कानपुर, उत्तर प्रदेश: बुधवार, 28 मई 2025
तड़के सुबह कानपुर के कल्याणपुर में एक दर्दनाक सड़क हादसे ने मानवता को शर्मसार कर दिया। उल्टी दिशा से आए एक तेज रफ्तार लोडर ने एक स्कूटी को भीषण टक्कर मार दी। स्कूटी पर सवार 19 वर्षीय नर्सिंग की छात्रा अलशिफा और उसका 15 वर्षीय भाई तौहिद गंभीर रूप से घायल हो गए। हैरान करने वाली बात ये है कि दोनों भाई-बहन करीब पौने घंटे तक सड़क पर दर्द से तड़पते रहे, लेकिन अस्पताल पहुंचाने के बजाय राहगीर उनका वीडियो बनाते रहे। जब तक पुलिस और एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंची, तब तक बहुत देर हो चुकी थी और दोनों ने दम तोड़ दिया।
यह हादसा कल्याणपुर में केस्को सब स्टेशन के पास हुआ। मसवानपुर निवासी साइकिल व्यापारी मो. शकील की बेटी अलशिफा बिल्हौर के आरौल स्थित एक निजी कॉलेज में बीएससी नर्सिंग की छात्रा थी और बुधवार को उसकी परीक्षा थी। वह सुबह 5:05 बजे अपने भाई तौहिद के साथ घर से निकली थी। छोटा भाई उसे कल्याणपुर स्टेशन छोड़ने जा रहा था, जहाँ से अलशिफा को सुबह 5:20 बजे आरौल के लिए ट्रेन पकड़नी थी।
करीब दस मिनट बाद, जैसे ही अलशिफा स्कूटी चलाकर केस्को सब स्टेशन के पास पहुंची, तभी गलत दिशा से आए लोडर ने उनकी स्कूटी में टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि दोनों उछलकर सड़क पर जा गिरे और गंभीर रूप से घायल हो गए। लोडर चालक वाहन लेकर मौके से फरार हो गया। हादसे के बाद दोनों भाई-बहन सड़क पर दर्द से तड़पने लगे। भीड़ बढ़ती गई, लेकिन किसी ने मदद नहीं की; कुछ लोग तो अपने मोबाइल से वीडियो बनाने में मशगूल रहे।
मदद के बजाय मोबाइल उठाते रहे लोग
हैरानी की बात ये है कि घटनास्थल से महज 100 कदम की दूरी पर दो नर्सिंगहोम थे, फिर भी लोगों ने घायलों को वहां तक पहुंचाना भी मुनासिब नहीं समझा। कल्याणपुर आवास विकास, केशवपुरम और सत्यम विहार जैसे आसपास के इलाकों से सुबह की सैर पर निकलने वाले लोगों ने भी घायलों को जरूर देखा होगा, लेकिन किसी ने पुलिस या एंबुलेंस को सूचना देना जरूरी नहीं समझा।
देर से पहुंची मदद: डॉक्टरों ने मृत घोषित किया
करीब 40 मिनट बाद, सुबह 5:45 बजे पुलिस को सूचना मिली और उसके बाद सुबह 5:55 बजे एंबुलेंस मौके पर पहुंची। घायलों को लेकर सुबह 6:10 बजे कल्याणपुर सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने परिजनों को सूचना दी और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
हादसे का पता चलते ही मां खुशनुमा बानो, बहनें कशिश, एलिस, मंतशा का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पांडेय के मुताबिक, पीड़ित पक्ष जो भी तहरीर देगा, उसके आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
मो. शकील ने बताया कि दो दिन पहले ही वह बेटी को लेकर राजस्थान के फतेहपुर गए थे, जहाँ उसका नर्सिंग का पेपर था। पेपर देने के बाद बेटी उनके साथ मंगलवार देर रात करीब दो बजे घर लौटी थी। कुछ देर आराम करने के बाद वह सुबह तड़के ही परीक्षा के लिए तैयार हो गई थी। पिता के मुताबिक, उन्हें सुबह 7:30 बजे घटना की जानकारी मिली।
पोस्टमार्टम के बाद दोपहर करीब एक बजे, दोनों शव मसवानपुर स्थित घर पहुंचे तो पूरे मोहल्ले में कोहराम मच गया। मौके पर पुलिस बल भी मौजूद रहा। पिता मो. शकील और मां खुशनुमा बेसुध थे। अपनी बहन का शव देखकर छोटी बहन कशिश लिपटकर रोने लगी। वह चिल्ला रही थी, “अब अप्पी किसे कहेंगे…” उसका रोना देखकर आसपास खड़ी महिलाओं की आंखें भी नम हो गईं। हर कोई परिवार को ढांढस बांधता दिखाई दिया। मां बस एक ही रट लगाए थी, “मेरा घर बर्बाद हो गया, बेटा चला गया, बेटी चली गई… अब किसके सहारे जिंदगी जिएंगे।” बेटी अलशिफा की तमन्ना थी कि वह चिकित्सा के क्षेत्र में भविष्य बनाकर परिवार का नाम रोशन करे, लेकिन उसके साथ ही उसकी तमन्ना अधूरी रह गई।