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बांके बिहारी कॉरिडोर का ‘अलौकिक’ रोडमैप तैयार: वृंदावन दिखेगा दिव्य स्वरूप में, ब्रज में दौड़ेगी विकास की लहर, श्रद्धालुओं की संख्या होगी दोगुनी!

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मथुरा, उत्तर प्रदेश: शुक्रवार, 6 जून 2025, 9.26 PM।

भगवान श्रीकृष्ण की पावन लीला स्थली वृंदावन का स्वरूप अब अलौकिक और दिव्य होने जा रहा है। श्रीबांकेबिहारी कॉरिडोर के निर्माण के साथ ही वृंदावन के समग्र विकास का एक विस्तृत रोडमैप तैयार कर लिया गया है। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने कई महीनों की गहन मशक्कत के बाद यह महत्वाकांक्षी योजना बनाई है, जिससे न केवल श्रद्धालुओं को अभूतपूर्व आध्यात्मिक अनुभव मिलेगा, बल्कि ब्रज क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए भी समृद्धि और विकास के नए द्वार खुलेंगे। इस पहल से पर्यटकों की संख्या दोगुनी होने की उम्मीद है, जिससे ब्रजवासियों की ‘चांदी ही चांदी’ होगी।

कॉरिडोर से निखरेगा वृंदावन का पौराणिक सौंदर्य

इस विस्तृत योजना के तहत, श्रीबांकेबिहारी कॉरिडोर के आसपास के क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। परिक्रमा मार्ग का विकास और यमुना के प्राचीन घाटों का पौराणिक स्वरूप पुनर्जीवित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, वन-उपवन और अनेक आधुनिक जनसुविधाओं का भी विकास किया जाएगा, ताकि कृष्ण भक्त इस आध्यात्मिक भूमि पर आकर अद्भुत आनंद की अनुभूति कर सकें। जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि कॉरिडोर निर्माण के साथ ही आध्यात्मिक नगरी वृंदावन में विकास कार्यों की एक नवीन श्रृंखला शुरू होगी।

मंडलायुक्त शैलेंद्र कुमार सिंह ने हाल ही में पर्यटन सुविधा केंद्र पर व्यापारियों के साथ एक बैठक में इस रोडमैप की जानकारी दी, जहाँ उन्होंने बताया कि यह योजना किस तरह वृंदावन की तस्वीर बदलेगी।

यातायात से लेकर रिवर फ्रंट तक का विकास

इस भव्य योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा कॉरिडोर के सामने ही यमुना नदी पर बनने वाला भव्य सिग्नेचर ब्रिज होगा। यह ब्रिज वृंदावन में अक्सर होने वाले वाहनों के जाम को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आवागमन सुगम होगा। कॉरिडोर के निकट ही यमुना रिवर फ्रंट को भी विकसित किया जाएगा, जो यमुना के सौंदर्य और पवित्रता को निखारेगा। परिक्रमा मार्ग के विकास के लिए भी विस्तृत योजनाएं बनाई गई हैं, जो श्रद्धालुओं की आध्यात्मिक यात्रा को और अधिक सुगम बनाएंगी। इन सबके साथ ही, पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अनेक नई योजनाएं भी शामिल की गई हैं।

पर्यटन हब बनेगा वृंदावन: काशी विश्वनाथ की तर्ज पर दोगुनी होगी भीड़

स्थानीय प्रशासन और क्षेत्र के कारोबारियों का मानना है कि सुविधाओं के विस्तार से किसी भी स्थान के प्रति लोगों का रुझान बढ़ता है। इसके लिए काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उदाहरण दिया जा रहा है, जहाँ कॉरिडोर बनने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या दोगुनी हो गई है। अधिकारियों को विश्वास है कि बांकेबिहारी कॉरिडोर निर्माण के बाद मथुरा-वृंदावन आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी भारी इजाफा होगा और यह क्षेत्र एक प्रमुख पर्यटन हब के रूप में विकसित होगा। वर्तमान स्थिति की तुलना में दोगुनी संख्या में श्रद्धालु यहाँ आएंगे, जिससे स्थानीय व्यापार और अर्थव्यवस्था को बड़ा बूस्ट मिलेगा।

पर्यटन विभाग के आंकड़े इस दावे का समर्थन करते हैं। आंकड़ों के अनुसार:

  • 2024 में मथुरा जिले में करीब 21.96 करोड़ श्रद्धालु आए।
  • इनमें से सबसे अधिक 2.55 करोड़ श्रद्धालु वृंदावन में श्रीबांकेबिहारी के दर्शन के लिए पहुँचे।
  • इनमें 70 हजार विदेशी पर्यटक भी शामिल थे।
  • उत्तर प्रदेश में आगरा के बाद सबसे अधिक विदेशी पर्यटक मथुरा में ही आते हैं।

ब्रज में आने वाले भारतीय और विदेशी श्रद्धालुओं के लिए वृंदावन के श्री बांके बिहारी मंदिर सबसे प्रमुख आकर्षण है। इसके अलावा, गोवर्धन, कुसुम सरोवर, राधाकुंड, गोकुल, बरसाना और नंदगांव जैसे पवित्र स्थल भी श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं।

बढ़ते श्रद्धालु और भविष्य की उम्मीदें

अधिकारियों के मुताबिक, मथुरा-वृंदावन में आने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा साल दर साल लगातार बढ़ रहा है। हर साल औसतन आठ से 10 लाख पर्यटकों का इजाफा हो रहा है। अधिकारियों का दावा है कि कॉरिडोर निर्माण के बाद यह आंकड़ा निश्चित रूप से दो गुना हो जाएगा, जिससे क्षेत्र में पर्यटन और संबंधित उद्योगों को अभूतपूर्व लाभ मिलेगा।

वृंदावन में साल दर साल बढ़ रहे श्रद्धालुओं की संख्या (लाखों/करोड़ में):

  • 2021: 90 लाख (कोविड के चलते संख्या कम रही)
  • 2022: 1.25 करोड़
  • 2023: 1.75 करोड़
  • 2024: 2.55 करोड़ (नोट- इनमें विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं।)

यह कॉरिडोर केवल एक धार्मिक परियोजना नहीं, बल्कि ब्रज क्षेत्र के लिए एक समग्र विकास का प्रतीक है, जिससे वृंदावन सचमुच एक अलौकिक स्वरूप में दिखेगा और स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।

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