नई दिल्ली: 29 अप्रैल, 1999 की वो रात… दिल्ली की जानी-मानी मॉडल जेसिका लाल की सिर्फ इसलिए हत्या कर दी गई क्योंकि उन्होंने एक रईसजादे को शराब परोसने से इनकार कर दिया था। दिल्ली के एक हाई-प्रोफाइल क्लब में भीड़ के बीच जेसिका को गोली मारी गई। पार्टी में मौजूद मेहमानों ने गोली चलने की आवाज सुनी, हत्यारे को भागते भी देखा, लेकिन जब मामला अदालत में पहुंचा तो सभी 33 गवाह अपने बयानों से मुकर गए। उनका कहना था कि लड़की को मारा तो गया, लेकिन किसने मारा, ये नहीं पता। यह चौंकाने वाली कहानी जेसिका लाल हत्याकांड की है, जिसने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था।
29 अप्रैल 1999 की वो खौफनाक रात और ‘शोना’ का दर्दनाक अंत
यह घटना 29 अप्रैल, 1999 की रात दिल्ली के मेहरौली इलाके में स्थित बीना रमानी के रेस्टोरेंट टैमेरिंड कोर्ट में हुई। उस रात जेसिका लाल बतौर बारटेंडर काम कर रही थीं। हरियाणा कांग्रेस नेता विनोद शर्मा के बेटे सिद्धार्थ शर्मा उर्फ मनु शर्मा ने जेसिका से शराब मांगी। जेसिका ने रात करीब 12:20 बजे बार बंद होने का हवाला देकर शराब देने से मना कर दिया। इस बात पर मनु शर्मा ने गुस्से में आकर जेसिका को गोली मार दी। जेसिका को तुरंत अपोलो अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
कौन थी जेसिका लाल? सपना और बारटेंडर बनने का कारण
5 जनवरी 1965 को दिल्ली में जन्मी जेsसिका लाल को घर में प्यार से ‘शोना’ बुलाया जाता था। वह अपने माता-पिता की बड़ी बेटी थीं, और उनकी छोटी बहन सबरीना हैं। बॉलीवुड में काम करने का सपना देखने वाली जेसिका ने कम उम्र से ही मॉडलिंग करना शुरू कर दिया था। दिल्ली की मॉडलिंग की दुनिया में उनकी अच्छी पहचान बन चुकी थी। अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए वह छोटे-मोटे काम करके पैसे भी कमा लेती थीं।
मॉडलिंग के दौरान ही जेसिका की मुलाकात मॉडल मालिनी रमानी से हुई। मालिनी की मां बीना रमानी का मेहरौली स्थित कुतुब कोलोनेट हवेली में टैमेरिंड कोर्ट नाम का एक रेस्टोरेंट था। मालिनी के पिता जॉर्ज मेलहॉट एक बड़े बिजनेसमैन थे और मई 1999 में कनाडा शिफ्ट होने की तैयारी में थे। इसी मौके पर उनकी मां ने 29 अप्रैल 1999 को एक फेयरवेल पार्टी रखी थी। मालिनी ने जेसिका को इस पार्टी में बारटेंडर के तौर पर काम करने का ऑफर दिया। जेसिका ने अतिरिक्त आय (एक्स्ट्रा इनकम) के लिए खुशी-खुशी इस काम के लिए हामी भर दी। जेसिका का दोस्त और मॉडल शयान मुंशी भी बारटेंडिंग के काम के लिए उनके साथ आया था। 29 अप्रैल 1999 को टैमेरिंड कोर्ट रेस्टोरेंट में आयोजित पार्टी में जेसिका का काम रसूखदार मेहमानों को शराब परोसना था। हैरान करने वाली बात यह है कि उस रेस्टोरेंट के पास शराब परोसने का वैध लाइसेंस तक नहीं था।
यह मामला न्याय प्रणाली के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया था, जहां शुरुआत में सबूतों और गवाहों के मुकर जाने से न्याय की उम्मीद धूमिल हो गई थी। हालांकि, बाद में मीडिया के स्टिंग ऑपरेशन और जन आंदोलन के कारण यह मामला दोबारा खुला और दोषियों को सजा मिली।