नोएडा, उत्तर प्रदेश: गुरुवार, 5 जून 2025, शाम।
कोरोना वायरस ने नोएडा जिले में आज अपनी पहली और बेहद दर्दनाक दस्तक दी है, जहाँ एक मात्र साढ़े तीन साल की मासूम बच्ची ने कोविड संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया। इस हृदयविदारक घटना के साथ ही, जिले में 20 और नए कोरोना मरीज सामने आए हैं, जिससे कुल संक्रमितों की संख्या 158 तक पहुंच गई है। यह आंकड़ा नोएडा में कोविड-19 के बढ़ते खतरे की ओर स्पष्ट संकेत कर रहा है, जिसने स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ा दी हैं।
कोविड से पहली मौत: डिहाइड्रेशन और निमोनिया की शिकार मासूम:
जिले में कोविड से हुई यह पहली मौत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मृत बच्ची छिजारसी की रहने वाली थी और उसका इलाज दिल्ली के प्रतिष्ठित चाचा नेहरू अस्पताल में चल रहा था। एसीएमओ डॉ. टीकम सिंह ने बताया कि बच्ची को शुरुआत में डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) की शिकायत के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसकी हालत लगातार गंभीर बनी हुई थी और उसे निमोनिया भी हो गया था। जांच के दौरान, उसमें कोविड संक्रमण की पुष्टि हुई, जिसने उसकी हालत को और बिगाड़ दिया। अस्पताल की ओर से पोर्टल पर इसकी जानकारी देने के बाद, स्वास्थ्य विभाग बच्ची के परिजनों से संपर्क स्थापित कर रहा है। इस घटना ने पूरे जिले में शोक और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है, खासकर बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर।
नोएडा में कोरोना की स्थिति: सक्रिय मामलों में तेजी:
गुरुवार को सामने आए 20 नए मामलों के बाद, नोएडा में कुल कोविड-19 संक्रमितों की संख्या बढ़कर 158 हो गई है, जिनमें 94 पुरुष और 64 महिलाएं शामिल हैं। राहत की बात यह है कि इस समय अस्पताल में केवल दो मरीज ही भर्ती हैं, जबकि शेष मरीज होम आइसोलेशन में हैं। अब तक सात मरीज ठीक होकर अपने घरों को लौट चुके हैं, लेकिन चिंता का विषय यह है कि जिले में सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 151 हो गई है, जो संक्रमण के प्रसार को दर्शाता है।
स्वास्थ्य विभाग की तैयारी: जांच का दायरा बढ़ा और सुविधाओं की समीक्षा:
जैसे-जैसे मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है, नोएडा का स्वास्थ्य विभाग भी अपनी कमर कस रहा है। विभाग ने जांच का दायरा बढ़ाने पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। अभी तक कोविड की जांच केवल जिला अस्पताल में ही हो रही थी, लेकिन अब प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी कोविड जांच शुरू करने की कवायद तेज कर दी गई है। इसके लिए सभी आवश्यक जांच किट स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करा दी गई हैं। गुरुवार को सात लोगों के कोविड सैंपल भी लिए गए हैं, हालांकि यह संख्या नए मामलों की तुलना में कम प्रतीत होती है, जो भविष्य में जांचों में और तेजी की आवश्यकता को दर्शाता है।
एसीएमओ डॉ. टीकम सिंह ने बताया कि लखनऊ से जिले में मौजूदा स्वास्थ्य सुविधाओं की विस्तृत सूची मांगी गई है। स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, नेबुलाइज़र, दवाओं का स्टॉक और बेड आदि की जानकारी तत्काल भेज दी गई है। उन्होंने आश्वस्त किया कि इस समय भंगेल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 75 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध हैं, जिन्हें जरूरत पड़ने पर अन्य केंद्रों पर भेजा जाएगा। इसके अलावा, सभी ऑक्सीजन प्लांट्स का भी निरीक्षण किया गया है और वे सभी सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं, जिससे ऑक्सीजन की कमी की आशंका नहीं है।
कॉल सेंटर के लिए शिक्षकों की मांग: संसाधनों की कमी:
हालांकि, मरीजों की बढ़ती संख्या के साथ, सभी संक्रमितों से फोन पर संपर्क कर उनके स्वास्थ्य की नियमित जानकारी लेना स्वास्थ्य विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए, एसीएमओ की ओर से बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर शिक्षकों की मांग की गई है। इन शिक्षकों को कॉल सेंटर में सहायता के लिए तैनात किया जाएगा ताकि मरीजों के स्वास्थ्य की जानकारी नियमित रूप से ली जा सके और उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किया जा सके। यह कदम स्वास्थ्य विभाग के संसाधनों पर पड़ रहे दबाव को भी दर्शाता है।
नोएडा में कोरोना से हुई पहली मौत और बढ़ते मामले यह संकेत देते हैं कि नागरिकों को अब और अधिक सतर्क रहने और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की आवश्यकता है।