आगरा: आगरा में पांच साल की मासूम बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में जब पीड़ित परिवार ने न्याय की उम्मीद लगभग छोड़ दी थी, तब राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता चौहान की दृढ़ता और हस्तक्षेप ने पूरे घटनाक्रम का रुख मोड़ दिया है। उनकी सख्ती के बाद अब आरोपी के खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई की उम्मीद जगी है।
पीड़ित परिवार, जो पहले से ही गहरे सदमे में था, और पुलिस द्वारा आरोपी को पहले पकड़कर फिर छोड़ दिए जाने के बाद उनकी हिम्मत टूट चुकी थी। बताया गया कि परिजन दबाव में बयान देने को तैयार नहीं थे। लेकिन, आज जब महिला आयोग अध्यक्ष डॉ. बबीता चौहान पीड़ित परिवार से मिलीं, तो उन्होंने परिवार को न केवल हिम्मत दी, बल्कि आरोपी को सबक सिखाने का संकल्प भी दिलाया। डॉ. बबीता चौहान ने सबसे पहले सीधे उस मंदिर का दौरा किया, जहाँ बच्ची के साथ दुष्कर्म की जघन्य घटना हुई थी, और इसके बाद उन्होंने परिजनों से सीधे संवाद किया।
डॉ. बबीता चौहान ने परिवार को यह भरोसा दिलाया कि “अब कार्रवाई होगी… और ये कार्रवाई एक मिसाल बनेगी।” उन्होंने बच्ची के परिजनों की भावनात्मक काउंसलिंग की और उन्हें आश्वस्त किया कि कानून उनके साथ है। इस समर्थन और भरोसे के बाद, पीड़ित परिवार ने आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए अपनी सहमति दे दी।
मानसिक बीमारी की ढाल नहीं चलेगी
डॉ. बबीता चौहान ने आरोपी के मानसिक रूप से बीमार होने के तर्क को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह एक गंभीर अपराध है और आरोपी को कड़ी सजा दिलाना ही समाज के लिए एक नजीर बनेगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
इसके बाद, डॉ. बबीता चौहान ने थाना जगदीशपुरा पहुंचकर पुलिस अधिकारियों से बात की। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि 15 दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल की जाए और इस केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेजा जाए, ताकि पीड़ित को जल्द से जल्द न्याय मिल सके। इस दौरान एसीपी मयंक तिवारी और एसीपी सुकन्या शर्मा भी मौके पर मौजूद रहे। आयोग अध्यक्ष के इन कड़े निर्देशों के बाद पुलिस ने मामले में कार्रवाई तेज कर दी है, जिससे पीड़ित परिवार और समाज में न्याय की उम्मीद बंधी है।