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‘सितारे ज़मीन पर’ – आमिर खान की भावनात्मक वापसी, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर धीमी शुरुआत

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मुंबई: 21 जून, 2025 – बॉलीवुड के ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ आमिर खान ने तीन साल के लंबे अंतराल के बाद आखिरकार बड़े पर्दे पर वापसी कर ली है। उनकी बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘सितारे ज़मीन पर’ 20 जून, 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ हो गई है। यह फिल्म 2007 की समीक्षकों द्वारा प्रशंसित और व्यावसायिक रूप से सफल फिल्म ‘तारे ज़मीन पर’ की “आध्यात्मिक अगली कड़ी” मानी जा रही है, और इसने दर्शकों को भावनात्मक कहानियों की याद दिला दी है जिनके लिए आमिर खान जाने जाते हैं। हालांकि, पहले दिन के बॉक्स ऑफिस आंकड़े उम्मीद से कम रहे हैं, फिर भी फिल्म को सकारात्मक समीक्षाएं और दर्शकों से उत्कृष्ट वर्ड-ऑफ-माउथ मिल रहा है।


फिल्म का सार और ‘तारे ज़मीन पर’ से तुलना

आर.एस. प्रसन्ना द्वारा निर्देशित और आमिर खान प्रोडक्शंस द्वारा निर्मित, ‘सितारे ज़मीन पर’ 2018 की स्पेनिश फिल्म ‘कैंपियन्स’ का आधिकारिक रीमेक है। फिल्म की कहानी एक बास्केटबॉल कोच गुलशन (आमिर खान) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने खराब व्यवहार के कारण निलंबित हो जाता है और उसे सामुदायिक सेवा के तौर पर बौद्धिक अक्षमता वाले खिलाड़ियों की एक टीम को प्रशिक्षित करने का काम मिलता है। शुरू में, गुलशन इस काम को एक बोझ मानता है, लेकिन धीरे-धीरे इन खिलाड़ियों के साथ उसका रिश्ता गहरा होता जाता है, और वह उनसे जीवन के महत्वपूर्ण सबक सीखता है।

फिल्म समावेशिता, सहानुभूति और दृढ़ संकल्प के विषयों पर प्रकाश डालती है, ठीक वैसे ही जैसे ‘तारे ज़मीन पर’ ने डिस्लेक्सिया के प्रति जागरूकता पैदा की थी। इस फिल्म में भी, गुलशन का किरदार एक ऐसे व्यक्ति का है जो शुरुआत में इन “सितारों” को कम आंकता है, लेकिन बाद में उन्हें उनकी अद्वितीय क्षमताओं और मानवीय भावना की ताकत का एहसास होता है। फिल्म को खास तौर पर विशेष रूप से सक्षम बाल कलाकारों के दमदार प्रदर्शन के लिए सराहा जा रहा है, जिन्होंने दर्शकों के दिलों को छू लिया है।

‘तारे ज़मीन पर’ के स्टार दर्सहील सफारी ने भी फिल्म देखने के बाद एक भावुक समीक्षा साझा की है। उन्होंने कहा कि फिल्म ने उनके दिल को “और भी भरा हुआ, नरम और खुश” महसूस कराया, और उन्होंने इसकी संवेदनशीलता, हास्य और ईमानदारी से एक संवेदनशील विषय को संभालने की क्षमता की प्रशंसा की। दर्सहील ने दर्शकों से फिल्म को बड़े पर्दे पर देखने का आग्रह किया, यह कहते हुए कि यह ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए नहीं बनी है और थिएटर के अनुभव की खामोशी और एकाग्रता की हकदार है। यह निश्चित रूप से फिल्म के लिए एक बड़ा समर्थन है, विशेष रूप से ‘तारे ज़मीन पर’ के साथ इसके जुड़ाव को देखते हुए।


बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन का प्रदर्शन

‘सितारे ज़मीन पर’ ने अपने शुरुआती दिन, शुक्रवार 20 जून को, बॉक्स ऑफिस पर लगभग 11.7 करोड़ रुपये का शुद्ध संग्रह किया है (शुरुआती अनुमानों के अनुसार)। इसमें हिंदी से 11.5 करोड़ रुपये, तमिल से 0.05 करोड़ रुपये और तेलुगु से 0.15 करोड़ रुपये शामिल हैं। यह आंकड़ा 2025 में रिलीज़ हुई कई अन्य फिल्मों के शुरुआती संग्रह से बेहतर है, जिसमें “केसरी चैप्टर 2” (7.84 करोड़ रुपये) और “जाट” (9.62 करोड़ रुपये) जैसी फिल्में शामिल हैं।

हालांकि, आमिर खान की पिछली फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ (11.5 करोड़ रुपये) और उनकी ब्लॉकबस्टर ‘दंगल’ (29.78 करोड़ रुपये) की तुलना में यह कम है। फिल्म को लगभग 30 करोड़ रुपये की शुरुआती उम्मीद थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी है। हालांकि, यह 2007 की ‘तारे ज़मीन पर’ (2.62 करोड़ रुपये) के मुकाबले कई गुना बेहतर है।

ट्रेड एनालिस्ट्स का मानना है कि फिल्म को सकारात्मक वर्ड-ऑफ-माउथ का फायदा मिलेगा और सप्ताहांत में इसके कलेक्शन में उछाल आ सकता है। “रॉकी और रानी की प्रेम कहानी” जैसी फिल्मों के समान, ‘सितारे ज़मीन पर’ भी अपनी धीमी शुरुआत के बावजूद मजबूत सप्ताहांत और उसके बाद बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन कर सकती है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि फिल्म को अगले 1-2 महीनों तक कोई कड़ी प्रतिस्पर्धा नहीं मिलेगी, जिससे इसे लंबी दौड़ में मदद मिल सकती है।


कलाकर और टीम

फिल्म में आमिर खान के साथ जेनेलिया देशमुख (उनकी पत्नी के रूप में) महत्वपूर्ण भूमिका में हैं। जेनेलिया का किरदार उनके पति को कई मौके देता है और वह एक वास्तविक महिला की भूमिका निभाती हैं। डॉली आहलूवालिया आमिर की मां की भूमिका में हैं, जबकि बृजेंद्र काला भी एक सहायक भूमिका में हैं।

हालांकि, फिल्म की असली जान इसमें शामिल विशेष रूप से सक्षम कलाकार हैं। अरुष दत्ता, गोपी कृष्णन वर्मा, समित देसाई, वेदांत आर शर्मा, आयुष भंसाली, आशीष पेंसे, ऋषि शाहनी, ऋषभ जैन, नमन मिश्रा और सिमरन मंगेशकर ने अपने किरदारों को अविश्वसनीय ईमानदारी और ऊर्जा के साथ निभाया है। दर्शकों और समीक्षकों ने एक स्वर में इन युवा अभिनेताओं के प्रदर्शन की प्रशंसा की है। गुरपाल सिंह का किरदार, जो फिल्म का एक और ‘हीरो’ बताया जा रहा है, भी काफी प्रभावशाली है।

आर.एस. प्रसन्ना ने निर्देशन किया है, जबकि संगीत शंकर-एहसान-लॉय ने दिया है और बैकग्राउंड स्कोर राम संपत का है। फिल्म का छायांकन जी. श्रीनिवास रेड्डी ने किया है और संपादन चारु श्री रॉय का है।


समीक्षकों और दर्शकों की राय

फिल्म को समीक्षकों और दर्शकों दोनों से मिश्रित से सकारात्मक समीक्षाएं मिली हैं। कई लोगों ने फिल्म के भावनात्मक संदेश, हास्य और ईमानदारी की सराहना की है। विशेष रूप से, फिल्म के मुख्य कलाकारों, यानी बौद्धिक अक्षमता वाले बच्चों के प्रदर्शन को जबरदस्त प्रशंसा मिली है।

  • सकारात्मक पहलू:
    • फिल्म का मुख्य संदेश और विशेष रूप से सक्षम लोगों के प्रति कलंक को दूर करने का प्रयास।
    • ईमानदार प्रदर्शन, विशेषकर बच्चों का।
    • हास्य और भावनात्मक क्षणों का सही संतुलन, जो फिल्म को उपदेशात्मक होने से बचाता है।
    • आमिर खान का दमदार प्रदर्शन और शारीरिक परिवर्तन।
    • फिल्म दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती है और उन्हें अधिक मानवीय बनने के लिए प्रेरित करती है।
  • नकारात्मक पहलू:
    • कुछ समीक्षकों को फिल्म की लंबाई (158 मिनट) थोड़ी अधिक लगी, खासकर दूसरे हाफ में।
    • कुछ को कहानी थोड़ी अनुमानित लगी, जो स्पेनिश मूल की रीमेक होने के कारण स्वाभाविक है।
    • जेनेलिया देशमुख की भूमिका को पर्याप्त महत्व न मिलने और आमिर-जेनेलिया की केमिस्ट्री को कृत्रिम बताया गया है।
    • कुछ लोगों को लगा कि फिल्म ‘तारे ज़मीन पर’ जैसी भावनात्मक गहराई और कथात्मक पकड़ में कुछ हद तक कमी महसूस हुई।

हालांकि, अधिकांश समीक्षाएं इस बात पर सहमत हैं कि फिल्म का दिल सही जगह पर है और यह एक हार्दिक, मर्मस्पर्शी पारिवारिक फिल्म है जो बिना किसी सस्ते हास्य या लिंगभेदी चुटकुलों के दर्शकों को हंसाती और रुलाती है।


बॉलीवुड में एक नई प्रवृत्ति का संकेत?

‘सितारे ज़मीन पर’ की रिलीज़ यह भी संकेत देती है कि बॉलीवुड अब न केवल बड़े बजट के तमाशे, बल्कि सामग्री-संचालित फिल्मों पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिनमें एक मजबूत सामाजिक संदेश होता है। आमिर खान ने हमेशा ऐसी फिल्में बनाई हैं जो मनोरंजन के साथ-साथ समाज को सोचने पर मजबूर करती हैं, और ‘सितारे ज़मीन पर’ उसी विरासत को आगे बढ़ाती है।

यह फिल्म दर्शकों को यह भी याद दिलाती है कि सिनेमा सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि यह जागरूकता बढ़ाने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक शक्तिशाली माध्यम भी है। जैसा कि दर्सहील सफारी ने कहा, “कुछ कहानियाँ खामोशी, एक पर्दे और आपके पूरे दिल की माँग करती हैं।” ‘सितारे ज़मीन पर’ निश्चित रूप से ऐसी ही एक कहानी है, जो दर्शकों को एक इंसान के रूप में बेहतर बनने के लिए प्रेरित करती है।

‘सितारे ज़मीन पर’ अब सिनेमाघरों में है, और यह देखने लायक होगा कि यह फिल्म सप्ताहांत और आने वाले हफ्तों में बॉक्स ऑफिस पर कितना कमाल दिखा पाती है, क्योंकि इसका असली परीक्षण वर्ड-ऑफ-माउथ पर निर्भर करेगा।

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