ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश: गुरुवार, 5 जून 2025, शाम।
ग्रेटर नोएडा के औद्योगिक क्षेत्र में आज शाम एक दर्दनाक हादसा हो गया, जहाँ एक निर्माणाधीन बेसमेंट में काम कर रहे मजदूरों पर अचानक एक दीवार गिरने से कम से कम तीन मजदूरों की मौत हो गई और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना ईकोटेक-1 कोतवाली क्षेत्र स्थित आसरा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में हुई, जिसने निर्माण स्थलों पर मजदूरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हादसे का भयावह मंजर: शाम को जब आसरा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निर्माण स्थल पर बेसमेंट में काम चल रहा था, उस वक्त कुल सात मजदूर वहाँ मौजूद थे। साथी मजदूरों और पुलिस के अनुसार, कंपनी के बगल में स्थित एक खाली प्लॉट की दीवार अचानक ढह गई। इस दीवार के मलबे की चपेट में पाँच मजदूर आ गए, जिससे बेसमेंट में चीख-पुकार मच गई।
हादसे में महोबा जिले के गांव सिरसी, थाना खन्ना निवासी अनीता (32), मकबराई निवासी मालती (34) और उनके पति पुष्पेंद्र (40) की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। ये सभी मजदूर मूल रूप से महोबा के निवासी थे, जो बेहतर रोजगार की तलाश में नोएडा आए थे। वहीं, महोबा के ही गांव ननोरा, थाना श्रीनगर निवासी धीरेंद्र कुमार (32) और बुलंदशहर के ककोड़ निवासी उमेश (35) गंभीर रूप से घायल हो गए।
तत्काल राहत और बचाव कार्य, ठेकेदार हिरासत में: हादसे की जानकारी मिलते ही ईकोटेक-1 और थाना कासना पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची। पुलिस ने स्थानीय मजदूरों की मदद से त्वरित राहत एवं बचाव कार्य शुरू कराया। मलबे में दबे घायल मजदूरों को किसी तरह बेसमेंट से बाहर निकाला गया और तुरंत एंबुलेंस की मदद से डेल्टा-1 स्थित ग्रीन सिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल पहुंचते ही चिकित्सकों ने अनीता, मालती और पुष्पेंद्र को मृत घोषित कर दिया। वहीं, धीरेंद्र और उमेश की हालत को स्थिर बताया जा रहा है और उनका इलाज जारी है।
कोतवाली प्रभारी अरविंद वर्मा ने प्रारंभिक जांच के आधार पर आशंका जताई है कि हाल ही में हुई बारिश के कारण कंपनी के बगल में स्थित खाली प्लॉट की दीवार की नींव कमजोर हो गई होगी, जिसके धंसने से यह हादसा हुआ है। पुलिस ने तीनों मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित ठेकेदार कुलदीप को हिरासत में ले लिया है। मृतकों के परिजनों की तहरीर के आधार पर ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सुरक्षा मानकों की खुली अनदेखी और मुआवजे की मांग: घटनास्थल पर मौजूद साथी मजदूरों ने बताया कि निर्माण स्थल पर सुरक्षा के कोई पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे। मजदूरों को न तो हेलमेट और न ही सुरक्षा बेल्ट जैसे कोई सुरक्षात्मक उपकरण मुहैया कराए गए थे, जिसके कारण वे बेहद जोखिम भरे माहौल में काम कर रहे थे। मजदूरों का यह भी आरोप है कि बेसमेंट में काफी समय से काम चल रहा था, लेकिन निर्माण से जुड़े नियमों और सुरक्षा मानकों की खुली अनदेखी की जा रही थी। हादसे के बाद मलबा हटाने में भी देरी हुई, क्योंकि मौके पर न तो क्रेन मौजूद थी और न ही घायलों को तुरंत निकालने के लिए एंबुलेंस की कोई त्वरित व्यवस्था।
मृतकों के परिजनों को हादसे की खबर मिलते ही वे रो-रोकर बदहवास होकर अस्पताल पहुंचे। उनका कहना है कि ये मजदूर ही अपने परिवारों के लिए रोजी-रोटी का एकमात्र सहारा थे और उनकी मौत से उनके घरों में भयंकर आर्थिक संकट पैदा हो गया है। परिजनों ने प्रशासन से तत्काल पर्याप्त मुआवजे की मांग की है और ठेकेदार के अलावा बिल्डर के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की गुहार लगाई है।
एडिशनल डीसीपी ग्रेटर नोएडा, सुधीर कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि, “बेसमेंट में निर्माण कार्य करने के दौरान एक दीवार गिरने से तीन मजदूरों की मौत हुई है और दो मजदूर घायल हुए हैं। मामले में ठेकेदार को हिरासत में ले लिया गया है और मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।” पुलिस ने घटनास्थल को सील कर दिया है और हादसे की विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है, ताकि दोषियों को जवाबदेह ठहराया जा सके।