May 31, 2025 | 01:32 PM. मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश। मझोला थाना क्षेत्र की रामनगर कॉलोनी में शुक्रवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। यहां 50 वर्षीय किसान भूपकिशोर सैनी का शव उनके घर से करीब 150 मीटर दूर एक प्लॉट के गेट से लटका मिला। इस घटना से इलाके में हड़कंप मच गया। परिजनों ने इसे आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या बताते हुए जमकर हंगामा किया। मृतक के बेटे सूरज सैनी की तहरीर पर, पुलिस ने भाजपा के महानगर उपाध्यक्ष दिनेश सिसोदिया, दो पार्षदों राहुल देव वरुण और राजेश गुप्ता समेत कुल सात लोगों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया है।
विवादित गेट पर ही मिला शव, परिजनों का भाजपा नेताओं पर हत्या का आरोप
सूरज सैनी ने अपनी तहरीर में बताया कि उनके खेत के पास विनीत शर्मा और राजेंद्री देवी का एक प्लॉट है। इस प्लॉट का पहले दूसरी साइड में रास्ता था, लेकिन 18 मई को विनीत और राजेंद्री ने उनके खेत की ओर गेट लगा लिया, जिसे लेकर विवाद शुरू हो गया। सूरज का आरोप है कि इसकी जानकारी पुलिस को दी गई थी, लेकिन भाजपा नेता दिनेश सिसोदिया, राजेश गुप्ता और राहुल देव के दबाव में पुलिस बिना कोई कार्रवाई किए लौट गई। उनका दावा है कि इन तीनों भाजपा नेताओं ने विनीत और राजेंद्री का साथ दिया और उनके पिता को जान से मारने की धमकी भी दी थी।
सूरज के अनुसार, उनके पिता भूपकिशोर शुक्रवार तड़के करीब तीन बजे खेत पर गए थे। सुबह करीब पांच बजे पुलिसकर्मी और राजेश नामक एक व्यक्ति घर आए और बताया कि उनके पिता का शव गेट से लटका हुआ है। यह खबर सुनते ही मौके पर भारी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। उन्होंने तत्काल हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की, जिसके बाद रिपोर्ट दर्ज होने पर लोग शांत हुए और शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया।
शुक्रवार दोपहर करीब ढाई बजे पोस्टमार्टम होने के बाद, परिजनों और ग्रामीणों ने शव को प्रकाशनगर चौराहे पर रखकर करीब आधे घंटे तक जाम लगाया और आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया। एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह और सीओ सिविल लाइंस कुलदीप गुप्ता फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों को जल्द कार्रवाई का आश्वासन देकर जाम खुलवाया। एसपी सिटी ने बताया कि तहरीर के आधार पर दिनेश सिसोदिया, पार्षद राहुल देव वरुण, राजेश गुप्ता, विनीत शर्मा, राजेंद्री देवी, पिंटू और बबलू के खिलाफ हत्या की धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण लटकना ही बताया गया है, लेकिन विवेचना में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस पर गंभीर आरोप: “अगर सुनवाई होती तो जान न जाती”
मृतक के बेटे सूरज सैनी ने मझोला थाने की पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि 18 मई को जब गेट लगाने को लेकर विवाद हुआ था और पुलिस को सूचना दी गई थी, तब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। सूरज का दावा है कि अगर पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया होता तो उनके पिता की जान नहीं जाती। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने भाजपा नेताओं के दबाव में दूसरे पक्ष का साथ दिया और “सभी लोगों ने मिलकर मेरे पिता की हत्या कर दी।”
सूरज ने बताया कि 2005 में उनके ही परिवार के एक व्यक्ति ने पास वाला प्लॉट विनीत शर्मा और उसकी शिक्षिका बहन राजेंद्री देवी को बेच दिया था। उनका दावा है कि प्लॉट की रजिस्ट्री में साफ लिखा है कि रास्ता दक्षिण दिशा में रहेगा, लेकिन अब 20 साल बाद रास्ता उत्तर दिशा में खोल दिया गया और प्लॉट पर गेट भी लगा दिया गया। विडंबना यह है कि जिस गेट को लेकर यह सारा विवाद शुरू हुआ था, भूपकिशोर का शव उसी गेट पर रस्सी के सहारे लटका मिला। इस घटना ने एक बार फिर जमीन विवादों में राजनीतिक हस्तक्षेप और पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं।