आगरा, उत्तर प्रदेश: गुरुवार, 5 जून 2025, शाम 6:00 बजे।
ताजनगरी आगरा के चिकित्सा परिदृश्य में आज एक स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है। एस. एन. मेडिकल कॉलेज, आगरा के अत्याधुनिक पीएमएसएसवाई कार्डियक कैथ लैब में मस्तिष्क की पहली डिजिटल सब्सट्रैक्शन एंजियोग्राफी (DSA) को सफलतापूर्वक संपन्न किया गया है, जो न केवल कॉलेज के लिए बल्कि समूचे आगरा मंडल के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है। यह मील का पत्थर अब मस्तिष्क से जुड़ी जटिल रक्त वाहिका संबंधी बीमारियों के निदान और उपचार के लिए स्थानीय स्तर पर ही विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराएगा।
दौरे के साथ आए मरीज की जटिल न्यूरोवैस्कुलर स्थिति का निदान:
यह महत्वपूर्ण प्रक्रिया उस मरीज पर की गई जो लंबे समय से दौरे (seizures) की गंभीर शिकायत के साथ कॉलेज में आया था। दौरे, अक्सर मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं की विकृतियों – जैसे कि सेरेब्रल आर्टिरियोवेनस मैलफॉर्मेशन (AVM) – का एक सामान्य और चिंताजनक लक्षण हो सकता है। शुरुआती जांचों के बाद, डॉक्टरों ने इस रोगी में एक जटिल न्यूरोवैस्कुलर रोग की पुष्टि की, जिसने मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं के विस्तृत और सटीक मूल्यांकन के लिए डिजिटल सब्सट्रैक्शन एंजियोग्राफी (DSA) जैसी उन्नत नैदानिक प्रक्रिया की आवश्यकता को अपरिहार्य बना दिया। DSA एक ऐसी इमेजिंग तकनीक है जो रक्त वाहिकाओं की विस्तृत तस्वीरें प्रदान करती है, जिससे उनकी संरचनात्मक असामान्यताओं का पता लगाना संभव होता है।
विशेषज्ञों की तिकड़ी और विभागों का समन्वित प्रयास:
इस ऐतिहासिक सफलता के पीछे एस. एन. मेडिकल कॉलेज के शीर्ष विशेषज्ञों और विभिन्न विभागों का अद्वितीय समन्वित प्रयास रहा। यह जटिल प्रक्रिया डॉ. तरूणेश शर्मा (MCh न्यूरोसर्जरी), जो न्यूरोसर्जरी के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखते हैं, और डॉ. बसंत गुप्ता (DM कार्डियोलॉजी), जो हृदय रोग विशेषज्ञ हैं, के कुशल नेतृत्व में सफलतापूर्वक सम्पन्न की गई। यह उपलब्धि वास्तव में तीन प्रमुख विभागों – न्यूरोसर्जरी, कार्डियोलॉजी और सर्जरी – के बीच अद्भुत तालमेल का परिणाम है। इन विभागों को प्राचार्य प्रो. डॉ. प्रशांत गुप्ता, शल्य चिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. प्रशांत लवानिया, और न्यूरोसर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. गौरव धाकरे जैसे अनुभवी चिकित्सकों और प्रशासकों का कुशल मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। यह बहु-विभागीय सहयोग ही जटिल न्यूरोवैस्कुलर मामलों से निपटने की कॉलेज की क्षमता को दर्शाता है।
आगरा के लिए एक नया सवेरा: रेफरल की आवश्यकता होगी खत्म:
यह सफल DSA प्रक्रिया आगरा में न्यूरो इंटरवेंशन प्रक्रियाओं की शुरुआत का प्रतीक है। इससे पहले, मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं से संबंधित ऐसी जटिल बीमारियों के सटीक निदान और इंटरवेंशनल इलाज के लिए मरीजों को अक्सर दिल्ली, लखनऊ जैसे बड़े मेट्रो शहरों में रेफर करना पड़ता था, जिसमें न केवल अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता था, बल्कि रोगियों और उनके परिजनों को मानसिक और शारीरिक परेशानी का भी सामना करना पड़ता था। अब, यह सुविधा स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध होने से सैकड़ों मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।
एस. एन. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. डॉ. प्रशांत गुप्ता ने इस उपलब्धि पर गहरा संतोष व्यक्त करते हुए कहा, “यह पूरे शहर के लिए गर्व का विषय है। अब मस्तिष्क से जुड़ी जटिल बीमारियों की जांच और इलाज स्थानीय स्तर पर ही उच्च मानकों के साथ संभव होगा। इससे मरीजों को ऐसे विशेषज्ञ उपचार के लिए आगरा से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, जिससे उनके समय, धन और ऊर्जा की बचत होगी। यह हमारे कॉलेज की चिकित्सा उत्कृष्टता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।”
भविष्य की योजनाएं और आत्मनिर्भरता की ओर कदम:
इस सफल डायग्नोस्टिक प्रक्रिया के बाद, कॉलेज अब इसी रोगी में एक इंटरवेंशनल न्यूरोप्रोसीजर की योजना बना रहा है। यह एक महत्वपूर्ण अगला कदम होगा, जो यह दर्शाएगा कि कॉलेज केवल निदान तक ही सीमित नहीं है, बल्कि जटिल न्यूरोवैस्कुलर समस्याओं के लिए पूर्ण उपचार भी प्रदान करने में सक्षम है। यह एस. एन. मेडिकल कॉलेज के लिए वास्तव में एक नई शुरुआत है, जो न्यूरोवैस्कुलर चिकित्सा सेवाओं में आत्मनिर्भरता की ओर एक मजबूत और निर्णायक कदम है। यह उपलब्धि आगरा के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत का संकेत है, जहाँ स्थानीय लोगों को अत्याधुनिक और विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाएं अपने ही शहर में उपलब्ध होंगी।