आगरा, उत्तर प्रदेश: रविवार, 8 जून 2025, 8:47 PM।
देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर एक भयानक और दिल दहला देने वाली घटना से दहल गई है। नेहरू विहार इलाके में एक 9 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ कथित तौर पर यौन उत्पीड़न के बाद उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई है। यह अमानवीय कृत्य तब सामने आया जब शनिवार शाम को लड़की का शव उसके पड़ोसी के घर से एक सूटकेस में बंद मिला। इस जघन्य वारदात ने दिल्ली में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, और पूरे इलाके में भारी विरोध प्रदर्शन और आक्रोश फैल गया है।
लापता बच्ची की तलाश और सूटकेस में मिली लाश
घटना की शुरुआत शनिवार शाम करीब 7 बजे हुई, जब नेहरू विहार निवासी 9 वर्षीय बच्ची अपने एक रिश्तेदार के यहाँ बर्फ देने गई थी। जब वह काफी देर तक वापस नहीं लौटी, तो उसके माता-पिता ने उसकी तलाश शुरू की। परिवार के सदस्यों ने कई रिश्तेदारों और पड़ोसियों से संपर्क किया, लेकिन बच्ची का कोई पता नहीं चला। अंततः, किसी ने परिवार को बताया कि बच्ची को पास के एक घर में घुसते हुए देखा गया था।
बच्ची के पिता तुरंत उस फ्लैट पर पहुँचे, जो उनके घर से लगभग 200 मीटर दूर था। उन्होंने पाया कि दूसरी मंजिल पर स्थित फ्लैट का दरवाजा बाहर से बंद था। घर के मालिक ने शुरू में दावा किया कि बच्ची अंदर नहीं है और चाबी उसके भाई के पास है, लेकिन जब बच्ची के पिता ने तलाशी की अनुमति माँगी, तो मालिक भाग गया। संदेह बढ़ने पर, पिता ने ताला तोड़कर फ्लैट में प्रवेश किया। अंदर का नज़ारा हृदय विदारक था – उनकी बेटी का निर्वस्त्र और बेजान शरीर खून से सने एक सूटकेस में ठूंसकर रखा हुआ था।
अस्पताल पहुंचने से पहले ही मासूम ने तोड़ा दम, डॉक्टरों ने जताई यौन उत्पीड़न की आशंका
पिता ने तुरंत अपनी बेटी को स्थानीय क्लिनिक पहुँचाया, लेकिन डॉक्टर ने उन्हें तत्काल जेपीसी अस्पताल (जग प्रवेश चंद्र अस्पताल, शास्त्री पार्क) ले जाने को कहा। दुर्भाग्य से, अस्पताल पहुँचने पर डॉक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने प्राथमिक जांच में बच्ची के चेहरे पर गंभीर चोटों के निशान पाए और यौन उत्पीड़न की प्रबल आशंका भी जताई। इस जानकारी के बाद, पुलिस को रात करीब 8:41 बजे दयालपुर पुलिस स्टेशन में एक पीसीआर कॉल मिली, जिसमें एक नाबालिग लड़की के साथ यौन उत्पीड़न की सूचना दी गई थी।
पुलिस कार्रवाई और कानूनी धाराएं
पुलिस टीम तुरंत गली नंबर 2, नेहरू विहार पहुँची। घटना की गंभीरता को देखते हुए, अपराध शाखा और फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की टीमों को मौके पर बुलाया गया, जिन्होंने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया और महत्वपूर्ण सबूत इकट्ठा किए। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103(1) (हत्या के लिए दंड) और धारा 66 (बलात्कार जिससे मृत्यु हो या लगातार वनस्पति स्थिति में परिणाम हो), साथ ही पॉक्सो एक्ट की धारा 6 (गंभीर भेदक यौन हमला के लिए दंड) के तहत मामला दर्ज किया है। पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत, दोषी को 20 साल से कम नहीं, बल्कि आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है, जिसका अर्थ है व्यक्ति के शेष प्राकृतिक जीवन के लिए कारावास।
छह टीमें गठित, दिल्ली सहित पड़ोसी राज्यों में छापेमारी जारी
इस जघन्य अपराध के आरोपियों को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस ने 6 विशेष टीमों का गठन किया है। ये टीमें आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ और अलीगढ़ सहित विभिन्न स्थानों पर लगातार छापेमारी कर रही हैं। पुलिस सभी तकनीकी और स्थानीय सुरागों को खंगाल रही है, जिसमें इलाके के सीसीटीवी फुटेज भी शामिल हैं, ताकि जल्द से जल्द दोषियों को गिरफ्तार कर न्याय के कटघरे में लाया जा सके।
इलाके में आक्रोश और विरोध प्रदर्शन
इस घटना ने नेहरू विहार और आसपास के इलाकों में व्यापक आक्रोश और दहशत पैदा कर दी है। बच्ची की मौत की खबर फैलते ही, सैकड़ों की संख्या में स्थानीय निवासी, जिनमें पीड़ित परिवार के सदस्य भी शामिल थे, ने पास की सड़क को अवरुद्ध कर दिया और न्याय की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के खिलाफ कथित लापरवाही को लेकर नारे लगाए और दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। क्षेत्र में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए, कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल और अर्धसैनिक कर्मियों को तैनात किया गया है।
पीड़ित बच्ची के पिता ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए न्याय की मांग की है। उनका कहना है, “हमें देर रात घटना के बारे में पता चला। पुलिस रात 1 बजे के करीब आई और घर से सबूत जुटाए, लेकिन मुख्य आरोपी अभी भी फरार है। मैं तब तक चैन से नहीं बैठूँगा जब तक उसे सजा नहीं मिल जाती।” स्थानीय निवासियों और सामाजिक संगठनों ने भी अपराधियों के लिए फांसी की सजा की मांग की है। दिल्ली पुलिस ने जनता को आश्वासन दिया है कि अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें जल्द से जल्द कानून के शिकंजे में लाया जाएगा। यह मामला एक बार फिर राजधानी में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता को उजागर करता है।