आगरा, उत्तर प्रदेश: बुधवार, 4 जून 2025, सुबह 9:15 बजे।
आगरा के खेरिया एयरपोर्ट पर मंगलवार का दिन बेंगलुरु जाने वाले इंडिगो के यात्रियों के लिए अप्रत्याशित तनाव और चिंता का सबब बन गया। उड़ान भरने के लिए रनवे पर पहुंचे विमान में अचानक तकनीकी खराबी आने से यात्रियों को करीब एक घंटे तक उड़ान के लिए तैयार विमान में ही बंधे रहना पड़ा। रनवे पर अपनी बारी का इंतजार कर रहे विमान के इंजन के शोर के बीच जब पायलट ने किसी अप्रत्याशित फॉल्ट को महसूस किया, तो तुरंत स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए उन्होंने एटीसी से संपर्क किया और विमान को तत्काल पार्किंग एरिया में वापस लाने का निर्णय लिया। यह नाटकीय मोड़ उस क्षण आया जब यात्रियों ने अपनी सीट बेल्ट कसी हुई थी और वे अपनी यात्रा शुरू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, और अचानक विमान रुकने और पीछे जाने से उनमें घबराहट फैल गई।
मिली जानकारी के अनुसार, इंडिगो की आगरा-बेंगलुरु नियमित फ्लाइट (शायद 6E 7215, हालांकि खबर में फ्लाइट नंबर का उल्लेख नहीं है) दोपहर 12:10 बजे खेरिया एयरपोर्ट पर लैंड हुई थी और यात्रियों को लेकर दोपहर 1:00 बजे बेंगलुरु के लिए उड़ान भरने वाली थी। सब कुछ सामान्य लग रहा था। यात्री अपनी सीटों पर आराम से बैठे थे, उड़ान की घोषणा हो चुकी थी, और विमान धीरे-धीरे रनवे की ओर बढ़ रहा था। पायलट ने टेकऑफ के लिए अंतिम जांच प्रक्रियाएं पूरी की ही थीं कि उन्हें सिस्टम में कुछ ‘तकनीकी दिक्कत’ महसूस हुई। सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए, पायलट ने बिना किसी देरी के एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) को सूचित किया और रनवे छोड़ने की अनुमति लेकर विमान को वापस पार्किंग बे में लाया गया। विमान के रुकने और फिर धीरे-धीरे वापस आने से भीतर बैठे यात्रियों में फुसफुसाहट और चिंता साफ देखी जा सकती थी।
विमान के पार्किंग में वापस आने के तुरंत बाद, इंडिगो की विशेषज्ञ टेक्निकल टीम हरकत में आई। इंजीनियरों ने तेजी से विमान की जांच शुरू कर दी। यह एक ऐसी प्रक्रिया थी जहाँ सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता था। हर एक उपकरण और सिस्टम की बारीकी से जांच की गई ताकि समस्या का मूल कारण पता चल सके। करीब एक घंटे की गहन मशक्कत और मरम्मत के बाद, जब इंजीनियरों ने पुष्टि कर दी कि विमान का सिस्टम पूरी तरह से सामान्य और उड़ान भरने के लिए सुरक्षित है, तभी उसे फ्लाइट क्लियरेंस दी गई। इस एक घंटे के दौरान, यात्रियों को विमान के अंदर ही इंतजार करना पड़ा। कुछ यात्रियों के चेहरों पर चिंता साफ झलक रही थी, खासकर उन लोगों की जिन्हें आगे कनेक्टिंग फ्लाइट लेनी थी। हालांकि, एयरलाइन स्टाफ ने स्थिति को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, यात्रियों को लगातार अपडेट देते रहे और उन्हें शांत करने की कोशिश की।
तकनीकी जांच और मरम्मत के सफल होने के बाद, विमान ने करीब दोपहर 2:00 बजे बेंगलुरु के लिए आखिरकार उड़ान भरी। इस पल यात्रियों ने राहत की गहरी साँस ली, क्योंकि उनकी अनिश्चितता का दौर खत्म हो चुका था। खेरिया हवाई अड्डे के निदेशक वाई.एस. तोमर ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि सुरक्षा नियमों के तहत सभी आवश्यक तकनीकी परीक्षण पूरे करने के बाद ही फ्लाइट को उड़ान की मंजूरी दी गई थी। उन्होंने दोहराया कि यात्रियों की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है, और इसी सिद्धांत पर चलते हुए, भले ही थोड़ी देरी हुई, लेकिन विमान की पूरी तरह से जांच सुनिश्चित की गई। यह घटना एक बार फिर हवाई यात्रा में सुरक्षा प्रोटोकॉल के महत्व और आपातकालीन स्थितियों को संभालने के लिए एयरलाइन और एयरपोर्ट अधिकारियों की तत्परता को रेखांकित करती है।