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गुरु तेग बहादुर का शौर्यगान: 350वें शहीदी शताब्दी पर विशाल कीर्तन समागम!

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शनिवार, 21 जून 2025, 10:00:52 PM IST. आगरा, उत्तर प्रदेश।

आगरा। “सीस दिया पर सी न उचरी, धरम हेत साका जिन किया…” जैसे वीर रस से ओतप्रोत शबदों से शनिवार को गुरुद्वारा गुरु का ताल का वातावरण गुंजायमान हो उठा। सिख पंथ के नवें गुरु, ‘हिंद की चादर’ श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी और उनके तीन वीर साथियों- भाई मती दास, भाई सती दास और भाई दयाला जी के 350वें शहीदी शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में यहां भव्य कीर्तन समागम का आयोजन किया गया। यह आयोजन सिख पंथ की शहादत, सेवा और समर्पण की मिसाल बनकर उभरा।

गुरुद्वारा गुरु का ताल में दिन भर संगत उमड़ती रही। इस अवसर पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, गुरुद्वारा शीशगंज साहिब नई दिल्ली, शब्द चौकी जत्था और गुरुद्वारा गुरु का ताल के संयुक्त तत्वावधान में देशभर से प्रतिष्ठित रागी जत्थों, कथा विचारकों और सिंह साहिबान की उपस्थिति रही। समागम के माध्यम से इस ऐतिहासिक वर्ष की देशव्यापी शुरुआत की गई।

गिरफ्तारी स्थल बना कीर्तन स्थली

गुरुद्वारे के मुखी संत बाबा प्रीतम सिंह ने जानकारी दी कि यही वह स्थल है जहां से गुरु तेग बहादुर साहिब जी अपने तीन साथियों सहित स्वेच्छा से औरंगजेब की गिरफ्त में दिल्ली की ओर चले थे। चांदनी चौक गुरुद्वारा शीशगंज में उन्हें शहीदी प्राप्त हुई। इस गौरवमयी स्थल पर आयोजित समागम ने संगत को उनकी कुर्बानी का स्मरण कराया।

भव्य सवारी और गतका प्रदर्शन

श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की पालकी के साथ निकाली गई सवारी में रंजीत अखाड़ा के वीरों ने गतका का प्रभावशाली प्रदर्शन किया। नरसिंगा, फूलों की वर्षा और दो निशान साहिब के साथ संगत भाई नंदलाल हॉल तक पहुँची, जहां समागम आरंभ हुआ।

देशभर से आए रागी जत्थों ने भरे रंग

अखंड कीर्तनी जत्था (दिल्ली) ने कीर्तन से आरंभ किया। हजूरी रागी भाई लखविंदर सिंह, मनिंदर सिंह और शुभदीप सिंह (दरबार साहिब, अमृतसर) ने “मन क्यों बैराग करेगा…” जैसे शबदों से संगत को आत्मिक शांति दी। भाई जसप्रीत सिंह सोनू, भाई सुरेंद्र सिंह (नई दिल्ली), भाई सरबजीत सिंह, भाई जगजीत सिंह बबीहा (पटना साहिब), भाई मनप्रीत सिंह कानपुरी ने भी विशेष हाजिरी दी। कथा विचार साझा किए गुरुद्वारा शीशगंज साहिब दिल्ली के हेड ग्रंथी ज्ञानी अंग्रेज सिंह ने।

चरण पादुकाओं के दर्शन

संगत को दर्शन हेतु दरबार साहिब में गुरु नानक देव जी और गुरु तेग बहादुर जी की चरण पादुकाएं रखी गईं, जो विशेष रूप से गुरुद्वारा निजामाबाद (आजमगढ़) से लाई गई थीं।

सेवाओं में जुटी संगत और व्यवस्था

गुरुद्वारे के मीडिया प्रभारी जसबीर सिंह ने बताया कि दिल्ली से लगभग 8000 से अधिक श्रद्धालु आगरा पहुंचे। लंगर हॉल, चाय-शरबत, दूध व अन्य प्रसाद वितरण के लिए गुरुद्वारा प्रबंधन और बाबा अमरीक सिंह के नेतृत्व में विशेष इंतजाम किए गए। रात्रि 2 बजे तक लंगर चलता रहा।

इनकी रही मौजूदगी

वीर महेंद्र पाल सिंह, दलजीत सिंह सेतिया, गुरमीत सेठी, बॉबी वालिया, उपेंद्र लवली, श्याम भोजवानी, चौधरी मनजीत सिंह, दलजीत सिंह दुग्गल, बबलू बियानी, गुरमुख बियानी, विकास बियानी, शेर सिंह, बंटी चावला, परमजीत मक्कड़, हरपाल सिंह, बॉबी आनंद, हरजिंदर पाल सिंह, सेवक जट्टी के जत्थेदार राजेंद्र सिंह, बाबा अमरीक सिंह, हरपाल सिंह, ग्रंथी हरबंस सिंह, अजायब सिंह, टीटू आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

22 जून को अमृत संचार

रविवार सुबह 6:00 से 9:00 बजे तक आसा दी वार का कीर्तन होगा। 10:00 बजे दिल्ली से आए पंज प्यारे की अगुवाई में अमृत संचार किया जाएगा। इच्छुक श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि सुबह केशी स्नान कर निर्धारित समय पर गुरुद्वारा मंजी साहिब पहुंचें।

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