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बकरीद पर आगरा में सांप्रदायिक सौहार्द का संकल्प: तीन दिन चलेंगी कुर्बानियां, हिंदुस्तानी बिरादरी ने की विशेष अपील!

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आगरा, उत्तर प्रदेश: मंगलवार, 3 जून 2025, रात 10:30 बजे।

मुस्लिम समाज का बड़ा त्योहार ईद-उल-अजहा (बकरीद) आगामी 7 जून को है, और इसकी तैयारियां आगरा में पूरे ज़ोर-शोर से चल रही हैं। शहर में उत्सव का माहौल है, जहाँ मीरा हुसैनी चौराहा से सदर भट्ठी तक बकरा मंडी सज चुकी है। सुबह से देर शाम तक बकरों की जमकर खरीद-फरोख्त चल रही है। चूंकि यह बकरा मंडी मंटोला थाने इलाके में लग रही है, इसलिए पुलिस लगातार निगरानी कर रही है ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे। इसी क्रम में आज मंटोला थाने में एक महत्वपूर्ण शांति समिति की बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें त्योहार के दौरान शांति और सौहार्द बनाए रखने पर जोर दिया गया।

बकरीद यूं तो 7 जून को मनाई जाएगी, लेकिन कुर्बानियां 8 और 9 जून को भी होंगी। आगरा शहर ही नहीं, बल्कि पूरे जिले के सभी थाना क्षेत्रों में कुर्बानी का यह सिलसिला जारी रहेगा। मंटोला में हुई शांति समिति की बैठक में सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. शिराज कुरैशी ने एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया। उन्होंने अपील की कि कुर्बानियों के बाद जानवरों की जो खालें बिकने के लिए मंटोला इलाके में आती हैं, उन्हें खुले में न बेचा जाए, ताकि स्वच्छता और व्यवस्था बनी रहे।

बकरीद के अवसर पर शहर में सांप्रदायिक सौहार्द और गंगा-जमुनी तहज़ीब को कायम रखने का संकल्प हिंदुस्तानी बिरादरी संस्था ने लिया है। सदर भट्ठी स्थित कार्यालय पर आयोजित एक विशेष विचार गोष्ठी में संस्था अध्यक्ष और भारत सरकार से कबीर पुरस्कार से सम्मानित डॉ. शिराज कुरैशी की अध्यक्षता में यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया। डॉ. कुरैशी ने अपने संबोधन में कहा कि आगरा केवल ताजमहल का शहर नहीं है, बल्कि यह मोहब्बत और सौहार्द की राजधानी भी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बकरीद पर यहां एक बार फिर भाईचारे की वो खूबसूरत तस्वीर नजर आएगी, जो आगरा की पहचान है। उन्होंने मुस्लिम समाज से विशेष अपील की कि कुर्बानी सार्वजनिक स्थलों पर न की जाए और साफ-सफाई तथा शालीनता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने यह भी कहा कि गोश्त या जानवरों के अंग खुले में न ले जाएं और कुर्बानी के बाद खून को नालियों में न बहने दें, बल्कि तुरंत पानी डालकर साफ करें।

सामाजिक समरसता की आवाज उठाते हुए, वरिष्ठ पत्रकार और संस्था के उपाध्यक्ष विशाल शर्मा ने कहा कि बकरीद सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि भाईचारे और एकता की मिसाल पेश करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि हमें यह दिखाना है कि आगरा से उठी यह रौशनी पूरे देश में फैले। संस्था के महासचिव विजय उपाध्याय और सचिव ज़ियाउद्दीन ने भी समाज से शांति और सजगता बनाए रखने की अपील की। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि कोई अफवाह फैले तो तुरंत पुलिस को सूचित करें, लेकिन कानून को अपने हाथ में न लें।

बैठक में यह भी तय किया गया कि त्योहार के दौरान शहर की स्वच्छता, यातायात व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल प्रशासन से मिलेगा और संबंधित मुद्दों पर चर्चा करेगा। इस विचार गोष्ठी में राजकुमार नागरथ, मोहम्मद शरीफ ‘काले’, इमरान सहित अनेक नागरिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। एक स्वर में प्रस्ताव पारित हुआ कि यदि कोई भी व्यक्ति सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करेगा, तो उसका डटकर विरोध किया जाएगा।

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