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इजरायल का ईरान पर हमला: परमाणु और सैन्य ठिकानों को बनाया निशाना

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शुक्रवार, जून 13, 2025, 9:01:06 AM IST. मुजफ्फरनगर।

इजरायल ने ईरान के ‘परमाणु कार्यक्रम’ से जुड़े ठिकानों पर हमला कर दिया है। इजरायली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने इन हमलों पर बयान जारी करते हुए कहा है, “कुछ देर पहले इजरायल ने ऑपरेशन राइज़िंग लायन शुरू किया है, जो इजरायल के अस्तित्व पर ईरान के ख़तरे को कम करने के लिए एक टारगेटेड सैन्य अभियान था। ये अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक ज़रूरी होगा।”

तेहरान और अन्य शहरों में रिहायशी इलाकों को निशाना बनाने का ईरान का दावा

वहीं, ईरान के सरकारी मीडिया के मुताबिक, इजरायल ने तेहरान और दूसरे शहरों में रिहायशी इलाकों को भी निशाना बनाया है। हमले के फौरन बाद इजरायल ने देश में आपातकाल लागू कर दिया है, क्योंकि ईरान से इन हमलों का बदला लेने की आशंका है।

अमेरिका ने किया हमले में शामिल होने से इनकार

अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो की ओर से भी इन हमलों पर प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि अमेरिका इस हमले में शामिल नहीं है। हालांकि, रुबियो ने इजरायल के हमले का बचाव करते हुए कहा, “इजरायल ने हमें सलाह दी कि उनका मानना ​​है कि यह कार्रवाई उसकी आत्मरक्षा के लिए ज़रूरी है।” उन्होंने यह भी चेतावनी दी, “ईरान को अमेरिकी हितों या कर्मियों को निशाना नहीं बनाना चाहिए।” अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हालांकि अभी तक इजरायल के हमले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

हमले की आशंका पहले से ही थी, ईरान ने दी जवाबी कार्रवाई की चेतावनी

ईरान पर इजरायली हमले की आशंका पहले से ही जताई जा रही थी। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अगर ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने से जुड़े अमेरिकी प्रस्ताव को ठुकराता है, तो ईरान पर इजरायल हमले के लिए तैयार है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, ईरान की सेना के प्रवक्ता अबोलफजल शेकारची ने कहा है कि इजरायल और अमेरिका को इन हमलों की भारी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने कहा, “सेना यकीनन ज़ायनिस्ट हमले का जवाब देगी।”

नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में काउंटर टेररिज्म के पूर्व डायरेक्टर जावेद अली ने बीबीसी के एक कार्यक्रम में बताया कि हमले शुरू होने को लेकर एक संदेश पहले ही दे दिया गया था। इराक में अमेरिकी दूतावास को आंशिक रूप से खाली करना और क्षेत्र में सैन्य ठिकानों से सैन्य परिवारों को वापस भेजने का आदेश इसी बात का संकेत था। जावेद अली का कहना है कि इस हमले के बाद यह साफ नहीं है कि अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु कार्यक्रम को लेकर छठे दौर की वार्ता का क्या होगा।

नेतन्याहू का बयान: ईरान का परमाणु हथियार बनाना अस्तित्व के लिए खतरा

इजरायल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने हमले के बाद एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा, “हाल के महीनों में ईरान ने ऐसे कदम उठाए हैं जो उसने पहले कभी नहीं उठाए। ये संवर्धित यूरेनियम को हथियार बनाने के लिए उठाए गए कदम हैं।” नेतन्याहू ने चेतावनी दी, “अगर रोका नहीं गया, तो ईरान बहुत कम समय में परमाणु हथियार बना सकता है। यह एक साल में हो सकता है। यह कुछ महीनों में, एक साल से भी कम समय में हो सकता है। यह इजरायल के अस्तित्व के लिए एक स्पष्ट और मौजूदा खतरा है।”

नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल ने “ईरान के परमाणु संवर्धन कार्यक्रम के केंद्र पर हमला किया”, जिसमें ईरान की राजधानी तेहरान से लगभग 225 किलोमीटर दक्षिण में ईरानी शहर नतांज़ में ईरान के मुख्य संवर्धन ठिकानों पर हमला किया गया है। अप्रैल 2021 में ईरान ने उसी ठिकाने पर साइबर हमले के लिए इजरायल को दोषी ठहराया था। नेतन्याहू ने यह भी कहा कि “जितने भी दिन लगेंगे हमले तब तक जारी रहेंगे।” उन्होंने परमाणु कार्यक्रम वार्ता पर ‘नेतृत्व’ के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का धन्यवाद दिया।

ईरानी मीडिया का दावा: रिहायशी इलाकों पर हमले, रिवॉल्यूशनरी गार्ड प्रमुख की मौत

ईरान के सरकारी मीडिया के मुताबिक, इजरायल ने तेहरान और दूसरे शहरों में रिहायशी इलाकों पर हमला किया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने ईरान के सरकारी मीडिया के हवाले से कहा है कि मारे जाने वालों में बच्चे भी शामिल हैं। ईरान के सरकारी टीवी ने रिपोर्ट किया है कि तेहरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड के हेडक्वार्टर पर भी इजरायल ने हमला किया है और इसके चीफ़ हुसैन सलामी हमले में मारे गए हैं। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, वहाँ धुएं के गुबार देखे जा सकते हैं। रिवॉल्यूशनरी गार्ड ईरान की सेना की एक ब्रांच है और यह ईरान का सबसे मजबूत संगठन भी है।

ईरानी सरकारी टीवी ने इजरायली हमलों में मारे गए दो वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिकों के नाम भी बताए हैं: परमाणु ऊर्जा संगठन के पूर्व प्रमुख फिरेदून अब्बासी और तेहरान स्थित इस्लामिक आज़ाद विश्वविद्यालय के अध्यक्ष मोहम्मद मेहदी तेहरानची। फिरेदून अब्बासी पर 2010 में तेहरान की एक सड़क पर हत्या का प्रयास किया गया था, जिसमें वह बच गए थे।

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