May 30, 2025 | 06:55 PM. आगरा, उत्तर प्रदेश। आगरा में अवैध हथियार और फ़र्ज़ी शस्त्र लाइसेंस मामले की जाँच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, चौंकाने वाली नई जानकारियाँ सामने आ रही हैं। इस मामले में मुख्य आरोपी मोहम्मद जैद के आपराधिक इतिहास का पर्दाफाश हुआ है, जिससे उसके और उसके परिवार के गहरे आपराधिक संबंधों का खुलासा हो रहा है। उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी बृजलाल ने खुलासा किया है कि जैद के पिता शेर खान के कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी से सीधे संबंध थे और उन्होंने पंजाब में अंसारी के पैर जमाने में भी अहम भूमिका निभाई थी।
पूर्व डीजीपी बृजलाल ने बताया कि मोहम्मद जैद पर हत्या सहित कई गंभीर मुकदमे दर्ज हैं और वह राजस्थान में भी जेल जा चुका है। एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) इस मामले की गहराई से जाँच कर रही है और माना जा रहा है कि यदि विस्तृत जाँच हुई तो बड़े नामों का पर्दाफाश हो सकता है।
जैद और उसके पिता का गहरा आपराधिक इतिहास
एसटीएफ आगरा यूनिट ने मोहम्मद जैद और उसके गैंग से जुड़े लोगों के बारे में जानकारी खंगाली है। जाँच में सामने आया है कि मोहम्मद जैद और उसके पिता शेर खान के खिलाफ कई गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। हैरानी की बात यह है कि जैद ने एसटीएफ के सामने अपने बयानों में इस तरह की कोई जानकारी नहीं दी थी और खुद को सीधा-साधा दिखाने की कोशिश कर रहा था।
जानकारी मिली है कि पिता-पुत्र दोनों हत्या के मामलों में जेल जा चुके हैं। राजस्थान में एक हत्या के मामले में जैद जेल गया था, जबकि आगरा में भी एक हत्या के मामले में दोनों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी। इसके अलावा, जैद के खिलाफ और भी कई मुकदमे दर्ज हैं, जिनका विवरण एसटीएफ खंगाल रही है।
शेर खान के अधिकारियों से भी कथित तौर पर गहरे संबंध रहे हैं, जो इस पूरे नेटवर्क की जटिलता को और बढ़ा देता है। एसटीएफ का मानना है कि अवैध हथियार के इस मामले में कई बड़े और प्रभावशाली चेहरे शामिल हो सकते हैं। गैंग से जुड़े आरोपितों के पुराने मुकदमों की लिखित जानकारी एसटीएफ ने संबंधित विभागों से मांगी है।
एसटीएफ की रडार पर पूर्व बसपा और वर्तमान भाजपा नेता
इस मामले की जाँच के दायरे में अब एक नेता भी आ गए हैं। एसटीएफ की रडार पर आए ये नेता पूर्व में बसपा में शामिल रहे हैं और बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे। एसटीएफ को उनकी मोहम्मद जैद से करीबी की जानकारी मिली है। एसटीएफ उन्हें भी नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुला सकती है, जिससे इस अवैध धंधे में राजनीतिक संलिप्तता का भी खुलासा हो सकता है।
विवेचक पर उठे सवाल, पूर्व जिलाध्यक्ष की शिकायत पर नहीं हुई FIR
सिकंदरा थाने में दर्ज हुए धमकी देने के एक मुकदमे की विवेचना चौकी प्रभारी शास्त्रीपुरम विवेक बालियान को मिली है। इस मामले के वादी विशाल भारद्वाज ने विवेचक पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने एसटीएफ को एक फोटो भी सौंपा है, जिसमें आरोपित शोभित चतुर्वेदी विवेचक के साथ सेल्फी लेते दिख रहे हैं। पीड़ित का कहना है कि उन्हें विवेचक से न्याय की उम्मीद नहीं है। इस मामले में हत्या की सुपारी देने में सोनू गौतम और हरेंद्र राणा का नाम आया है, जो दोनों कुख्यात अपराधी बताए जाते हैं।
एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष श्याम भदौरिया ने जगदीशपुरा थाने में बुधवार को तहरीर दी थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि भूपेंद्र सारस्वत और उसके पिता शिव कुमार सारस्वत ने उन्हें बिना बिल के पिस्टल बेची थी। भदौरिया ने कई बार बिल मांगा, लेकिन आरोपित बहाने बनाते रहे। उन्होंने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई FIR दर्ज नहीं हुई है। यह स्थिति पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाती है कि राजनीतिक दबाव में जाँच प्रभावित हो रही है।