आगरा, उत्तर प्रदेश: विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर आगरा में एक महत्वपूर्ण जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में चिकित्सा, प्रशासन, बैंकिंग और कानूनी क्षेत्रों के प्रमुख व्यक्तियों ने हिस्सा लिया, जिसका मुख्य उद्देश्य तंबाकू सेवन के गंभीर दुष्प्रभावों पर चर्चा करना और समाज को इससे बचाने के लिए प्रभावी उपायों को लागू करना था।

जिलाधिकारी ने तंबाकू नियंत्रण पर दिया जोर
संगोष्ठी में जिलाधिकारी (DM) ने तंबाकू नियंत्रण को लेकर सरकार और प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर खास जोर दिया। उन्होंने कहा, “तंबाकू सेवन न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक स्तर पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। हमें अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी और जनसहयोग के माध्यम से इस बुरी आदत को समाप्त करना होगा।”
DM ने आगे बताया कि प्रशासन सार्वजनिक स्थलों पर तंबाकू सेवन रोकने के लिए पूरी सख्ती से काम करेगा और सभी नागरिकों से इस अभियान में सक्रिय भागीदारी की उम्मीद करता है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि स्वास्थ्य और शिक्षा विभागों के साथ मिलकर तंबाकू नियंत्रण अभियान को और बड़े पैमाने पर लागू किया जाएगा। सरकारी और निजी संस्थानों में भी ‘तंबाकू मुक्त कार्यस्थल’ नीति को अपनाने पर विशेष बल दिया गया।

प्रशासनिक रणनीतियाँ: जुर्माने और जागरूकता
राजस्व उप आयुक्त अशोक कुमार चौबे ने प्रशासनिक रणनीतियों की जानकारी देते हुए बताया, “सरकार ने सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध लगा दिया है और इसका उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया जा रहा है। हमें सभी स्तरों पर इस नियम को लागू करने के लिए मिलकर प्रयास करना होगा। प्रशासनिक सहयोग से ही तंबाकू के दुष्प्रभावों को कम किया जा सकता है।” उन्होंने साफ किया कि नियम तोड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी: तंबाकू से बढ़ रही बीमारियाँ
संगोष्ठी में उपस्थित वरिष्ठ चिकित्सकों ने तंबाकू सेवन से होने वाले गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ. सोमा सिंह, डॉ. बोरिस बैचेल, डॉ. एल.के. गुप्ता, डॉ. मुकेश चौधरी और डॉ. अखिल प्रताप सिंह ने बताया कि तंबाकू सेवन से कैंसर, हृदय रोग, फेफड़ों की गंभीर समस्याएं और उच्च रक्तचाप जैसी जानलेवा बीमारियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि युवा वर्ग में गुटखा और सिगरेट का बढ़ता सेवन एक बड़ी चुनौती है, जिसे रोकने के लिए विशेष जागरूकता अभियान तुरंत शुरू करने की आवश्यकता है।
तंबाकू मुक्त समाज का संकल्प: सामूहिक प्रयास
संगोष्ठी में मौजूद सभी प्रतिभागियों ने ‘तंबाकू मुक्त समाज’ बनाने की दिशा में सक्रिय रूप से कार्य करने का संकल्प लिया। विशेषज्ञों और अधिकारियों ने मिलकर यह भी निर्णय लिया कि शैक्षणिक संस्थानों, कार्यस्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके अलावा, तंबाकू छोड़ने के इच्छुक लोगों के लिए परामर्श केंद्र, हेल्पलाइन और स्वास्थ्य जांच शिविर भी स्थापित किए जाएंगे ताकि उन्हें सही मार्गदर्शन और सहायता मिल सके।
कार्यक्रम के अंत में, जिलाधिकारी ने आगरा की जनता से अपील की कि वे तंबाकू का त्याग करें और दूसरों को भी इसके खिलाफ जागरूक करें। उन्होंने जोर देकर कहा कि सामूहिक प्रयासों से ही इस घातक आदत को समाप्त किया जा सकता है और एक स्वस्थ समाज की स्थापना संभव होगी। इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि आगरा में अधिक से अधिक लोग तंबाकू छोड़ेंगे और अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देंगे, जिससे एक स्वस्थ और सशक्त समाज का निर्माण होगा।