गुरुवार, 19 जून 2025, 10:45:00 AM. Agra, उत्तर प्रदेश।
संभल में हुई हिंसा के मामले में समाजवादी पार्टी के स्थानीय सांसद जियाउर्रहमान बर्क सहित 23 अन्य आरोपियों के खिलाफ जिला न्यायालय की एमपी-एमएलए कोर्ट में 1000 पन्नों की एक विस्तृत चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। बुधवार को सामने आई इस बड़ी अपडेट के बाद, सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क की मुश्किलें बढ़ने के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं।
विवादित जामा मस्जिद सर्वे और हिंसा का प्रकरण
मालूम हो कि संभल में यह हिंसा विवादित जामा मस्जिद के सर्वे के विरोध में भड़की थी। इस घटना में समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क नामजद आरोपियों में से एक हैं। हिंसा के मामले में सपा सांसद के अलावा मस्जिद कमेटी के कुछ सदस्यों और कई अन्य लोगों पर भी मामला दर्ज किया गया था। पुलिस की गहन जांच के बाद अब यह चार्जशीट दाखिल की गई है। चार्जशीट पेश होने के बाद, अदालत में इस मामले का ट्रायल शुरू होगा, जिससे कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
चार्जशीट में सांसद पर गंभीर आरोप
चार्जशीट के अनुसार, भले ही सांसद जियाउर्रहमान बर्क हिंसा के दिन, यानी 24 नवंबर 2024 को शहर से बाहर बेंगलुरु में थे और उन्होंने इस बात के सबूत संभल पुलिस को दिए हैं, लेकिन उन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। चार्जशीट में कहा गया है कि जियाउर्रहमान बर्क लगातार फोन पर संभल के लोगों को जामा मस्जिद के सर्वे का विरोध करने के लिए उकसाते रहे। आरोप है कि उन्होंने लोगों से कहा कि अगर सर्वे पूरा हो गया तो जनता उन पर थूकेगी। चार्जशीट में यह भी जिक्र है कि जियाउर्रहमान 23 नवंबर से लेकर 24 नवंबर की सुबह तक जामा मस्जिद की इंतजामिया कमेटी के चीफ ज़फ़र अली से लगातार फोन पर संपर्क में थे और भीड़ जुटाने तथा सर्वे का विरोध करने की रणनीति बना रहे थे। यह भी आरोप है कि जियाउर्रहमान ने लोगों से कहा कि सर्वे शुरू होने से पहले ही मस्जिद को घेर लिया जाए।
हिंसा और परिणाम
अदालत के आदेश के बाद संभल के जामा मस्जिद का सर्वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा किया गया था। जिस दिन यह सर्वे हुआ था, उसी दिन संभल में व्यापक हिंसा भड़की थी, जिसमें दुखद रूप से चार लोगों की जान चली गई थी। यह चार्जशीट उस हिंसा के पीछे की साजिश और भूमिकाओं को उजागर करने का दावा करती है।
विधायक इकबाल महमूद के बेटे को क्लीन चिट
इसी मामले में, समाजवादी पार्टी के विधायक इक़बाल महमूद के बेटे सुहेल इक़बाल पर भी हिंसा भड़काने का मुकदमा दर्ज हुआ था। हालांकि, पुलिस जांच में पता चला कि वे हिंसा वाले दिन अपने घर पर ही थे और उन्होंने किसी को भी हिंसा के लिए नहीं उकसाया। जांच के आधार पर सुहेल इक़बाल को इस चार्जशीट में क्लीन चिट दे दी गई है।