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अंकिता भंडारी हत्याकांड: कोर्ट ने दोषियों को सुनाई उम्रकैद की सजा, परिजन बोले- ‘मौत के बदले मौत चाहिए’, हाईकोर्ट में करेंगे अपील

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May 31, 2025 | 02:40 AM. कोटद्वार, उत्तराखंड।

उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में शुक्रवार को कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने करीब 2 साल 8 महीने बाद अंतिम फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने इस जघन्य अपराध के तीनों मुख्य आरोपियों, वनंत्रा रिज़ॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही, अदालत ने तीनों दोषियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है और पीड़िता के परिजनों को कुल चार लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।

हालांकि, कोर्ट के इस फैसले से अंकिता के माता-पिता संतुष्ट नहीं हैं। फैसले के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने साफ कहा कि उन्हें अपनी बेटी की हत्या के लिए दोषियों को फांसी की सजा चाहिए थी। उन्होंने कहा, “मौत के बदले मौत ही इंसाफ है।” परिजनों ने ऐलान किया है कि वे इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे और दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग करेंगे।

फैसले के दिन कोटद्वार कोर्ट परिसर छावनी में तब्दील, धारा 163 लागू

फैसले के दिन कोटद्वार अदालत परिसर सुरक्षा के लिहाज से एक छावनी में तब्दील हो गया था। पौड़ी, देहरादून, हरिद्वार, टिहरी और उत्तरकाशी जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल और डेढ़ कंपनी पीएसी (प्रादेशिक आर्म्ड कॉन्स्टेबुलरी) को तैनात किया गया था। कोर्ट परिसर में घुसने की कोशिश कर रही भीड़ को पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर सख्ती से रोका। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी लगातार सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी करते रहे ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।

फैसले के मद्देनजर, एसडीएम कोटद्वार सोहन सिंह सैनी ने अदालत के 200 मीटर के दायरे में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा (Prohibitory Order) लागू की थी। इसके तहत किसी को भी समूह में प्रवेश करने, नारेबाजी करने या धरना देने की अनुमति नहीं थी। सुरक्षा व्यवस्था और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पांच मजिस्ट्रेटों की तैनाती भी की गई थी।

अंकिता हत्याकांड: हत्या से सजा तक की पूरी समयरेखा
  • 18 सितंबर 2022: अंकिता भंडारी की हत्या वनंत्रा रिज़ॉर्ट में कर उसके शव को चीला नहर में फेंक दिया गया था।
  • 22 सितंबर 2022: जन विरोध और बढ़ते दबाव के बाद मामला राजस्व पुलिस से हटाकर लक्ष्मण झूला थाने को स्थानांतरित कर दिया गया।
  • 24 सितंबर 2022: चीला नहर से अंकिता का शव बरामद किया गया, जिसके बाद एम्स ऋषिकेश में उसका पोस्टमार्टम हुआ।
  • 26 सितंबर 2022: पुलिस कस्टडी में क्राइम सीन का दोहराव कर घटना की पूरी जानकारी जुटाई गई।
  • 16 दिसंबर 2022: मामले के तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई।
  • 30 जनवरी 2023: कोटद्वार कोर्ट में इस बहुचर्चित मामले की पहली सुनवाई हुई।
  • 28 मार्च 2023: अभियोजन पक्ष की गवाही शुरू हुई, जिसमें महत्वपूर्ण सबूत पेश किए गए।
  • 30 मई 2025: कोटद्वार एडीजे कोर्ट का अंतिम फैसला आया, जिसमें तीनों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।

मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (SIT) ने कोर्ट में 500 पेज की विस्तृत चार्जशीट दाखिल की थी। अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी ने 47 अहम गवाह पेश किए, जिनकी गवाही और ठोस सबूतों के आधार पर तीनों आरोपियों को दोषी ठहराया गया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई।

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