Monday, 24 June 2025, 11:45:00 PM. Vrindavan, Uttar Pradesh
वृन्दावन। अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा, उत्तर प्रदेश कार्यकारिणी का प्रांतीय अधिवेशन सोमवार को वृंदावन में अत्यंत गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ। इस अवसर पर देशभर से आए ब्राह्मण प्रतिनिधियों की उपस्थिति में संगठन के भीतर नई ऊर्जा का संचार देखा गया। सभा में प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश की महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष डॉ. मधु भारद्वाज को राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष घोषित किया गया, जिससे ब्राह्मण समाज में हर्ष और गर्व की भावना व्याप्त हो गई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. बी. डी. शर्मा रहे, जबकि अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष पं. त्रिभुवन शर्मा ने की। विशिष्ट अतिथियों में राष्ट्रीय महामंत्री शिवमोहन भारद्वाज, उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व ऊर्जा मंत्री एवं वृंदावन से विधायक श्रीकांत शर्मा, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष पं. बी. डी. शर्मा करोरिया तथा महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मधु भारद्वाज प्रमुख रहे। मंच का संचालन प्रदेश महामंत्री आचार्य राजेश शर्मा एवं डॉ. मधु भारद्वाज ने संयुक्त रूप से किया।
अधिवेशन में ब्राह्मण समाज की समकालीन चुनौतियों, उनकी सामाजिक भागीदारी, आरक्षण, शिक्षण, संगठनात्मक एकता और सांस्कृतिक जागरूकता जैसे विविध विषयों पर विस्तृत विचार-विमर्श हुआ। इस दौरान कई प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पारित किया गया, जिन्हें उत्तर प्रदेश सरकार के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्णय भी लिया गया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. बी. डी. शर्मा ने अपने संबोधन में “सवर्ण आयोग” के गठन की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि आज समय की मांग है कि सवर्ण समाज की समस्याओं को हल करने हेतु सरकार एक पृथक आयोग की स्थापना करे। उन्होंने कहा कि वर्तमान आरक्षण व्यवस्था के चलते सामान्य वर्ग के योग्य युवक-युवतियों को लगातार उपेक्षा का सामना करना पड़ रहा है।
प्रदेश अध्यक्ष पं. त्रिभुवन शर्मा ने सभा को संबोधित करते हुए ब्राह्मण समाज को आरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जब हर वर्ग को आरक्षण प्राप्त है, तो ब्राह्मण समाज को इससे वंचित रखना न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने संगठन को और अधिक मजबूत बनाने की बात कही।
पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने अपने भाषण में ब्राह्मणों को “संगठित, शिक्षित और संस्कारित” करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि ब्राह्मण समाज को अपनी प्राचीन परंपराओं को सहेजते हुए आधुनिक समय के अनुसार ढलना होगा। उन्होंने वृंदावन जैसे तीर्थस्थल पर इस अधिवेशन के आयोजन को ऐतिहासिक बताया।
सभा में महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मधु भारद्वाज ने अपने विचार रखते हुए मथुरा के समीपवर्ती रुनकता क्षेत्र को एक विकसित पर्यटक स्थल बनाने की मांग की। उन्होंने रुनकता को “नगर पंचायत” का दर्जा देने का भी प्रस्ताव रखा और कहा कि इससे क्षेत्रीय विकास को नई गति मिलेगी। उनकी इस मांग को सभा में सर्वसम्मति से समर्थन प्राप्त हुआ।
सभा के अंत में राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. बी. डी. शर्मा ने घोषणा की कि डॉ. मधु भारद्वाज को महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किया जाता है। इस घोषणा से सभा में उत्साह की लहर दौड़ गई और उपस्थित कार्यकर्ताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया।
इसके अतिरिक्त प्रदेश के कई जिलों में संगठनात्मक नियुक्तियां भी की गईं। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के 25 जिलों से आए जिलाध्यक्षों, महानगर अध्यक्षों और पदाधिकारियों ने भाग लिया।
अधिवेशन में संगठन के नवाचार, युवाओं की भागीदारी, महिला सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय और संस्कृति के संरक्षण जैसे मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई। इस अवसर पर भविष्य की दिशा तय करने के लिए एक “नीति प्रस्ताव” भी पारित किया गया, जिसे शीघ्र ही राज्य सरकार को सौंपा जाएगा।
कार्यक्रम में आगरा से अरुण कान्त सारस्वत, ममता पचैरी, दीप्ति भार्गव, सुनीता झा, कल्पना शर्मा, वंदना तिवारी, अनुपम चतुर्वेदी, उपलब्धि भारद्वाज, शशांक भार्गव, अमोल शर्मा, अरुणा भारद्वाज, राजकुमारी पाराशर, रामेन्द्र शर्मा आदि ने सहभागिता की।
समापन में धन्यवाद ज्ञापन मथुरा जिलाध्यक्ष दुष्यंत शर्मा एवं महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष अनुराधा शर्मा ने संयुक्त रूप से किया।
इस आयोजन ने न केवल ब्राह्मण समाज की एकता और शक्ति को पुनः प्रकट किया, बल्कि भविष्य की योजनाओं को साकार रूप देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया। डॉ. मधु भारद्वाज की नियुक्ति नारी नेतृत्व को नई दिशा देगी, यह विश्वास व्यक्त किया गया।