नई दिल्ली: सोमवार, 2 जून 2025, रात 8:25 बजे।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत की सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की रणनीति के तहत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9-10 जून को विदेशों में भारत का पक्ष रखने गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सांसदों से मुलाकात करेंगे। यह बैठक पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने के सबूतों और भारत की मजबूत स्टैंड पर चर्चा के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
मुलाकात का मुख्य उद्देश्य ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (भारत की सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक) के बाद की स्थिति और पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को लगातार समर्थन देने के सबूतों पर विस्तार से चर्चा करना है। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के शशि थरूर, भाजपा के तेजस्वी सूर्या, तेलुगु देशम के जीएम हरीश बालयोगी सहित 7 सांसदों का दल शामिल है। इन सांसदों ने अमेरिका, यूरोप और एशियाई देशों में भारत का पक्ष मजबूती से रखा है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थक रवैये से अवगत कराया है।
भारत की कोशिश है कि पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़े, जिससे उसे फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ‘ग्रे लिस्ट’ में डाला जाए और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंध लगाए जाएं। यह राजनयिक दबाव पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के लिए मजबूर कर सकता है।
इसी कड़ी में, प्रधानमंत्री मोदी 5 जून को केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता भी करेंगे। इस बैठक में पहलगाम आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद की रणनीतियों पर गहन चर्चा होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में सेना और विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी भी शामिल होंगे, जो वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति पर अपनी राय रखेंगे।
विदेश नीति विशेषज्ञों का मानना है कि यह दौरा भारत की “डिप्लोमेसी ऑफ एक्शन” नीति को दर्शाता है। इस नीति के तहत, सैन्य कार्रवाई के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने की कोशिश की जा रही है। यह भारत की आक्रामक और बहुआयामी विदेश नीति का एक स्पष्ट संकेत है, जिसका उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहमति बनाना और भारत की सुरक्षा हितों को सुनिश्चित करना है।