उत्तराखंड: उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। देहरादून और हरिद्वार सहित आसपास के क्षेत्रों में आज दोपहर बाद झमाझम बारिश हुई, जिससे लोगों को पिछले कई दिनों से पड़ रही तेज गर्मी और उमस से काफी राहत मिली है। वहीं, चारधाम यात्रा के प्रमुख पड़ाव बदरीनाथ धाम में भी मेघ बरसे, जिससे तीर्थयात्रियों को सुहाने मौसम का अनुभव हुआ।
मौसम विभाग के अनुसार, आज प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और हल्की वर्षा के आसार हैं। विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में तीव्र बौछारों का दौर देखने को मिल सकता है। मंगलवार को देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में सुबह से धूप खिली रही, जिसके कारण तेज गर्मी महसूस की गई। अधिकतम तापमान सामान्य रहने के बावजूद, उमस ने लोगों को काफी परेशान किया और पसीने छुड़ा दिए। पर्वतीय क्षेत्रों में दिनभर आंशिक बादल मंडराते रहे और कहीं-कहीं हल्की वर्षा भी दर्ज की गई। पूरे प्रदेश में तापमान सामान्य के आसपास बना हुआ है।

मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अगले कुछ दिनों तक उत्तराखंड में मौसम का मिजाज बदला रह सकता है। नैनीताल, चंपावत, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों के लिए गरज-चमक के साथ तीव्र बौछारों और 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं का येलो अलर्ट जारी किया गया है। देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में आंशिक बादल छाए रहने और कहीं-कहीं बूंदाबांदी होने की संभावना है। तापमान सामान्य के करीब रहने का अनुमान है।
ओलावृष्टि से फसलों के नुकसान पर मिलेगा मुआवजा
प्रदेश में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को हुए नुकसान पर सरकार ने मुआवजा देने का फैसला किया है। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियों के साथ फसलों के नुकसान की समीक्षा की और उन्हें निर्देश दिए कि नुकसान की नियमित निगरानी करते हुए हर दिन की रिपोर्ट मंत्रालय को भेजी जाए। कृषि मंत्री ने आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार के मानकों के अनुसार किसानों को उनकी फसलों का शीघ्र मुआवजा दिया जाएगा।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि प्रदेश में अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से वर्तमान में अब तक कुल 5236 हेक्टेयर कृषि भूमि में फसलों को नुकसान हुआ है। इस क्षतिग्रस्त क्षेत्रफल में से आपदा के मानकों के अनुसार 33 प्रतिशत से अधिक क्षति का क्षेत्रफल 3358 हेक्टेयर है। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रदेश सरकार इस संकट की घड़ी में किसानों के साथ खड़ी है। बैठक में निदेशक कृषि केसी पाठक, निदेशक बागवानी मिशन महेंद्र पाल, संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार और अन्य अधिकारी उपस्थित थे। यह कदम किसानों को राहत प्रदान करने और उनकी आजीविका को सहारा देने के लिए महत्वपूर्ण है।