोषणा की गई, जिसका संपादन डॉ. महेश धाकड़ द्वारा किया जाएगा।
संगीत और नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां
सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘रसोत्सव’ में हरिओम गंधर्व और साथी कलाकारों द्वारा ‘पधारो म्हारे देश’ की संगीतमयी प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया। कुंजलता मिश्रा के निर्देशन में कलाकारों द्वारा राधा-कृष्ण पर केंद्रित ओडिसी नृत्य पेश किया गया, जिसकी सबने मुक्त कंठ से प्रशंसा की। प्रवीण परिहार द्वारा सुमिता शर्मा के निर्देशन में ‘काव्य कथक नृत्य’ की मनोहारी प्रस्तुति हुई। सोनू पहाड़िया का विशेष नृत्य और देवादित्य चक्रवर्ती का सितार वादन भी खूब सराहा गया। प्रो. राजेश सैनी द्वारा मूक अभिनय किया गया। मंच संचालन आकाशवाणी आगरा के लोकप्रिय उद्घोषक और कला भूषण अवॉर्ड से विभूषित देव प्रकाश शर्मा ने किया।

ललित कला संस्थान के निदेशक का संबोधन
अपने संबोधन में संस्थान के निदेशक प्रो. संजय चौधरी ने घोषणा की कि संस्थान के रजत जयंती वर्ष में 25 सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे, जो वर्ष भर चलेंगे। संस्थापक निदेशक प्रो. (डॉ.) चित्रलेखा सिंह ने कहा कि उन्होंने तत्कालीन कुलपति मंजूर अहमद से इस संस्थान की नींव रखे जाने का अनुरोध किया था, जो उन्होंने कलाओं के उन्नयन और नई पीढ़ी को कलाओं में पारंगत करने के लिए शुरू कराया। उन्होंने गर्व से कहा कि इस संस्थान के छात्र और छात्राओं ने कला के क्षेत्र में ऊँचाइयों को छूकर उनके इस प्रयास को सफल और सार्थक बनाया है। अपनी भव्य चित्रकला प्रदर्शनी के बारे में उन्होंने बताया, “मैंने जीवन के 80 वर्षों की यात्रा को ललित कलाओं के लिए समर्पित किया। अपने आसपास के अनुभवों और संवेदनाओं को रचनात्मकता और कल्पना संग समेटा है, जो आज इस ‘चित्रांजलि’ प्रदर्शनी में प्रदर्शित चित्रों में आपने देखा है।”
इनकी रही मौजूदगी
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश ललित कला अकादमी की सदस्य डॉ. आभा, डॉ. डी.वी. शर्मा, अशोक कुमार, प्रो. सर्वोत्तम दीक्षित (मेवाड़ यूनिवर्सिटी), चितकारा यूनिवर्सिटी के डॉ. रंजन मलिक, प्रो. मंजुला चतुर्वेदी (काशी विद्यापीठ), डॉ. रेखा कक्कड़, डॉ. गिरिजा शंकर शर्मा, डॉ. विजय ढोरे, डॉ. मोनिका वार्ष्णेय (डीएस कॉलेज, अलीगढ़), डॉ. गिरीश गुप्ता, बी.डी. अग्रवाल, डॉ. वंदिनी सकारिया, राधा दौनेरिया, लकी, चित्राक्ष शर्मा आदि प्रमुख हस्तियाँ मौजूद रहीं।