आगरा, उत्तर प्रदेश: मंगलवार, 3 जून 2025, दोपहर 1:07 बजे।
सिकंदरा थाना क्षेत्र के रामी नगला गांव में आज सुबह की शांत बेला एक ऐसे हृदय विदारक हादसे की गवाह बनी, जिसने पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया। यमुना नदी में नहाने उतरीं एक ही परिवार की छह मासूम किशोरियां गहरे पानी में डूबकर काल के गाल में समा गईं। यह घटना इतनी अप्रत्याशित और भयावह थी कि इसने न केवल पीड़ित परिवार को, बल्कि पूरे गांव को हिलाकर रख दिया है, और हर आँख नम है। रामी नगला की हर गली, हर कोना खामोश है, जहाँ केवल रुदन और सन्नाटा पसरा हुआ है।
यह दुर्घटना ग्राम पंचायत रामी नगला के मजरा नगला नाथू में घटी। मृतक लड़कियां एक ही परिवार के भाइयों की बेटियां थीं, जो आपस में चचेरी बहनें थीं। उनकी उम्र 10 से 18 वर्ष के बीच बताई जा रही है। इन अभागी लड़कियों के नाम दिव्या, मुस्कान, नैना, संध्या, सोनम और सुहानी थे। आज सुबह, अन्य दो सहेलियों सहित कुल आठ लड़कियां यमुना किनारे गईं थीं। गर्मी के मौसम में अक्सर बच्चे नदी के ठंडे पानी में राहत पाने जाते हैं, और शायद यही सोचकर ये छह बहनें भी यमुना में नहाने उतर गईं। लेकिन वे नदी की गहराई का जरा भी अंदाज़ा नहीं लगा सकीं। यमुना, जो बाहर से शांत दिखती है, उसके भीतर छिपे गहरे भँवर और तेज बहाव का अनुमान लगाना उनके लिए असंभव था। देखते ही देखते, वे एक के बाद एक गहरे पानी में समाती चली गईं।
इन लड़कियों के साथ आईं दो अन्य सहेलियों ने जब अपनी बहनों और दोस्तों को डूबते देखा, तो उनकी चीखें पूरे यमुना किनारे गूँज उठीं। उनके शोर सुनकर आस-पास के खेतों में काम कर रहे ग्रामीण और गांव के लोग तेजी से नदी किनारे एकत्रित होने लगे। लोगों ने तुरंत नदी में कूदकर बचाने की कोशिश की, लेकिन यमुना का बहाव और उसकी गहराई इतनी अधिक थी कि उनकी सारी कोशिशें नाकाम रहीं। गांव के कई लोग जो तैरने में माहिर थे, वे भी जान की बाजी लगाकर पानी में उतरे, लेकिन तब तक सभी लड़कियां गहरे पानी में जा चुकी थीं। ग्रामीणों की आँखों के सामने ही जीवन की डोर टूट रही थी, और वे असहाय होकर इस दृश्य को देखने को मजबूर थे।
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस बल तत्काल मौके पर पहुंचा। पुलिस ने बिना देर किए स्थानीय गोताखोरों को बुलाया, जिन्होंने अथक मशक्कत के बाद एक-एक करके सभी छह शवों को नदी से बाहर निकाला। जब निर्जीव शरीर यमुना के किनारे लाए गए, तो वहां मौजूद हर व्यक्ति का कलेजा फट गया। पीड़ित परिवारों का विलाप सुन पूरा वातावरण गमगीन हो गया। माँ-बाप, भाई-बहन और रिश्तेदारों की आंखें अपने लाड़लों के शवों को देखकर फटी की फटी रह गईं, और उनका करुण क्रंदन हर किसी को द्रवित कर रहा था। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और उनकी पहचान की प्रक्रिया भी पूरी की जा रही है।
इस भीषण हादसे के बाद रामी नगला गांव में गहरा सन्नाटा पसरा है। हर घर, हर गली में सिर्फ शोक और दुख का माहौल है। यह घटना सिर्फ एक परिवार के लिए नहीं, बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक असहनीय क्षति है। यह दुखद प्रकरण एक बार फिर नदियों और जल स्रोतों के पास बच्चों की सुरक्षा, निगरानी और उन्हें पानी की गहराई के खतरों के प्रति जागरूक करने की महत्ता को उजागर करता है। समूचा आगरा जिला इस हृदय विदारक त्रासदी पर स्तब्ध है।