नई दिल्ली। एक समय पर आर्थिक संकटों से जूझ रही अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर अब रक्षा क्षेत्र में बड़ी छलांग लगाने की तैयारी में है। कंपनी ने दावा किया है कि उसने 155 मिमी की नई जनरेशन के 4 प्रकार के आर्टिलरी गोला-बारूद को डिजाइन और विकसित कर लिया है। ये उपलब्धि हासिल करने वाली यह देश की पहली निजी कंपनी बन गई है।
💡 मेक इन इंडिया की बड़ी सफलता
कंपनी का यह प्रोजेक्ट पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित है और ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत इसे भारत के रक्षा निर्माण क्षेत्र में एक मील का पत्थर माना जा रहा है। इस परियोजना में देश की 10 कंपनियों को सप्लाई चेन में शामिल किया गया है और तत्काल उत्पादन शुरू किया जा सकता है।
📈 भविष्य में 10,000 करोड़ तक के ऑर्डर की उम्मीद
कंपनी को उम्मीद है कि अगले 10 वर्षों में रक्षा मंत्रालय से 10,000 करोड़ रुपये तक के ऑर्डर मिल सकते हैं। भारतीय सेना का गोला-बारूद पर खर्च 2023 में 7,000 करोड़ रुपये था, जो 2032 तक 12,000 करोड़ रुपये सालाना तक पहुंचने का अनुमान है। ऐसे में रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो सकती है।
🌍 निर्यात बाजार में भी नजर
कंपनी की नजर सिर्फ घरेलू रक्षा बाजार पर नहीं, बल्कि निर्यात में भी बड़ी संभावनाएं देखी जा रही हैं। अनुमान है कि आने वाले 10 वर्षों में 10,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व एक्सपोर्ट से प्राप्त हो सकता है। कंपनी की कई SPV (Special Purpose Vehicles) पहले से ही DRDO के साथ मिलकर विभिन्न रक्षा परियोजनाओं पर कार्य कर रही हैं।
⚠️ अब तक नहीं मिला सेना से ऑर्डर
हालांकि कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि अब तक भारतीय सेना से कोई ऑर्डर नहीं मिला है। लेकिन इसके बावजूद कंपनी को एक कानूनी राहत मिली है।
🏛️ NCLAT से राहत
IDBI ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड द्वारा 88 करोड़ रुपए के डिफॉल्ट को लेकर दायर दिवालियापन याचिका पर NCLAT (राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण) ने कार्यवाही पर रोक लगा दी है।
💹 शेयर बाजार में हलचल
इस खबर के बीच कंपनी का शेयर 373.90 रुपये पर 0.66% की तेजी के साथ ट्रेड कर रहा है, जो निवेशकों में विश्वास की वापसी का संकेत देता है।