नई दिल्ली, मंगलवार, 24 जून, 2025, 01:52 बजे
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मोतीनगर इलाके में स्थित एक बैंक्वेट हॉल में सोमवार, 23 जून, 2025 की रात लगभग 10:45 बजे अचानक भीषण आग लग गई, जिससे पूरे क्षेत्र में भारी अफरा-तफरी का माहौल बन गया। आग की लपटें इतनी विकराल थीं कि दूर से ही आसमान में धुएं का घना गुबार उठता हुआ दिखाई दे रहा था, जिसने लोगों में दहशत पैदा कर दी। यह दिल दहला देने वाली घटना मोतीनगर के “रॉयल सेलिब्रेशन बैंक्वेट हॉल” (काल्पनिक नाम) में हुई, जिसने देर रात तक इलाके को अपनी चपेट में रखा।
विकराल आग और दमकल की मशक्कत: 18 गाड़ियां मौके पर
दिल्ली फायर सर्विस को जैसे ही आग लगने की सूचना मिली, तुरंत तत्परता दिखाते हुए 18 दमकल गाड़ियां घटनास्थल के लिए रवाना कर दी गईं। अग्निशमन दल ने सोमवार, 23 जून, 2025 की रात 11:00 बजे तक मौके पर पहुंचकर आग बुझाने का काम शुरू कर दिया। बैंक्वेट हॉल से प्राप्त वीडियो फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों से स्पष्ट है कि आग की लपटें बेकाबू होकर पूरी इमारत को अपनी चपेट में ले रही थीं। काले धुएं का घना गुबार कई किलोमीटर दूर से भी साफ दिखाई दे रहा था, जिससे आसपास के इलाकों में भी चिंता फैल गई। स्थानीय निवासियों ने बताया कि आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ ही मिनटों में पूरा हॉल धुएं और लपटों से घिर गया। आग की प्रचंडता को देखते हुए भारी वित्तीय और ढांचागत नुकसान की आशंका जताई जा रही है। हॉल के अंदरूनी हिस्से में मौजूद ज्वलनशील साज-सामान और भव्य सजावट के सामान ने आग को और भी तेजी से फैलने में मदद की, जिससे इसे नियंत्रित करना और भी मुश्किल हो गया।
जान बचाने को मची भगदड़: दहशत का भयावह मंजर
आग लगने की खबर जंगल में आग की तरह फैलते ही बैंक्वेट हॉल के अंदर मौजूद लोगों में हड़कंप मच गया। जो लोग उस समय हॉल में थे, वे अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कुछ लोग घबराकर बैंक्वेट हॉल से बाहर की ओर दौड़ रहे थे, जिससे एक तरह की भगदड़ जैसी स्थिति बन गई थी। हर कोई सुरक्षित बाहर निकलने की कोशिश में था, और चीख-पुकार का माहौल बन गया। हालांकि, दिल्ली फायर सर्विस और स्थानीय पुलिस अभी तक यह पुष्टि नहीं कर पाई है कि आग लगने के समय बैंक्वेट हॉल में कितने लोग मौजूद थे और क्या कोई हताहत हुआ है। राहत और बचाव कार्य पूरी रात जारी रहा और इस बात की गहन जांच की जा रही है कि क्या कोई व्यक्ति आग में फंसा हुआ था या नहीं। अधिकारियों ने बताया कि उनकी प्राथमिकता सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
बचाव अभियान और निकासी: आसपास के मकानों को भी खतरा
आग की भीषणता को देखते हुए, दमकल कर्मियों ने तुरंत आसपास के रिहायशी मकानों और दुकानों से लोगों को हटाना शुरू कर दिया। एहतियात के तौर पर, बैंक्वेट हॉल से सटी हुई इमारतों को तुरंत खाली करा लिया गया ताकि आग फैलने की स्थिति में कोई बड़ा नुकसान न हो। दमकलकर्मियों को आग पर काबू पाने में भारी मशक्कत करनी पड़ रही है, क्योंकि आग लगातार फैल रही थी और हॉल के अंदर रखे ज्वलनशील पदार्थ आग को और भड़का रहे थे। अग्निशमन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आग बुझाने के लिए पानी के साथ-साथ विशेष फोम का भी इस्तेमाल किया गया, जो ऐसी भीषण आग को बुझाने में अधिक प्रभावी होता है। आग बुझाने का अभियान देर रात तक जारी रहा और मंगलवार, 24 जून, 2025 की सुबह 00:30 बजे तक (आधी रात के बाद) आग पर काफी हद तक काबू पा लिया गया था, लेकिन आग के पूरी तरह बुझने और दोबारा न भड़कने के लिए कूलिंग ऑपरेशन अभी भी जारी है।
आग लगने का कारण अज्ञात: उच्च-स्तरीय जांच के आदेश
आग लगने का सही कारण अभी तक पता नहीं चल सका है। दिल्ली फायर सर्विस के अधिकारियों ने बताया कि आग के कारणों की गहन जांच की जा रही है। प्रारंभिक तौर पर शार्ट सर्किट, किसी ज्वलनशील पदार्थ के संपर्क में आने, या गैस सिलेंडर में विस्फोट जैसी आशंकाएं जताई जा रही हैं, लेकिन सटीक कारण जांच पूरी होने के बाद ही पता चल पाएगा। पुलिस ने भी इस घटना का संज्ञान लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। फोरेंसिक टीम भी घटनास्थल का मुआयना करेगी ताकि आग लगने के वास्तविक कारणों का पता लगाया जा सके और यदि कोई लापरवाही पाई जाती है, तो संबंधित पक्षों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सके।
दिल्ली में लगातार अग्निकांड: अग्नि सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल
यह घटना दिल्ली में हाल ही में हुई कई बड़ी आग की घटनाओं के बाद सामने आई है, जिसने शहरी क्षेत्रों में अग्नि सुरक्षा उपायों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कुछ दिनों पहले ही, दिल्ली के द्वारका स्थित “शब्द अपार्टमेंट” (काल्पनिक नाम) में एक भीषण आग लग गई थी, जिसके बाद वहां चीख-पुकार मच गई थी। वह आग इतनी भयानक थी कि उसकी लपटें लोगों को डरा रही थीं। उस दर्दनाक घटना में, जल्दबाजी में तीन लोग बिल्डिंग से नीचे कूद गए थे, जिनकी बाद में मौत हो गई थी। हालांकि, अपार्टमेंट में फंसे अन्य लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया था।
इन लगातार हो रही घटनाओं से यह स्पष्ट है कि सार्वजनिक और रिहायशी इमारतों में अग्नि सुरक्षा मानदंडों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। अधिकारियों को चाहिए कि वे इन घटनाओं से सबक लेकर भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पुख्ता कदम उठाएं और सुरक्षा नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई करें। यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान और आवासीय परिसर नियमित रूप से अग्नि सुरक्षा ऑडिट कराएं, अग्नि सुरक्षा उपकरणों को दुरुस्त रखें और आपातकालीन निकास मार्गों को हमेशा खुला व बाधा रहित रखें। क्या हमारे शहर की इमारतें भविष्य में ऐसे हादसों से निपटने के लिए तैयार हैं?