भारत द्वारा सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को आंशिक रूप से सस्पेंड करने के फैसले ने पाकिस्तान में हलचल मचा दी है। इस फैसले से बौखलाए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने अमेरिका में भारत को परमाणु युद्ध की धमकी दे डाली।
बिलावल भुट्टो इन दिनों वॉशिंगटन डीसी के दौरे पर हैं। गुरुवार (5 जून) को उन्होंने Middle East Institute में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत सिंधु जल संधि का उल्लंघन कर रहा है और पाकिस्तान के जल संसाधनों को बाधित कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि इससे धरती पर पहला जल आधारित परमाणु युद्ध छिड़ सकता है।
“हम मज़े में यह बातें नहीं कह रहे हैं। यह हमारे लिए अस्तित्व का संकट है। जल आपूर्ति को रोकना युद्ध की कार्रवाई है,” – बिलावल भुट्टो जरदारी
बिलावल ने अमेरिका और अन्य वैश्विक शक्तियों से भारत पर दबाव बनाने की अपील करते हुए कहा कि यदि भारत शांति चाहता है तो उसे पहले सिंधु जल संधि जैसे पुराने समझौतों का सम्मान करना होगा।
📌 क्यों बढ़ा तनाव?
भारत ने हाल ही में 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया। इसके तहत भारत ने सिंधु जल संधि को आंशिक रूप से सस्पेंड कर दिया। जवाब में पाकिस्तान ने शिमला समझौते और सभी द्विपक्षीय समझौतों को निलंबित रखने का निर्णय लिया। साथ ही अटारी-वाघा बॉर्डर बंद करने और भारत के साथ व्यापार ठप करने की भी चेतावनी दी गई।
📉 सिंधु जल संधि क्या है?
1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई सिंधु जल संधि के तहत भारत को पूर्वी नदियाँ (रावी, ब्यास, सतलुज) और पाकिस्तान को पश्चिमी नदियाँ (सिंधु, झेलम, चिनाब) दी गई थीं। इस संधि को भारत-पाक के बीच ‘अविभाज्य सहमति’ माना जाता था, लेकिन अब दोनों देश इसे लेकर आमने-सामने हैं।