शनिवार, 14 जून 2025, रात 8:30 बजे IST. आगरा।
आगरा के एस.एन. मेडिकल कॉलेज के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में एक 27 वर्षीय अविवाहित महिला को अनियमित और अत्यधिक मासिक रक्तस्राव तथा पेट दर्द की गंभीर शिकायत के साथ भर्ती किया गया। गहन जाँच और परीक्षणों के बाद डॉक्टरों ने पाया कि मरीज के गर्भाशय की पिछली दीवार पर एक बड़ी इंट्राम्यूरल मायोमा (गांठ) मौजूद थी, जिसका आकार चौंकाने वाला 139 x 40 x 121 मिमी था। यह मायोमा महिला की दाहिनी ओर की मूत्रनली पर दबाव डाल रही थी, जिसके कारण उसे हाइड्रोनेफ्रोसिस (गुर्दे में सूजन) हो गया था, जिससे स्थिति और भी जटिल हो गई थी।
यह चुनौतीपूर्ण मामला एस.एन. मेडिकल कॉलेज के स्त्री रोग विभाग की प्रो. अनु पाठक की यूनिट में देखा गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, मरीज और उसके परिजनों को पूरी जानकारी दी गई और उनकी लिखित सहमति लेने के बाद ऑपरेशन का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया।
ऑपरेटिंग टीम में डॉ. अनु पाठक, डॉ. आकांक्षा, डॉ. आकृति, डॉ. आस्था और डॉ. श्वेता शामिल थीं, जबकि एनेस्थीसिया टीम में डॉ. योगिता, डॉ. रजनी और डॉ. आशीष ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विभागाध्यक्ष डॉ. शिखा सिंह का भी इस पूरी प्रक्रिया में भरपूर सहयोग रहा। ऑपरेशन के दौरान गर्भाशय से 1.26 किलोग्राम वज़न की इस विशाल मायोमा को सफलतापूर्वक निकाला गया। सर्जरी के बाद, यह सुनिश्चित किया गया कि गर्भाशय की गुहा (cavity) पूरी तरह से सुरक्षित और अप्रभावित है, जो भविष्य में प्रजनन क्षमता के लिए महत्वपूर्ण है।
मरीज की सर्जरी सफल रही और ऑपरेशन के बाद की अवधि में उसकी स्थिति सामान्य और स्थिर बनी रही। चार दिन के गहन इलाज और निगरानी के बाद मरीज को संतोषजनक स्थिति में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जिससे उसे इस गंभीर समस्या से स्थायी राहत मिली।
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों द्वारा जटिल से जटिल सर्जरी सफलतापूर्वक की जा रही हैं, जिससे मरीजों को अत्यंत लाभ मिल रहा है। यह एस.एन. मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध विशेषज्ञता और उन्नत चिकित्सा सुविधाओं का एक प्रमाण है।