रविवार, 15 जून 2025, शाम 7:55 बजे IST. मथुरा।
मथुरा शहर के गोविंदनगर थाना क्षेत्र के शाहगंज दरवाजा इलाके में स्थित सिद्ध बाबा मंदिर के पास कच्ची सड़क पर बने एक टीले पर आज अचानक मिट्टी खिसकने से आठ से अधिक मकान भरभराकर गिर गए। इस भीषण हादसे में दो सगी बच्चियों सहित कुल तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई और लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी चंद्रप्रकाश सिंह, एसएसपी श्लोक कुमार, नगर निगम और फायर ब्रिगेड की टीमें तुरंत मौके पर पहुँच गईं और युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
हादसे का मंजर और बेघर हुए परिवार: प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टीले पर बने इन मकानों के नीचे से मिट्टी खिसकने के कारण मकान जैसे टुकड़ों में टूटकर जमींदोज हो गए। मोहन लाल, जो खुद भी मलबे से भाग निकलने में सफल रहे, ने बताया कि उन्हें जमीन हिलती हुई महसूस हुई और भागते समय उनके पैर में चोट भी आई। मलबे में दबे परिवारों में तोता राम सैनी, सूरजभान गलाई वाले, राधा मणि, मान सिंह और विनोद हलवाई के मकान शामिल थे।
छुट्टियां मनाने आईं मासूम बेटियों की मौत: इस हादसे का सबसे दुखद पहलू यह है कि विनोद हलवाई की बेटियाँ— छह वर्षीय यशोदा और तीन वर्षीय काव्या— जो छुट्टियों में वृंदावन के गौतमपाड़ा स्थित अपने ननिहाल से यहाँ आई थीं, मौत के मुँह में समा गईं। मोहनलाल की पत्नी अपनी इन दो बेटियों के साथ छुट्टियाँ बिताने ससुराल आई थीं, लेकिन किसी को क्या पता था कि ये छुट्टियाँ उनका जीवन ही छीन लेंगी। मिट्टी धंसते ही मकान भरभराकर गिरा और दोनों बच्चियां मलबे में दब गईं। आसपास के लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद मलबे से निकालकर अस्पताल पहुँचाया, लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस हादसे ने आठ परिवारों को पूरी तरह से उजाड़ दिया है। जिन मकानों को लोगों ने जीवन भर की मेहनत से बनाया था, वे कुछ ही सेकंड में जमींदोज हो गए। न सिर पर छत बची, न रोटी का कोई साधन। गृहस्थी का सारा सामान मलबे में दबकर नष्ट हो गया है, जिससे लोग अवाक और बेसुध हैं।
राहत और बचाव कार्य जारी: घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी चंद्रप्रकाश सिंह, एसएसपी श्लोक कुमार, नगर निगम आयुक्त और फायर ब्रिगेड के अधिकारी तुरंत मौके पर पहुँच गए और राहत एवं बचाव कार्य की निगरानी कर रहे हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीमों को भी बुलाया गया है, जो तेजी से मलबे को हटाने और दबे लोगों को निकालने का प्रयास कर रही हैं। फायर ब्रिगेड की टीमें भी लगातार सक्रिय हैं।
भीड़ नियंत्रण और विधायक ने दी सांत्वना: हादसे की खबर फैलते ही मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई, जिससे बचाव कार्य में बाधा आ सकती थी। पुलिस और ट्रैफिक टीम ने मोर्चा संभालते हुए मार्गों को आवागमन के लिए बंद कर दिया और रेस्क्यू कार्य को सुचारु रूप से चलाने के लिए लोगों को घटनास्थल से हटाया गया।
स्थानीय विधायक श्रीकांत शर्मा ने जिला अस्पताल पहुँचकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने पीड़ितों से हादसे की जानकारी ली और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन पूरी संवेदनशीलता के साथ राहत और पुनर्वास कार्य करेगा। यह घटना मथुरा में जर्जर और असुरक्षित निर्माणों को लेकर एक गंभीर चेतावनी है।
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