नवसारी, गुजरात: गुजरात में एक बार फिर दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ नवसारी के तपोवन संस्कार धाम में 9वीं कक्षा के 13 वर्षीय छात्र मेघ जैन की हार्ट अटैक से मौत हो गई। आरोप है कि दर्द से तड़पते छात्र को हॉस्टल स्टाफ ने एसिडिटी समझकर गंभीर लापरवाही बरती, जिसके कारण उसे समय पर उचित इलाज नहीं मिल सका और उसकी जान चली गई। यह घटना स्वास्थ्य सुविधाओं में लापरवाही और बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है।
दर्दनाक घटना का विवरण
महाराष्ट्र के नंदूरबार जिले के शाहदा के रहने वाले मेघ जैन पिछले तीन साल से तपोवन संस्कार धाम में रहकर पढ़ाई कर रहे थे। यह दुखद वाकया 25 मई की रात को हुआ। घटना का पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी फुटेज में भी कैद हो गया है, जिसने लापरवाही के आरोपों को और पुख्ता कर दिया है। फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि मेघ सीने में तेज दर्द से तड़प रहे थे, और हॉस्टल का एक सहायक उन्हें अपने पास लिए बैठा रहा। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि हॉस्टल स्टाफ ने बच्चे के सीने के दर्द को सामान्य गैस या एसिडिटी से होने वाला दर्द मान लिया। इस गलतफहमी के कारण, उन्होंने आपातकालीन स्थिति में उठाए जाने वाले महत्वपूर्ण मेडिकल विकल्पों पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया, और न ही तुरंत किसी चिकित्सक से संपर्क किया।
लापरवाही और उसके परिणाम
इस गंभीर लापरवाही के आरोप में, आश्रम प्रबंधन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित सहायक को निलंबित कर दिया है। मेघ जैन की असामयिक और दर्दनाक मृत्यु से तपोवन संस्कार धाम में गहरा शोक का माहौल है। छात्रावास के अन्य छात्र भी इस घटना से सदमे में हैं और अपने साथी को खोने के दुख में डूबे हुए हैं।
मेघ जैन के पिता सचिन भंसाली और चाचा अतुल भंसाली मूल रूप से मध्य प्रदेश के खेतिया के निवासी हैं, लेकिन वर्तमान में महाराष्ट्र के शहादा में रहते हैं, जहाँ वे एक गिफ्ट शॉप का संचालन करते हैं। अपने बच्चे की अचानक और दुखद मौत से पूरा परिवार गहरे सदमे और मातम में है। उन्होंने प्रशासन से न्याय और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस जांच जारी
नवसारी ग्रामीण पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। पुलिस के अनुसार, मृतक छात्र मेघ जैन का विसरा (आंतरिक अंगों के नमूने) जांच के लिए एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लैब) भेजा गया है। एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद ही मेघ की मौत का असली और सटीक कारण स्पष्ट हो पाएगा। यह रिपोर्ट आगे की कानूनी कार्रवाई की दिशा तय करेगी। गुजरात में हाल के दिनों में हार्ट अटैक से मौत की ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, खासकर कम उम्र के लोगों में, जिसने सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों और अभिभावकों के बीच चिंता बढ़ा दी है। यह घटना एक बार फिर बच्चों और किशोरों में स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति त्वरित, सही चिकित्सा प्रतिक्रिया और स्कूलों व छात्रावासों में आपातकालीन स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के महत्व को रेखांकित करती है।