आगरा, उत्तर प्रदेश: गुरुवार, 5 जून 2025, 4.30 PM।
विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के अवसर पर, रिवर कनेक्ट कैंपेन के प्रतिनिधियों ने आगरा में मंडलायुक्त एवं ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण प्राधिकरण के अध्यक्ष को एक विस्तृत चार्टर ऑफ डिमांड्स सौंपा। इस ज्ञापन में टीटीजेड क्षेत्र की वर्षों से लंबित पर्यावरणीय समस्याओं और उनके समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है। यह पहल ताजमहल जैसे विश्व धरोहर स्मारक और उसके आसपास के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र को बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

ताजमहल और टीटीजेड पर मंडराता खतरा ज्ञापन में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि ताजमहल जैसे विश्व धरोहर स्मारक के आसपास फैला 10,400 वर्ग किमी का संवेदनशील क्षेत्र – टीटीजेड – गंभीर पर्यावरणीय खतरों का सामना कर रहा है। इसमें बढ़ते वायु प्रदूषण, औद्योगिक उत्सर्जन, अवैध वनों की कटाई और कचरा प्रबंधन की लचर व्यवस्था शामिल है, जिसने पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को खतरे में डाल दिया है। रिवर कनेक्ट कैंपेन ने इन समस्याओं के समाधान के लिए सात प्रमुख मांगें रखी हैं।
रिवर कनेक्ट कैंपेन की प्रमुख मांगें:
- वायु प्रदूषण और अम्लीय वर्षा पर नियंत्रण: कैंपेन ने सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन पर तत्काल नियंत्रण की मांग की है, क्योंकि ये रसायन ताजमहल के रंग को फीका कर रहे हैं। 1996 के सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के बावजूद, आज भी वाहन और उद्योग अनियंत्रित प्रदूषण फैला रहे हैं।
- औद्योगिक प्रदूषण: कांच, चमड़ा और फाउंड्री उद्योगों द्वारा नियमों की अनदेखी से टीटीजेड की हवा लगातार जहरीली हो रही है, जिस पर अंकुश लगाना अनिवार्य है।
- अवैध पेड़ कटाई: क्षेत्र में अवैध रूप से पेड़ों की कटाई से हरित बफर कम हो रहा है, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र असंतुलित हो रहा है।
- कचरा प्रबंधन में विफलता: ठोस और तरल कचरे के अपर्याप्त निपटान से स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों पर गंभीर खतरा बढ़ रहा है।
- सामुदायिक तालाबों की बहाली: ज्ञापन में तालाबों के अतिक्रमण को हटाकर, उन्हें पारंपरिक तरीकों से पुनर्जीवित करने की मांग की गई है, जो जल संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- यमुना और सहायक नदियों की सफाई: दशकों से गाद और प्रदूषण से जूझती यमुना नदी को फिर से प्रवाहमान और स्वच्छ बनाने की आवश्यकता पर विशेष बल दिया गया है।
- शहर के जंगलों का विकास: बढ़ते तापमान और गिरती वायु गुणवत्ता को रोकने के लिए शहरी क्षेत्रों में हरित फेफड़ों (शहर के जंगल) का निर्माण करने की मांग की गई है।
तत्काल कार्रवाई की सिफारिशें और विशिष्ट मांगें ज्ञापन में स्पष्ट रूप से सिफारिश की गई है कि औद्योगिक अनुपालन सख्ती से लागू हो, वायु गुणवत्ता की निगरानी बढ़ाई जाए, एफआरआई द्वारा पेड़ गणना पूरी की जाए, और कचरा प्रबंधन में तत्काल सुधार किया जाए।
इसके अतिरिक्त, रिवर कनेक्ट कैंपेन ने कुछ विशिष्ट और महत्वपूर्ण मांगें भी रखी हैं:
- यमुना किनारा रोड से सभी ट्रांसपोर्ट कंपनियों को स्थानांतरित किया जाए।
- नूरी दरवाजा क्षेत्र से पेठा उद्योगों को शहर से बाहर स्थानांतरित किया जाए।
- टीटीजेड प्राधिकरण के पास और अधिक संसाधन एवं अधिकार हों ताकि वे प्रभावी कार्रवाई कर सकें।
रिवर कनेक्ट के प्रवक्ता ने इस अवसर पर कहा, “ताजमहल की सुंदरता केवल इसके संगमरमर में नहीं, बल्कि इसके प्राकृतिक परिवेश में भी है। अगर हम इसे बचाना चाहते हैं तो टीटीजेड क्षेत्र को पुनर्जीवित करना होगा।” ज्ञापन में स्पष्ट किया गया कि रिवर कनेक्ट कैंपेन इन पर्यावरणीय पहलों को आगे बढ़ाने के लिए प्रशासन के साथ हर संभव सहयोग करने को तैयार है।
मंडलायुक्त का आश्वासन और आगामी पहल यह ज्ञापन श्री बृज खंडेलवाल जी (वरिष्ठतम पत्रकार), डॉ. देवाशीष भट्टाचार्य और श्री सुशील गोस्वामी जी ने मंडलायुक्त को भेंट किया। इस पर मंडलायुक्त ने पेठा उद्योग के स्थानांतरण के विषय में आश्वासन दिया कि जैसे ही गंगाजल पाइपलाइन पेठा नगरी कालिंदी विहार पहुँच जाएगी, तत्काल पेठा उद्योग वहाँ स्थानांतरित कर दिया जाएगा। यमुना किनारे से ट्रांसपोर्ट व्यवसाय की शिफ्टिंग में थोड़ा समय लगेगा, क्योंकि आगरा विकास प्राधिकरण को पहले नए ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण करना होगा, उसके बाद ही स्थानांतरण संभव होगा।
साथ ही, मंडलायुक्त ने रविवार 8 जून की सुबह यमुना सफाई अभियान में भाग लेने की स्वीकृति भी दे दी है। वह सुबह साढ़े छह से सात बजे के बीच यमुना आरती स्थल पहुँच जाएंगे, जो इस महत्वपूर्ण अभियान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।