गुरुवार, जून 12, 2025, 3:12:00 AM IST. आगरा।
लोहामंडी स्थित महाराजा अग्रसेन भवन मंगलवार को भक्ति और आस्था के अद्भुत रंग में डूबा नजर आया। इस्कॉन द्वारा भगवान श्री जगन्नाथ जी का प्राकट्योत्सव महाअभिषेक महोत्सव, जिसे स्नान यात्रा भी कहते हैं, को बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया गया। जब भगवान श्री जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ गजानन स्वरूप में सिंहासन पर विराजमान हुए, तो जयकारों और शंखनाद से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।

251 पवित्र कलशों से हुआ महाअभिषेक
भगवान जगन्नाथ का महाभिषेक 251 पवित्र कलशों से किया गया। इन कलशों में गंगा, यमुना, नर्मदा, शिप्रा, महानदी का जल, दूध, फलों के रस, पंचामृत और विभिन्न औषधियाँ शामिल थीं। वृंदावन इस्कॉन से पधारे पंचतत्व प्रभु, हरविजय प्रभु, राधे श्याम महाराज, श्रीनिकेत प्रभु और आगरा इस्कॉन के अध्यक्ष अरविन्द प्रभु ने वैदिक विधि-विधान के साथ इस स्नान यात्रा को संपन्न कराया, जिससे पूरे माहौल में दिव्यता छा गई।
गजानन स्वरूप में विशेष श्रृंगार ने मोहा मन
श्रीहरि के गजानन स्वरूप को सतरंगी पोशाक से सजाया गया था, जिसने भक्तों को वर्ष में एक बार मिलने वाले अद्भुत दर्शन का अवसर प्रदान किया। मंच पर विराजमान विग्रह को देखकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। भगवान को 56 प्रकार के भोग अर्पित किए गए, जो उनकी महिमा का बखान कर रहे थे।

कीर्तन संग श्रीहरि का आगमन, मंगलाचरण से शुभारंभ
सुबह 11 बजे श्रीहरि को मंदिर से मृदंग और मंजीरों के संकीर्तन के साथ महाराजा अग्रसेन भवन लाया गया। यहाँ गीत गोविंद और तुलसी स्तुति के साथ षोडषोपचार विधि से वैदिक मंत्रों द्वारा पूजन किया गया। कार्यक्रम के अंत में गजानन स्वरूप की भव्य आरती की गई, जिसने सभी भक्तों को भावविभोर कर दिया।
मेहंदी, चंदन और गोपी ड्रेस में सजे श्रद्धालु
इस खास अवसर पर भक्तों ने श्रीहरि के नाम की मेहंदी अपने हाथों पर लगाई और माथे पर चंदन धारण कर पूरी श्रद्धा के साथ पूजा में भाग लिया। बच्चे और युवा विशेष रूप से गोपी ड्रेस व धोती कुर्ता पहनकर कार्यक्रम में पहुँचे, जिससे एक अनूठा और मनमोहक दृश्य बन गया। सभी उपस्थित श्रद्धालुओं को विग्रह स्वरूपों के अभिषेक में भी सम्मिलित होने का पुण्य अवसर मिला।
इस्कॉन यूथ फोरम की भक्तिमय सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
महोत्सव का एक प्रमुख आकर्षण इस्कॉन यूथ फोरम द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम रहा। 50 से अधिक विद्यार्थियों ने “हरे राम हरे कृष्ण” कीर्तन पर संकीर्तन किया, जिससे पूरा वातावरण कृष्ण भक्ति में डूब गया। कृष्ण-सत्यभामा और महाभारत के प्रसंगों पर आधारित मंचन ने भी श्रद्धालुओं को भक्ति रस में डुबो दिया, जिससे कार्यक्रम और भी जीवंत हो उठा।
25 जून तक नहीं होंगे दर्शन, 27 को निकलेगी रथयात्रा
महाअभिषेक के बाद, परंपरा के अनुसार भगवान जगन्नाथ जी को बीमार अवस्था में माना जाता है। इसलिए, 26 जून तक उन्हें चावल-रोटी का भोग नहीं लगेगा। उनका स्वास्थ्य लाभ 25 जून तक चलेगा, जिसके बाद वे 26 जून को “नयम उत्सव” में भक्तों को पुनः दर्शन देंगे। इसके पश्चात, 27 जून को बल्केश्वर महादेव मंदिर से भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा निकाली जाएगी, जिसका बेसब्री से इंतजार रहेगा।
इन गणमान्य व्यक्तियों की रही उपस्थिति
इस पवित्र अवसर पर महापौर हेमलता दिवाकर, नितेश अग्रवाल, शैलेश जी, शैलेन्द्र प्रभु, सुशील, राजेश उपाध्याय, आशु मित्तल, अदिति गौरांगी, संजय कुकरेजा, ओमप्रकाश अग्रवाल, ज्योति बंसल सहित कई गणमान्य व्यक्ति और हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे, जिन्होंने इस भक्तिमय आयोजन का हिस्सा बनकर पुण्य लाभ कमाया।