गुरुवार, 29 मई 2025 की शाम को ग्रेटर नोएडा के बिसरख कोतवाली क्षेत्र के गौर सिटी सेंटर के स्टूडियो अपार्टमेंट में एक दर्दनाक घटना हुई। एक युवक ने 16वीं मंजिल की छत (टैरेस एरिया) से छलांग लगा दी। वह सीधे तीसरी मंजिल की बालकनी पर गिरा और गंभीर रूप से घायल हो गया। आनन-फानन में मौके पर पहुंची पुलिस और अपार्टमेंट के लोगों ने उसे पास के एक निजी अस्पताल पहुंचाया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक की पहचान आर्यन शर्मा (20) निवासी अनिरुद्धपुर, बहेरी, जिला बरेली के रूप में हुई है।
न नौकरी, न पढ़ाई, घरवालों से भी कम संपर्क
कोतवाली पुलिस का कहना है कि बरेली का आर्यन पिछले डेढ़ माह से गौर सिटी सेंटर के स्टूडियो अपार्टमेंट में किराए का फ्लैट लेकर अकेला रह रहा था। वह कोई काम नहीं करता था और न ही पढ़ाई करता था। घरवालों से भी उसका कम ही संपर्क रहता था। गुरुवार शाम करीब साढ़े पांच बजे वह स्टूडियो अपार्टमेंट की 16वीं मंजिल की टैरेस एरिया में गया था और वहाँ से उसने अचानक छलांग लगा दी, जिसके कारण वह तीसरी मंजिल पर टीन शेड एरिया में आकर गिरा। अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों और गार्डों ने तुरंत उसे उठाकर एंबुलेंस की मदद से पास के एक निजी अस्पताल पहुंचाया, जहाँ से उसे बाद में सेक्टर-39 जिला अस्पताल रेफर किया गया। वहीं इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
मानसिक तनाव की आशंका, सुसाइड नोट नहीं मिला
कोतवाली प्रभारी मनोज कुमार का कहना है कि शव को कब्जे में लेकर पंचायतनामा भरकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। घटना की वजह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाई है, लेकिन आशंका है कि युवक ने मानसिक तनाव के कारण आत्महत्या की है। घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है और मामले में कोई शिकायत भी दर्ज नहीं की गई है। युवक के पास से मिले दस्तावेजों के आधार पर उसके परिवार को सूचित कर दिया गया है। युवक के मोबाइल फोन और अन्य निजी दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है। परिवार से भी पूछताछ की जा रही है ताकि घटना के पीछे की सच्चाई सामने आ सके।
प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप
निवासियों का आरोप है कि गौर सिटी सेंटर की ऊपरी मंजिलों पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। 16वीं मंजिल की टैरेस एरिया तक किसी भी व्यक्ति की आसानी से पहुंच हो सकती है, क्योंकि वहाँ किसी प्रकार की सुरक्षा ग्रिल या बैरिकेडिंग नहीं लगाई गई है। टैरेस तक पहुंचने की कोई विशेष निगरानी व्यवस्था भी नहीं है, न ही वहाँ सीसीटीवी कैमरे पूरी तरह से सक्रिय हैं। निवासियों का कहना है कि यदि समय रहते टैरेस पर सुरक्षा ग्रिल या बैरिकेडिंग होती, तो शायद इस युवक की जान बचाई जा सकती थी। इसलिए, निवासियों ने प्रबंधन की भूमिका की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।