शनिवार, 14 जून 2025, शाम 5:25 बजे IST. आगरा।
आगरा के खेड़ा राठौर थाना क्षेत्र के भगवानपुरा गाँव में शनिवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। चंबल नदी में पशुओं को पानी पिलाने गई 60 वर्षीय महिला शिरोमणि को मगरमच्छ पानी में खींच ले गया था। दुखद खबर यह है कि चार घंटे के अथक प्रयासों के बाद गोताखोरों ने शिरोमणि को तो तलाश लिया, लेकिन तब तक उसके प्राण पखेरू उड़ चुके थे। हालांकि, राहत की बात यह रही कि मगरमच्छ इस महिला को अपना निवाला नहीं बना पाया, जिससे उसके शरीर को पूरी तरह से क्षत-विक्षत होने से बचाया जा सका।
शिरोमणि उस समय नदी के पास खड़ी होकर अपने पशुओं को पानी पिला रही थी, तभी अचानक एक मगरमच्छ ने उस पर झपट्टा मारा और उसे खींचकर चंबल की गहराइयों में ले गया। यह सब इतनी तेजी से हुआ कि देखते ही देखते शिरोमणि आँखों से ओझल हो गईं।

चीख-पुकार और बचाव कार्य: साथ में मौजूद अन्य महिला चरवाहों की चीख-पुकार सुनकर गाँव से ग्रामीण दौड़कर मौके पर पहुँचे और तुरंत नदी में उतरकर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। गाँव के प्रधान बच्छराज सिंह ने बिना समय गँवाए पुलिस और वन विभाग को घटना की जानकारी दी। सूचना मिलते ही, त्वरित रूप से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया।

चार घंटे की मशक्कत के बाद मिला शव: वन विभाग और पुलिस की कड़ी निगरानी में, गोताखोरों और स्थानीय ग्रामीणों की मदद से चंबल नदी में जाल डालकर गहन सर्च ऑपरेशन चलाया गया। लगभग चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद, चंबल की गहराई से महिला का शव बाहर निकाला गया। मगरमच्छ के घातक हमले से महिला के शरीर पर गहरे घाव मिले थे, जो हमले की भयावहता को दर्शा रहे थे। शव को देखकर वहाँ मौजूद हर आँख नम हो गई और पूरे गाँव में मातम पसर गया। यह माना जा रहा है कि तमाम गोताखोरों के नदी में उतरने और लगातार सर्च ऑपरेशन चलाने की वजह से ही मगरमच्छ शिरोमणि को पूरी तरह से निवाला नहीं बना पाया। हालांकि, उसके शरीर पर मिले घाव इस बात की गवाही दे रहे थे कि मगरमच्छ ने उस पर कई घातक प्रहार किए थे।
गाँव में मातम और आगे की कार्रवाई: शिरोमणि की मौत से भगवानपुरा गाँव में शोक की लहर फैल गई है। परिजन बेसुध हैं और बार-बार यही कह रहे हैं कि वह तो सिर्फ अपने जानवरों को पानी पिलाने गई थी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और वन विभाग ने चंबल नदी में मगरमच्छों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी बढ़ा दी है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। यह घटना एक बार फिर चंबल नदी किनारे रहने वाले लोगों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा करती है।