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अहमदाबाद विमान हादसे से पहले पायलट ने की थी ‘मेडे कॉल’, जानिए क्या होती है ये आपातकालीन पुकार

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गुरुवार, जून 12, 2025. Agra।

गुरुवार को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 टेकऑफ़ के तुरंत बाद ही दुर्घटना का शिकार हो गई। इस विमान में 242 लोग सवार थे, जिनमें 2 पायलट और 10 क्रू मेंबर भी शामिल थे। इस दुखद हादसे में 241 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है। एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) के अनुसार, विमान ने दोपहर 1 बजकर 39 मिनट पर 23 नंबर रनवे से उड़ान भरी और टेकऑफ़ के तुरंत बाद ही एयरपोर्ट के बाहर गिर गया। इस घटना से ठीक पहले, विमान ने एटीसी को एक ‘मेडे कॉल’ किया था, लेकिन उसके बाद एटीसी के कॉल का विमान ने कोई जवाब नहीं दिया।

अनुभवी पायलट कर रहे थे विमान का संचालन

इस एयरक्राफ़्ट के मुख्य पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल थे, जिनके पास 8200 घंटे तक विमान उड़ाने का लंबा अनुभव था। उनके साथ फ़र्स्ट ऑफ़िसर के तौर पर क्लाइव कुंदर भी मौजूद थे, जिनके पास भी 1100 घंटे तक विमान उड़ाने का अनुभव था। डीजीसीए के मुताबिक, दोनों ही पायलट अनुभवी थे। हादसे के बाद घटनास्थल से विशाल काला धुआं उठने लगा, जिसने पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया।

क्या होती है ‘मेडे कॉल’?

किसी भी विमान या समुद्री जहाज़ हादसे के बाद ‘मेडे’ शब्द का इस्तेमाल अक्सर होता है। यह शब्द एविएशन और मैरिटाइम इमरजेंसी के लिहाज़ से बहुत अहम है।

कैंब्रिज डिक्शनरी के अनुसार, ‘मेडे’ वह शब्द है जो तब कहा जाता है जब कोई हवाई जहाज़ या पानी का जहाज़ गंभीर खतरे में होता है और तत्काल मदद की आवश्यकता होती है। अमेरिकी सरकार की फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) के मुताबिक, ‘मेडे’ एक डिस्ट्रेस कॉल यानी कि तनाव के वक्त लगाई जाने वाली मदद की गुहार है। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य एक रेडियो सिग्नल है, जिसका उपयोग गंभीर आपातकालीन स्थितियों में किया जाता है।

‘मेडे’ शब्द का इतिहास और उसका फ्रेंच कनेक्शन

‘मेडे’ शब्द को इजाद करने का श्रेय फ्रेडरिक मॉकफोर्ड को जाता है। मॉकफोर्ड ने साल 1923 में इस शब्द का इजाद किया था, जब वह लंदन के कॉयडन एयरपोर्ट में रेडियो ऑफिसर के तौर पर कार्यरत थे। साल 1924 में आई किताब ‘बुक ऑफ़ वायरलेस टेलीग्राफी’ ने ‘मेडे’ को एक इंटरनेशनल डिस्ट्रेस कॉल के तौर पर पहचान दी। बाद में, साल 1927 में हुए इंटरनेशनल रेडियोटेलीग्राफ़ कन्वेंशन में इस अंतरराष्ट्रीय डिस्ट्रेस कॉल को आधिकारिक मान्यता मिली थी।

दिलचस्प बात यह है कि इस शब्द का फ्रेंच कनेक्शन भी है। ‘मेडे’ शब्द फ्रेंच शब्द ‘M’aidez’ से निकला है, जिसका सीधा मतलब होता है ‘मेरी मदद करो’। यह स्पष्ट करता है कि यह कॉल सीधे तौर पर मदद की गुहार लगाने के लिए है, जब जान का जोखिम या गंभीर खतरा हो।

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