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बिजली विभाग के व्हाट्सएप ग्रुप में अश्लीलता का ‘करंट’, उपभोक्ता हुए हैरान

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अछनेरा (आगरा), 16 जून 2025:

एक ओर जहाँ सरकार ‘डिजिटल इंडिया’ की ओर तेज़ी से कदम बढ़ा रही है, वहीं दूसरी ओर शरारती साइबर तत्व इन प्रयासों को शर्मसार करने से नहीं चूक रहे। आगरा के अछनेरा विद्युत उपखंड द्वारा उपभोक्ताओं की बिजली संबंधी शिकायतों के त्वरित निस्तारण हेतु बनाए गए ‘विद्युत मित्र उपखंड अछनेरा’ नामक व्हाट्सएप ग्रुप को रविवार दोपहर एक हैकर ने अपना निशाना बना लिया। जहाँ पहले इस ग्रुप में बिजली के ‘करंट’ की समस्या के संदेश दौड़ते थे, वहीं अब अचानक अश्लीलता के वायरल कंटेंट ने ‘शर्म का करेंट’ दौड़ा दिया, जिससे उपभोक्ता सकते में आ गए।

अश्लीलता का हमला और त्वरित कार्रवाई: रविवार दोपहर करीब डेढ़ बजे, ग्रुप में अचानक अश्लील वीडियो और ‘नेहा लाइव’ नामक एक पोर्न साइट की लिंक शेयर होनी शुरू हो गईं। ग्रुप में मौजूद उपभोक्ता पहले तो यह देखकर चौंक गए, और फिर इस शर्मनाक स्थिति से असहज हो उठे। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए, ग्रुप एडमिन टीजीटू पुष्पेंद्र ने तत्काल कार्रवाई की। उन्होंने तेजी से आपत्तिजनक सामग्री को ग्रुप से हटाया और संबंधित यूजर को तुरंत ग्रुप से बाहर कर दिया।

हैक हुआ था उपभोक्ता का नंबर: जांच में यह सामने आया कि जिस नंबर से यह अश्लील सामग्री भेजी जा रही थी, वह नंबर वास्तव में एक उपभोक्ता का था। जब विभाग के कर्मचारी ने उस नंबर पर कॉल किया, तो संबंधित व्यक्ति ने बताया कि उसका मोबाइल सुबह से ही हैक हो गया है। उसने यह भी बताया कि हैकर ने उसकी व्हाट्सएप डीपी (डिस्प्ले पिक्चर) पर भी एक अश्लील तस्वीर लगा दी है और उसी नंबर से अन्य कई जगहों पर भी आपत्तिजनक वीडियो भेजे जा रहे हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह एक साइबर अटैक का मामला है, जहाँ किसी तीसरे व्यक्ति ने उपभोक्ता के मोबाइल को हैक कर इस घटना को अंजाम दिया।

साइबर सुरक्षा पर गंभीर सवाल: यह घटना न केवल सरकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की साइबर सुरक्षा की पोल खोलती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि आम जनता की डिजिटल शिकायतें और उनकी निजी जानकारियाँ कितनी असुरक्षित हो सकती हैं। जब बिजली विभाग जैसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक सेवा प्रदाता का उपभोक्ताओं की समस्या के लिए बनाया गया प्लेटफॉर्म ही सुरक्षित नहीं है, तो आम नागरिकों की अन्य डिजिटल शिकायतें और संवेदनशील जानकारियाँ कितनी महफूज होंगी, यह एक बड़ा प्रश्न है।

अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि विद्युत विभाग और संबंधित साइबर एजेंसियाँ इस ‘डिजिटल दाग’ से खुद को कैसे साफ करती हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाती हैं। यह घटना डिजिटल इंडिया की राह में एक महत्वपूर्ण चुनौती पेश करती है, जिस पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है।

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