📍 रिपोर्ट: Today Express डिजिटल डेस्क
टाइटल: UP Govt Plans Direct Elections for Zila Panchayat Chiefs and Block Pramukhs
📌 क्या है प्रस्ताव?
उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। सरकार विचार कर रही है कि जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चुनाव भी सीधे जनता से कराया जाए, ठीक वैसे ही जैसे सांसद और विधायक चुने जाते हैं।
इस प्रणाली के लागू होने पर पंचायती राज में लोकतांत्रिक भागीदारी और बढ़ेगी, और यह कदम सत्ता के विकेंद्रीकरण की दिशा में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है।
📣 सरकारी सूत्रों का क्या कहना है?
- सरकार इस प्रस्ताव को जल्द ही केंद्र सरकार के पास भेजने की तैयारी कर रही है।
- यदि केंद्र से स्वीकृति मिलती है, तो यह नया मॉडल अगले पंचायत चुनावों में ही लागू हो सकता है।
👥 राजभर ने की मुख्यमंत्री से मुलाकात
पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने बताया कि उन्होंने शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस विषय में औपचारिक चर्चा की है।
“मैंने मुख्यमंत्री जी से आग्रह किया है कि अधिकारियों को निर्देशित करें कि इस व्यवस्था के लिए प्रस्ताव तैयार कर केंद्र को भेजा जाए। उन्होंने इसपर सहमति जताई है।” – ओम प्रकाश राजभर
🏛️ पिछले चुनाव से ही थी मंशा
- राजभर ने कहा कि वे पहले से ही यह प्रणाली लागू कराना चाहते थे।
- उनके साथ सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरविंद राजभर भी मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे।
🇮🇳 केंद्रीय गृह मंत्री से भी हुई बात
ओम प्रकाश राजभर ने खुलासा किया कि उन्होंने इस मुद्दे पर पिछले महीने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी चर्चा की थी।
“शाह साहब ने भी इस प्रस्ताव को समर्थन दिया और राज्य सरकार से औपचारिक प्रस्ताव भेजने को कहा था।” – राजभर
🔍 क्यों है यह बदलाव अहम?
वर्तमान प्रणाली में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चुनाव चुने गए सदस्यों द्वारा होता है, जिससे गुटबाजी और सत्ता के दुरुपयोग के आरोप लगते रहे हैं।
इस प्रस्ताव के लागू होने से:
- आम जनता को सीधा अधिकार मिलेगा।
- पारदर्शिता और जनप्रतिनिधित्व मजबूत होगा।
- लोकतंत्र के तीसरे स्तर पर राजनीतिक जवाबदेही बढ़ेगी।
🔚 निष्कर्ष
अगर केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलती है, तो यूपी पंचायत चुनावों में जनता को अब न सिर्फ ग्राम प्रधान चुनने का अधिकार होगा, बल्कि जिला और ब्लॉक स्तर पर भी अपना नेता सीधे चुनने का मौका मिलेगा। यह बदलाव भारत की पंचायती राजनीति को नई दिशा दे सकता है।