गुरुवार, जून 12, 2025, 12:42:51 AM IST. आगरा।
बरेली में सेना की जाट रेजीमेंट में तैनात सिग्नल मैन नितीश पांडेय को मंगलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। यह फैसला बरेली के एडीजे-03 न्यायालय के विशेष न्यायाधीश विजेंद्र त्रिपाठी ने सुनाया। नितीश पर अपनी पत्नी के अवैध संबंधों के शक में पड़ोसी सैनिक की पत्नी की धारदार हथियार से गला काटकर हत्या करने का आरोप था। न्यायालय ने नितीश को आजीवन कारावास के साथ कुल 22,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
सैन्य क्षेत्र में घटी थी खौफनाक वारदात, संदेह बना खून की वजह
यह खौफनाक वारदात 13 मार्च 2023 को बरेली के सैन्य क्षेत्र के अंदर घटी थी। नितीश पांडेय, जो यू.वी. एरिया सिग्नल रेजीमेंट में तैनात थे, को अपनी पत्नी और पड़ोसी मनोज सेनापति के बीच अवैध संबंधों का गहरा शक था। इस शक और गुस्से में नितीश मनोज के सरकारी क्वार्टर नंबर 52/सी में जा धमका। वहाँ कहासुनी के बाद, उसने गुस्से में आकर मनोज की पत्नी सुदर्शना (35) की धारदार हथियार से निर्ममतापूर्वक गला काटकर हत्या कर दी। इस घटना से पूरे सैन्य आवासीय क्षेत्र में हड़कंप मच गया था।
मेजर ने दी थी पुलिस को सूचना, 9 गवाहों की पेशी
इस जघन्य हत्याकांड की सूचना मेजर अनुभव मलिक ने तत्काल पुलिस को दी थी। मेजर की तहरीर के आधार पर कैंट थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 452 (अतिचार), 302 (हत्या), और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया। इस मामले की पैरवी कर रहे एडीजीसी हेमेन्द्र गंगवार ने बताया कि अभियोजन पक्ष ने न्यायालय में कुल 9 गवाह पेश किए। इन गवाहों की गवाही और प्रस्तुत किए गए सबूतों के आधार पर अभियुक्त नितीश पांडेय को दोषी ठहराया गया।
कोर्ट का कड़ा फैसला: उम्रकैद और आर्थिक दंड
न्यायालय ने नितीश पांडेय को हत्या के लिए कड़ा दंड दिया है। धारा 302 (हत्या) में उसे आजीवन कारावास और 20,000 रुपये का अर्थदंड सुनाया गया है। इसके अतिरिक्त, धारा 452 (घर में घुसकर हमला) में 5 साल का सश्रम कारावास और 2,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि नितीश पांडेय जुर्माने की राशि अदा नहीं करता है, तो उसे 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
हत्या से दहल गया था सैन्य आवासीय क्षेत्र, सुरक्षा पर उठे सवाल
यह वारदात सैन्य क्षेत्र के अंदर हुई थी, जिससे न केवल सैन्य समुदाय में, बल्कि पूरे शहर में गहरा आक्रोश और चिंता उत्पन्न हो गई थी। इस घटना ने सैन्य आवासीय क्षेत्रों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए थे। सेना और पुलिस प्रशासन ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए अभियुक्त नितीश पांडेय को गिरफ्तार कर लिया था और न्याय सुनिश्चित करने के लिए तेजी से कदम उठाए थे। इस फैसले से न्याय की जीत हुई है और यह संदेश गया है कि अपराध करने वाला, चाहे कोई भी हो, कानून के शिकंजे से बच नहीं पाएगा।