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डोनाल्ड ट्रंप बने पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जिन्हें अपराधी घोषित किया गया

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डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी इतिहास में पहले ऐसे राष्ट्रपति बने हैं, जिन्हें अपराधी घोषित किया गया है। उन पर आरोप था कि उन्होंने एक अभिनेत्री को चुप रहने के लिए धन दिया और इसे अपने व्यापारिक रिकॉर्ड में गलत तरीके से दर्शाया। मई 2024 में उन्हें दोषी पाया गया, लेकिन राष्ट्रपति चुने जाने के कारण उन्हें जेल या जुर्माने की सजा नहीं दी गई।

अदालत का फैसला: न्यूयॉर्क के जज ने ट्रंप को सजा सुनाते हुए कहा कि राष्ट्रपति पद के संवैधानिक संरक्षण के कारण उन्हें जेल भेजना संभव नहीं था। अगर ट्रंप राष्ट्रपति न होते, तो उन्हें चार साल की सजा मिल सकती थी।

ट्रंप की प्रतिक्रिया: ट्रंप ने इसे अपने खिलाफ एक राजनीतिक साजिश बताया और कहा कि इस मामले का उद्देश्य उनकी छवि खराब करना और चुनाव में उन्हें हराना था।

शपथ ग्रहण: 20 जनवरी को ट्रंप अपना दूसरा राष्ट्रपति पद ग्रहण करेंगे।

यह मामला न केवल अमेरिकी न्याय प्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि राजनीति और कानून में किस तरह के विरोधाभास हो सकते हैं। ट्रंप की यह वापसी उनके समर्थकों के लिए उत्साहजनक और आलोचकों के लिए चिंताजनक हो सकती है।

अमेरिकी अदालत का अनोखा फैसला: न्यूयॉर्क के जज जुआन मर्चन ने ट्रंप को सजा सुनाते हुए इसे ‘असामान्य और अद्वितीय परिस्थितियों’ का मामला बताया। उनके अनुसार, राष्ट्रपति पद के संवैधानिक संरक्षण के कारण ट्रंप को जेल भेजना या कोई अन्य सजा देना संभव नहीं था। यदि ट्रंप राष्ट्रपति न होते, तो उन्हें चार साल की सजा मिल सकती थी।

सजा सुनने से पहले ट्रंप ने क्या कहा?: सजा सुनने से पहले ट्रंप ने इसे अपने खिलाफ एक “राजनीतिक साजिश” बताया। उन्होंने कहा कि इस मामले का उद्देश्य उनकी छवि खराब करना और चुनाव में उन्हें हराना था। उन्होंने यह भी दावा किया कि यह अनुभव उनके लिए बेहद कठिन रहा है। अदालत में गवाहों ने खुलासा किया कि 2016 के चुनाव से पहले ट्रंप ने अपने संबंधों को छिपाने के लिए धन का उपयोग किया था।

20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे ट्रंप: यह सजा 10 जनवरी को सुनाई गई और दस दिन बाद यानि 20 जनवरी को ट्रंप अपना दूसरा राष्ट्रपति पद ग्रहण करेंगे। यह मामला न केवल अमेरिकी न्याय प्रणाली पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि राजनीति और कानून में किस तरह के विरोधाभास हो सकते हैं।

ट्रंप की यह वापसी उनके समर्थकों के लिए उत्साहजनक और आलोचकों के लिए चिंताजनक है। उनका यह मामला यह दर्शाता है कि राजनीति में शक्ति और प्रभाव किस हद तक न्याय प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं।

अमेरिकी अदालत ने सुनाया अनोखा फैसला: न्यूयॉर्क के जज जुआन मर्चन ने ट्रंप को सजा सुनाते हुए इसे ‘असामान्य और अद्वितीय परिस्थितियों’ का मामला बताया। उनके अनुसार, राष्ट्रपति पद के संवैधानिक संरक्षण के कारण ट्रंप को जेल भेजना या कोई अन्य सजा देना संभव नहीं था। यदि ट्रंप राष्ट्रपति न होते, तो उन्हें चार साल की सजा मिल सकती थी।

सजा सुनने से पहले ट्रंप ने क्या कहा?: सजा सुनने से पहले ट्रंप ने इसे अपने खिलाफ एक “राजनीतिक साजिश” बताया। उन्होंने कहा कि इस मामले का उद्देश्य उनकी छवि खराब करना और चुनाव में उन्हें हराना था। उन्होंने यह भी दावा किया कि यह अनुभव उनके लिए बेहद कठिन रहा है। अदालत में गवाहों ने खुलासा किया कि 2016 के चुनाव से पहले ट्रंप ने अपने संबंधों को छिपाने के लिए धन का उपयोग किया था।

20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे ट्रंप: यह सजा 10 जनवरी को सुनाई गई और दस दिन बाद यानि 20 जनवरी को ट्रंप अपना दूसरा राष्ट्रपति पद ग्रहण करेंगे। यह मामला न केवल अमेरिकी न्याय प्रणाली पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि राजनीति और कानून में किस तरह के विरोधाभास हो सकते हैं।

ट्रंप की यह वापसी उनके समर्थकों के लिए उत्साहजनक और आलोचकों के लिए चिंताजनक है। उनका यह मामला यह दर्शाता है कि राजनीति में शक्ति और प्रभाव किस हद तक न्याय प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं।

अमेरिकी अदालत ने सुनाया अनोखा फैसला: न्यूयॉर्क के जज जुआन मर्चन ने ट्रंप को सजा सुनाते हुए इसे ‘असामान्य और अद्वितीय परिस्थितियों’ का मामला बताया। उनके अनुसार, राष्ट्रपति पद के संवैधानिक संरक्षण के कारण ट्रंप को जेल भेजना या कोई अन्य सजा देना संभव नहीं था। यदि ट्रंप राष्ट्रपति न होते, तो उन्हें चार साल की सजा मिल सकती थी।

सजा सुनने से पहले ट्रंप ने क्या कहा?: सजा सुनने से पहले ट्रंप ने इसे अपने खिलाफ एक “राजनीतिक साजिश” बताया। उन्होंने कहा कि इस मामले का उद्देश्य उनकी छवि खराब करना और चुनाव में उन्हें हराना था। उन्होंने यह भी दावा किया कि यह अनुभव उनके लिए बेहद कठिन रहा है। अदालत में गवाहों ने खुलासा किया कि 2016 के चुनाव से पहले ट्रंप ने अपने संबंधों को छिपाने के लिए धन का उपयोग किया था।

20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे ट्रंप: यह सजा 10 जनवरी को सुनाई गई और दस दिन बाद यानि 20 जनवरी को ट्रंप अपना दूसरा राष्ट्रपति पद ग्रहण करेंगे। यह मामला न केवल अमेरिकी न्याय प्रणाली पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि राजनीति और कानून में किस तरह के विरोधाभास हो सकते हैं।

ट्रंप की यह वापसी उनके समर्थकों के लिए उत्साहजनक और आलोचकों के लिए चिंताजनक है। उनका यह मामला यह दर्शाता है कि राजनीति में शक्ति और प्रभाव किस हद तक न्याय प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं।

अमेरिकी अदालत ने सुनाया अनोखा फैसला: न्यूयॉर्क के जज जुआन मर्चन ने ट्रंप को सजा सुनाते हुए इसे ‘असामान्य और अद्वितीय परिस्थितियों’ का मामला बताया। उनके अनुसार, राष्ट्रपति पद के संवैधानिक संरक्षण के कारण ट्रंप को जेल भेजना या कोई अन्य सजा देना संभव नहीं था। यदि ट्रंप राष्ट्रपति न होते, तो उन्हें चार साल की सजा मिल सकती थी।

सजा सुनने से पहले ट्रंप ने क्या कहा?: सजा सुनने से पहले ट्रंप ने इसे अपने खिलाफ एक “राजनीतिक साजिश” बताया। उन्होंने कहा कि इस मामले का उद्देश्य उनकी छवि खराब करना और चुनाव में उन्हें हराना था। उन्होंने यह भी दावा किया कि यह अनुभव उनके लिए बेहद कठिन रहा है। अदालत में गवाहों ने खुलासा किया कि 2016 के चुनाव से पहले ट्रंप ने अपने संबंधों को छिपाने के लिए धन का उपयोग किया था।

20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे ट्रंप: यह सजा 10 जनवरी को सुनाई गई और दस दिन बाद यानि 20 जनवरी को ट्रंप अपना दूसरा राष्ट्रपति पद ग्रहण करेंगे। यह मामला न केवल अमेरिकी न्याय प्रणाली पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि राजनीति और कानून में किस तरह के विरोधाभास हो सकते हैं।

ट्रंप की यह वापसी उनके समर्थकों के लिए उत्साहजनक और आलोचकों के लिए चिंताजनक है। उनका यह मामला यह दर्शाता है कि राजनीति में शक्ति और प्रभाव किस हद तक न्याय प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं।

अमेरिकी अदालत ने सुनाया अनोखा फैसला: न्यूयॉर्क के जज जुआन मर्चन ने ट्रंप को सजा सुनाते हुए इसे ‘असामान्य और अद्वितीय परिस्थितियों’ का मामला बताया। उनके अनुसार, राष्ट्रपति पद के संवैधानिक संरक्षण के कारण ट्रंप को जेल भेजना या कोई अन्य सजा देना संभव नहीं था। यदि ट्रंप राष्ट्रपति न होते, तो उन्हें चार साल की सजा मिल सकती थी।

सजा सुनने से पहले ट्रंप ने क्या कहा?: सजा सुनने से पहले ट्रंप ने इसे अपने खिलाफ एक “राजनीतिक साजिश” बताया। उन्होंने कहा कि इस मामले का उद्देश्य उनकी छवि खराब करना और चुनाव में उन्हें हराना था। उन्होंने यह भी दावा किया कि यह अनुभव उनके लिए बेहद कठिन रहा है। अदालत में गवाहों ने खुलासा किया कि 2016 के चुनाव से पहले ट्रंप ने अपने संबंधों को छिपाने के लिए धन का उपयोग किया था।

20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे ट्रंप: यह सजा 10 जनवरी को सुनाई गई और दस दिन बाद यानि 20 जनवरी को ट्रंप अपना दूसरा राष्ट्रपति पद ग्रहण करेंगे। यह मामला न केवल अमेरिकी न्याय प्रणाली पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि राजनीति और कानून में किस तरह के विरोधाभास हो सकते हैं।

ट्रंप की यह वापसी उनके समर्थकों के लिए उत्साहजनक और आलोचकों के लिए चिंताजनक है। उनका यह मामला यह दर्शाता है कि राजनीति में शक्ति और प्रभाव किस हद तक न्याय प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं।

अमेरिकी अदालत ने सुनाया अनोखा फैसला: न्यूयॉर्क के जज जुआन मर्चन ने ट्रंप को सजा सुनाते हुए इसे ‘असामान्य और अद्वितीय परिस्थितियों’ का मामला बताया। उनके अनुसार,

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