May 30, 2025 | 01:00 PM. उत्तर प्रदेश, भारत।
देश में कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। शुक्रवार को देशभर में एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर 1828 हो गई है, जबकि अब तक कुल 15 मौतें दर्ज की गई हैं। इन मौतों में सबसे ज्यादा 6 मौतें अकेले महाराष्ट्र में हुई हैं। महाराष्ट्र सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इन्फ्लूएंजा और सांस से जुड़ी बीमारियों पर एक विशेष सर्वे शुरू किया है।
गुजरात में गुरुवार को 6 नए मामले सामने आए, जिनमें एक 8 महीने की बच्ची भी शामिल है, जिसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। यह बताता है कि वायरस बच्चों को भी प्रभावित कर रहा है। वहीं, केरल में एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 727 हो गई है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने पुष्टि की है कि राज्य में ओमिक्रॉन के JN.1 वैरिएंट के मामले सामने आ रहे हैं।
महाराष्ट्र में 9 हजार से ज्यादा टेस्ट, यूपी में 40 एक्टिव केस
महाराष्ट्र सरकार के अनुसार, गुरुवार को कोविड के 79 नए मामले सामने आए। मुंबई में जनवरी 2025 से अब तक कुल 379 केस दर्ज किए गए हैं, जिनमें जनवरी और फरवरी में एक-एक, अप्रैल में चार और मई में 373 मरीज शामिल हैं। जनवरी से अब तक राज्य में 9592 कोविड-19 टेस्ट किए गए हैं।
जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को कोविड-19 के दो मामले सामने आए, दोनों केरल के रहने वाले हैं और श्रीनगर के गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में COVID-19 की नवीनतम स्थिति (29 मई 2025 के आंकड़े के अनुसार):
उत्तर प्रदेश में इस समय 40 एक्टिव केस हैं, जो पिछले एक सप्ताह में दर्ज किए गए हैं। राज्य में अब तक कुल 21,22,619 लोग ठीक हो चुके हैं और 23,743 मौतें दर्ज की गई हैं। सरकार स्थिति पर कड़ी निगरानी रख रही है और लोगों से सतर्क रहने का आग्रह कर रही है।
भारत में मिले 4 नए कोविड वैरिएंट, ICMR बोला- ‘चिंता नहीं, बस सतर्क रहें’
भारत में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच देश में चार नए वैरिएंट की पहचान की गई है। ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से जिन वैरिएंट की सीक्वेंसिंग की गई है, वे LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के हैं। बाकी जगहों से भी नमूने लेकर सीक्वेंसिंग की जा रही है, ताकि नए वैरिएंट की जांच की जा सके। डॉ. बहल ने स्पष्ट किया कि मामले बहुत गंभीर नहीं हैं और लोगों को चिंता नहीं करनी चाहिए, बस सतर्क रहना चाहिए।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भी इन वैरिएंट को ‘चिंताजनक’ नहीं माना है। हालांकि, इन्हें ‘निगरानी में रखे गए वैरिएंट’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है। चीन सहित एशिया के दूसरे देशों में कोविड के बढ़ते मामलों में यही वैरिएंट दिख रहे हैं। NB.1.8.1 के A435S, V445H, और T478I जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैलते हैं। इन पर कोविड के खिलाफ बनी इम्यूनिटी का भी असर नहीं होता।
भारत में कोविड का JN.1 वैरिएंट सबसे आम है। टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल में यह वैरिएंट मिलता है। इसके बाद BA.2 (26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वैरिएंट के मामले भी मिलते हैं।
JN.1 वैरिएंट: लक्षण और सावधानी
JN.1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है, जिसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में WHO ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन हैं, जो इम्यूनिटी कमजोर करते हैं। अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार, JN.1 अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। दुनिया के कई हिस्सों में यह सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है।
JN.1 वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको लंबे समय तक रहने वाला कोविड हो। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें COVID-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं। विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी है कि वे सामान्य सावधानियों का पालन करें, जैसे मास्क पहनना (खासकर भीड़भाड़ वाली जगहों पर), हाथों की साफ-सफाई रखना और अगर लक्षण महसूस हों तो टेस्ट करवाना।